रायपुर:स्वर्गीय रामोजी राव को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई. श्रद्धांजलि सभा में ईटीवी भारत के पत्रकार और ईटीवी से जुड़े पुराने पत्रकार मौजूद रहे. रामोजी राव को याद करते हुए वरिष्ठ पत्रकारों ने कहा कि जिस मूल्यपरक पत्रकारिता की शुरुआत उन्होंने की, उसे करने की हिम्मत किसी और ने नहीं दिखाई. रायपुर के सिविल लाइन इलाके में हुए श्रद्धांजलि सभा में आए पत्रकारों की आंखें रामोजी राव को याद कर नम हो गई.
भावपूर्ण श्रद्धांजलि सभा का आयोजन: सबसे पहलेश्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए पत्रकारों ने दो मिनट का मौन रख दिवंगत आत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना की. रामोजी राव के चित्र पर पुष्प अर्पित कर ये प्रण लिया कि जो रास्ता वो दिखा गए हैं उसी रास्ते पर वो आगे चलते रहेंगे. ईटीवी भारत और संस्थान से जुड़े रहे लोगों ने इस मौके पर अपने अपने अनुभव भी साझा किए.
रामोजी राव के संघर्षों को किया गया याद: श्रद्धांजलि सभा के दौरान रामोजी राव के जीवन और उनके संघर्ष को डॉक्यूमेंट्री के जरिए याद किया गया. लोगों को ये बताया गया कि कैसे उन्होने संघर्ष कर इस बड़े मुकाम तक पहुंचने की कहानी खुद लिखी. रीजनल भाषाओं में चैनल शुरु करने से लेकर नंबर वन अखबार ईनाडु को खड़ा किया. सभी लोगों ने रामोजी राव के बताए मूल्यपरक पत्रकारिता की राह पर चलने का प्रण लिया.
''इस संस्था की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यहां पर कभी किसी को विज्ञापन लाने के लिए नहीं कहा जाता. ब्रॉन्डिंग और मार्केटिंग की बात नहीं की जाती है. भारत में आज जितने भी संस्थान हैं ज्यादातर में विज्ञापन उनकी पहली प्राथमिकता में शामिल होता है. पत्रकार को पत्रकार बनाए रखने की जो व्यवस्था है उस व्यवस्था को बनाने का काम रामोजी राव ने किया. सिर्फ पत्रकार बनके खबर लिखने की जो आजादी रामोजी राव ने दी वो कहीं और नहीं है.'' - भूपेंद्र दुबे, ब्यूरो चीफ, ईटीवी भारत, छत्तीसगढ़
ईटीवी परिवार के सदस्य पूरे देश में फैले हैं. पत्रकारिता की शुरुआत करने वाले ज्यादातर लोगों की शुरुआत कभी न कभी ईटीवी से शुरु हुई. रामोजी राव ने लोगों को बड़े प्लेटफॉर्म पर बड़ा मौका दिया. रामोजी राव ने काम करने के तरीके की आजादी दी. जो आजादी उन्होंने दी उससे लोगों में जिम्मेदारी की भावना आई. इस संस्था से निकले कई वरिष्ठ पत्रकार आज शोहरत की बुलंदियों पर हैं. - परमेंद्र मोहन, मैनेजिंग एडिटर, IBC24
रामोजी राव एक शख्सियत का नाम हैं. देश के कोने-कोने से लोगों को लाकर इक्ठ्ठा किया. एक परिवार बनाकर रखा. यहां से निकले लोगों ने देश और दुनिया में अपना नाम कमाया. आम लोगों के लिए जो पत्रकारिता का लक्ष्य रखा वो आज दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत से कम नहीं है. रामोजी राव ने कलम की ताकत से लोगों के वजूद को मजबूत बनाया. ऐसे लोग बिरले ही मिल पाएंगे. - संजय शेखर, वरिष्ठ पत्रकार
वो एक महान शख्सियत थे. जो आदर्श और मूल्य उन्होनें हमें सिखाया वो दुनिया में कोई और नहीं सिखा सकता. मूल्यपरक पत्रकारिता की बात रामोजी राव कहते थे और उसका पालन भी करते थे. काम की जो आजादी रामोजी राव ने अपने कर्मचारियों को दी वो कहीं और नहीं है. वो लोगों को ये बताते थे कि हमें आम लोगों की ताकत बनना है आम लोगों की आवाज उठाना है.- मनोज बघेल, संपादक, न्यूज 24
''आठ सालों तक मैं ईटीवी परिवार का हिस्सा रहा. कभी ये महसूस नहीं हुआ कि मैं एक कर्चमारी हूं. परिवार में जैसे हर सदस्य का ध्यान रखा जाता है उसी तरह से यहां भी ध्यान रखा गया. बड़ा सुखद अनुभव मुझे मिला, ईटीवी के लोगों के साथ एक बड़ी खासियत ये है कि वो परिवार की तरह काम करते हैं. जब भी मिलते हैं बड़े ही आत्मीय भाव से मिलते हैं.'' - वैभव शिव पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार, न्यूज 24