नई दिल्ली:भारत और चार देशों के यूरोपीय समूह ईएफटीए ने निवेश और वस्तुओं एवं सेवाओं के दोतरफा व्यापार को बढ़ावा देने के लिए रविवार को फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए. यूरोपीय फ्री ट्रेड यूनियन (ईएफटीए) के सदस्य देशों में आइसलैंड, लीशटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड शामिल हैं. बता दें कि समझौते में 14 अध्याय हैं. इनमें माल में व्यापार, उत्पत्ति के नियम, बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर), सेवाओं में व्यापार, निवेश प्रोत्साहन और सहयोग, सरकारी खरीद, व्यापार में तकनीकी बाधाएं और व्यापार सुविधा शामिल है.
ईएफटीए से अधिक विदेशी निवेश मिलेगा
ईएफटीए सदस्यों की ओर से संघीय काउंसलर गाई पार्मेलिन ने कहा कि ईएफटीए देशों को वृद्धि के एक प्रमुख बाजार तक पहुंच मिली है. आगे कहा कि हमारी कंपनियां अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को अधिक जुझारू बनाते हुए उनमें विविधता लाने का प्रयास करेंगी. इसके एवज में भारत को ईएफटीए से अधिक विदेशी निवेश मिलेगा. इससे अच्छी नौकरियों में वृद्धि होगी. कुल मिलाकर टीईपीए से हमें अपनी आर्थिक क्षमता का बेहतर इस्तेमाल करने और भारत और ईएफटीए दोनों के लिए अतिरिक्त अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी.
इसके तहत दो व्यापारिक साझेदारी
मुक्त व्यापार समझौते के तहत, दो व्यापारिक साझेदार सेवाओं और निवेश को बढ़ावा देने के लिए मानदंडों को आसान बनाने के अलावा, उनके बीच व्यापार की वाली वस्तुओं की अधिकतम संख्या पर सीमा शुल्क को काफी कम या समाप्त कर देते हैं.