नई दिल्ली:केंद्र सरकार पांच सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अपनी 20 फीसदी हिस्सेदारी कम करने की विस्तृत योजना पर काम कर रही है. बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार यह रणनीति निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम), वित्तीय सेवा विभाग और संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के सहयोग से विकसित की जा रही है.
इस कदम का उद्देश्य भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता आवश्यकता का अनुपालन करना है. रिपोर्ट के अनुसार इसे प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा हिस्सेदारी में कमी के लिए ऑफर-फॉर-सेल (ओएफएस) और क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) विधियों के संयोजन का उपयोग करने की उम्मीद है.
जिन बैंकों में हिस्सेदारी कम करने का लक्ष्य रखा गया है उनमें बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब एंड सिंध बैंक शामिल हैं, जिनमें सरकार की हिस्सेदारी घटाकर 75 फीसदी से नीचे लाने की योजना है.