दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

'अगर NOTA को मिले बहुमत तो चुनाव किया जाए रद्द', SC ने ECI को जारी किया नोटिस - Supreme court

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें चुनाव आयोग को NOTA को बहुमत मिलने पर नियम बनाने का निर्देश देने की मांग की गई है.

सुप्रीम कोर्ट
Supreme Court

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 26, 2024, 1:37 PM IST

Updated : Apr 26, 2024, 2:11 PM IST

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें चुनाव आयोग को NOTA को बहुमत मिलने पर नियम बनाने का निर्देश देने की मांग की गई है. याचिका में यह भी मांग की गई है कि अगर कहीं इस तरह की स्थिति आती है तो निर्वाचन क्षेत्र में हुए चुनाव को रद्द घोषित करके वहां नए सिरे से चुनाव कराए जाएं.

मामले की सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष याचिकाकर्ता शिव खेड़ा की ओर से सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायणन पेश हुए. इस दौरान उन्होंने अदालत से कहा कि सूरत में हमने देखा कि वहां एक ही उम्मीदवार था. ऐसे में उसे विजयी घोषित कर दिया गया.

सीजेआई ने कहा कि अदालत इस पर नोटिस जारी करेगी, क्योंकि यह मामला चुनावी प्रक्रिया से जुड़ा है. गौरतलब है कि मामले की सुनवाई कर रही पीठ में डी वाई चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल थे.

5 साल चुनाव लड़ने पर लगे पाबंदी:याचिका में इलेक्शन कमीशन को यह नियम बनाने का निर्देश देने की मांग की गई है कि अगर कोई प्रत्याशी नोटा से कम वोट हासिल करता है तो उस पर 5 साल की अवधि के लिए सभी चुनाव लड़ने से रोक दिया जाए. याचिका में इस बात पर जोर दिया गया है कि चुनाव आयोग नोटा को एक वैध उम्मीदवार के रूप में मानने में विफल रहा है, जो कि शासन के लोकतांत्रिक स्वरूप में आवश्यक है.

याचिका में दलील दी है गई कि नोटा के रूप में सबसे महत्वपूर्ण बदलाव महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली और पुडुचेरी में देखा गया और संबंधित राज्य चुनाव आयोग (SEC) ने घोषणा की कि अगर नोटा किसी भी चुनाव में विजेता के रूप में उभरा, तो वहां फिर से चुनाव कराए जाएंगे.

नोटा को मानें काल्पनिक उम्मीदवार: याचिका में कहा गया है कि संबंधित राज्य चुनाव आयोगों की दी गई अधिसूचना में नोटा को एक काल्पनिक उम्मीदवार के रूप में रखा गया है और स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अगर नोटा को सबसे ज्यादा वोट मिलते है तो दूसरे सबसे बड़े उम्मीदवार को विजेता घोषित करना नोटा के उद्देश्य का उल्लंघन होगा.

याचिका में कहा गया है कि जैसा कि सुप्रीम कोर्ट को उम्मीद थी कि नोटा से चुनावों में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ेगी, लेकिन ऐसा नहीं लगता कि यह उद्देशय हासिल हो सका है. ऐसा तभी किया जा सकता है जब चुनाव आयोग राज्य के साथ-साथ केंद्र को भी महाराष्ट्र, दिल्ली, पुडुचेरी और हरियाणा की तरह नोटा को अधिकार दे.

यह भी पढ़ें-ईवीएम-वीवीपैट मिलान की मांग खारिज, बैलेट पेपर से नहीं होगा मतदान

Last Updated : Apr 26, 2024, 2:11 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details