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रेयर बीमारी और 5 सर्जरी के कारण सबकुछ भूल गई थीं पद्मजा, फिर से सीखी सारी स्किल - WOMAN LOST SKILLS TO RARE DISEASE

24 साल की उम्र में दुर्लभ बीमारी और बैक टू बैक सर्जरी के कारण पद्मजा बेसिक स्किल तक भूल गईं.

ये हैं जयपुर की पद्मजा
ये हैं जयपुर की पद्मजा (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 27, 2025, 1:20 PM IST

Updated : Feb 27, 2025, 1:46 PM IST

जयपुर : पद्मजा, जिन्हें फिल्मों में एक्टिंग करने और फोटोग्राफी का काफी शौक था, विभिन्न भाषाओं में शानदार पकड़ भी थी, लेकिन एक बीमारी के कारण उन्होंने अपनी इन सभी काबिलियतों को भुला दिया. इतना ही नहीं जिस तरह एक छोटे बच्चे को पढ़ना-लिखना, चलना या बोलना सिखाया जाता है, उसी तरह युवावस्था में पद्मजा ने ये सभी चीजें फिर से सीखीं. अब उनकी किताब आई है, जिसका शीर्षक है 'मैं कोई और'.

दरअसल, सितंबर 2017 में 24 साल की पद्मजा को सिर दर्द की शिकायत होने लगी. उन्होंने जयपुर में अलग-अलग चिकित्सकों को अपनी बीमारी के बारे में बताया और इलाज लेना शुरू किया, लेकिन कोई फायदा नजर नहीं आया. इसके बाद एक न्यूरोलॉजिस्ट ने जब एग्जामिनेशन किया तो पद्मजा के सिर में एब्सेस नजर आया यानी किसी बैक्टीरिया के कारण दिमाग में फोड़ा बन गया, जो काफी रेयर बीमारी है. इसके बाद चिकित्सकों ने उन्हें सर्जरी की सलाह दी. पहली सर्जरी होने के बाद जब आराम नहीं आया तो अगले 40 दिन के अंदर ब्रेन की दूसरी सर्जरी की गई. इस तरह चार महीने में कुल पांच ब्रेन सर्जरी हुई.

पद्मजा से सुनिए उनकी कहानी (ETV Bharat Jaipur)

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बच्चे की तरह लिखना बोलना सीखना पड़ा :पद्मजा का कहना है कि आखिरी ब्रेन सर्जरी के बाद उन्होंने बोलने, लिखने, पढ़ने, चलने और खाना खाने की क्षमता को भी खो दिया था. 24 साल की उम्र में जब इन बेसिक चीजों को सीखना शुरू किया तो यह इतना आसान नहीं था. इसके लिए उनके पिता ने काम से छुट्टी ली और एक बच्चे की तरह फिर से उन्हें सिखाने लगे. उनके डॉक्टर ने उन्हें बताया कि ब्रेन के सीधे हिस्से में परेशानी के कारण उन्होंने अपनी सभी स्किल्स को भुला दिया, लेकिन परिजनों और दोस्तों के अथक प्रयासों के बाद उन्होंने सीखना शुरू कर दिया.

24 साल की पद्मजा को हुई थी रेयर बीमारी (ETV Bharat Jaipur)

कखग और ABC सीखी :पद्मजा का कहना है कि जब वह अस्पताल से लौटी तो उन्हें अपने माता-पिता और दोस्त तो याद रहे, लेकिन किस तरह खाना खाया जाता है, किस तरह चला जाता है, किस तरह बोला जाता है यह सब कुछ वह भूल चुकी थी. ऐसे में उनके पिता ने ऑफिस से 1 साल की छुट्टी ली और 24 साल की उम्र में कखग और ABC फिर से सिखाई. दोस्त, भाई और मां ने भी काफी सहायता की. यह ऐसा था जैसे एक छोटे बच्चों को सब कुछ सिखाया जा रहा हो.

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'मैं कोई और...' :पद्मजा ने बताया कि घटना के 7-8 महीने बाद उन्होंने डायरी लिखी, जिसमें वो हर रोज के संघर्ष, अपनी भावनाओं को लिखती गईं. इसी डायरी को किताब का रूप दिया है, जिसका शीर्षक है 'मैं कोई और'. पद्मजा ने बताया कि उन्हें फिल्में बनाना, फिल्मों में काम करना और फोटोग्राफी करने का काफी शौक था, लेकिन इस बीमारी के कारण सब कुछ खत्म हो गया. अपनी इस बीमारी से उबरने के बाद उन्होंने एक बार फिर फिल्म मेकिंग एक्टिंग और फोटोग्राफी में भविष्य बनाने का निर्णय लिया. फिलहाल पिछले 3 सालों से पद्मजा मुंबई में रहकर आपने इस सपने को पूरा कर रही हैं. पद्मजा बॉम्बे पर एक फिल्म बना रही हैं.

दिमाग में ऐब्सेस के कारण :सवाई मानसिंह अस्पताल के वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉक्टर अचल शर्मा का कहना है कि दिमाग में ऐब्सेस के कई कारण होते हैं. कई बार दांत, नाक या कान में कोई ऐसा संक्रमण जो किसी अन्य जगह से सिर में फैल जाता है. ऐसा संक्रमण जो शरीर के दूसरे हिस्से से खून के बहाव के जरिए दिमाग में फैल जाता है. बैक्टीरिया जो सिर के घाव में घुस जाता है. वह दिमाग में प्रवेश कर लेता है, जिसमें मस्तिष्क की सर्जरी के दौरान चीरे लगाए जाते हैं.

Last Updated : Feb 27, 2025, 1:46 PM IST

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