नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें चुनाव आयोग को NOTA को बहुमत मिलने पर नियम बनाने का निर्देश देने की मांग की गई है. याचिका में यह भी मांग की गई है कि अगर कहीं इस तरह की स्थिति आती है तो निर्वाचन क्षेत्र में हुए चुनाव को रद्द घोषित करके वहां नए सिरे से चुनाव कराए जाएं.
मामले की सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष याचिकाकर्ता शिव खेड़ा की ओर से सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायणन पेश हुए. इस दौरान उन्होंने अदालत से कहा कि सूरत में हमने देखा कि वहां एक ही उम्मीदवार था. ऐसे में उसे विजयी घोषित कर दिया गया.
सीजेआई ने कहा कि अदालत इस पर नोटिस जारी करेगी, क्योंकि यह मामला चुनावी प्रक्रिया से जुड़ा है. गौरतलब है कि मामले की सुनवाई कर रही पीठ में डी वाई चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल थे.
5 साल चुनाव लड़ने पर लगे पाबंदी:याचिका में इलेक्शन कमीशन को यह नियम बनाने का निर्देश देने की मांग की गई है कि अगर कोई प्रत्याशी नोटा से कम वोट हासिल करता है तो उस पर 5 साल की अवधि के लिए सभी चुनाव लड़ने से रोक दिया जाए. याचिका में इस बात पर जोर दिया गया है कि चुनाव आयोग नोटा को एक वैध उम्मीदवार के रूप में मानने में विफल रहा है, जो कि शासन के लोकतांत्रिक स्वरूप में आवश्यक है.