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'मन की बात' के श्रोता ही इस कार्यक्रम के असली सूत्रधार हैं: पीएम मोदी - Mann Ki Baat - MANN KI BAAT

PM Modi Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मन की बात की 114वीं कड़ी को संबोधित किया. यह मासिक रेडियो कार्यक्रम देश- विदेश में काफी लोकप्रिय है.

radio programme mann ki baat
पीएम मोदी मन की बात रेडियो कार्यक्रम (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 29, 2024, 11:01 AM IST

Updated : Sep 29, 2024, 11:23 AM IST

नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (रविवार को) अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 114वें एपिसोड के दौरान संबोधित किया. अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का एपिसोड पुरानी यादों से जुड़ा है. मन की बात कार्यक्रम के 10 साल पूरे हो रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि 'मन की बात' के श्रोता ही इस कार्यक्रम के असली सूत्रधार हैं.

मन की बात' के 114वें एपिसोड में पीएम मोदी ने कहा, 'मेरे प्यारे देशवासियो, आज का यह एपिसोड मुझे भावुक कर देने वाला है. यह मुझे बहुत सारी पुरानी यादों से भर रहा है. इसका कारण यह है कि मन की बात में हमारी इस यात्रा के 10 वर्ष पूरे हो रहे हैं. 10 साल पहले 'मन की बात' का प्रारंभ 3 अक्टूबर को विजयादशमी के दिन हुआ था और ये कितना पवित्र संयोग है, कि इस साल 3 अक्टूबर को जब 'मन की बात' के 10 वर्ष पूरे होंगे, तब नवरात्रि का पहला दिन होगा.'

'मन की बात' की इस लंबी यात्रा के कई ऐसे पड़ाव हैं, जिन्हें मैं कभी भूल नहीं सकता. 'मन की बात' के करोड़ों श्रोता हमारी इस यात्रा के ऐसे साथी हैं, जिनका मुझे निरंतर सहयोग मिलता रहा. देश के कोने-कोने से उन्होंने जानकारियां उपलब्ध कराई.

मेरा मन भी तब गर्व से भर जाता है जब मैं 'मन की बात' के लिए आई चिट्ठियों को पढ़ता हूं. हमारे देश में कितने प्रतिभावान लोग हैं, उनमें देश और समाज की सेवा करने का कितना जज्बा है. वो लोगों की निस्वार्थ भाव से सेवा करने में अपना पूरा जीवन समर्पित कर देते हैं. उनके बारे में जानकार मैं ऊर्जा से भर जाता हूं.

'मन की बात' की ये पूरी प्रक्रिया मेरे लिए ऐसी है, जैसे मंदिर जा करके ईश्वर के दर्शन करना. 'मन की बात' की हर बात को हर घटना को हर चिट्ठी को मैं याद करता हूं, तो ऐसे लगता है जैसे मैं ईश्वर रूपी जनता जनार्दन के दर्शन कर रहा हूं. वो लोग जो मेरे लिए सर्वशक्तिमान की तरह हैं. पिछले कुछ हफ्तों से देश के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश हो रही है. बारिश का यह मौसम हमें याद दिलाता है कि 'जल संरक्षण' कितना महत्वपूर्ण है.'

पीएम मोदी ने कहा,'झांसी में कुछ महिलाओं ने घुरारी नदी को नया जीवन दिया है. ये महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं. उन्होनें 'जल सहेली' बनकर इस अभियान का नेतृत्व किया है. इन महिलाओं ने मृतप्राय हो चुकी घुरारी नदी को जिस तरह से बचाया है. उसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी.

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक सीमावर्ती गांव है 'झाला' यहां के युवाओं ने अपने गांव को स्वच्छ रखने के लिए एक खास पहल शुरू की है. वे अपने गांव में 'धन्यवाद प्रकृति' या कहें ' थैक यू नेचर अभियान चला रहे हैं. इसके तहत गांव में रोजाना दो घंटे सफाई की जाती है. गांव की गलियों में बिखरे हुए कूड़े को समेटकर गांव के बाहर, तय जगह पर डाला जाता है.

2 अक्टूबर को 'स्वच्छ भारत मिशन' के 10 साल पूरे हो रहे हैं. यह अवसर उन लोगों के अभिनंदन का है जिन्होंने इसे भारतीय इतिहास का इतना बड़ा जन आंदोलन बना दिया. ये महात्मा गांधी जी को भी सच्ची श्रद्धांजलि है जो जीवनपर्यंत, इस उद्देश्य के लिए समर्पित रहे. स्वच्छता को लेकर जारी अभियान से हमें ज्यादा-से- ज्यादा लोगों को जोड़ना है, और यह एक अभियान किसी एक दिन का एक साल का नहीं होता है, यह युगों-युगों तक निरंतर करने वाला काम है.

अमेरिका की मेरी यात्रा के दौरान अमेरिकी सरकार ने भारत को करीब 300 प्राचीन कलाकृतियों को वापस लौटाया है. अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन ने पूरा अपनापन दिखाते हुए डेलवारे के अपने निजी आवास में इनमें से कुछ कलाकृतियों को मुझे दिखाया. लौटाई गई कलाकृतियां हाथी के दांत, लकड़ी, तांबा और कांसे जैसी चीजों से बनी हुई हैं. इनमें से कई तो चार हजार साल पुरानी है.

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Last Updated : Sep 29, 2024, 11:23 AM IST

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