फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले में फैसला आज, नवनीत राणा ने की अंबादेवी की पूजा - NAVNEET RANA CASTE CERTIFICATE - NAVNEET RANA CASTE CERTIFICATE
LOK SABHA ELECTION 2024 : जाति प्रमाणपत्र मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया है. इस पहले आज सुबह फैसला आने से पहले भाजपा उम्मीदवार नवनीत राणा ने आज अंबादेवी को नमन किया. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया है कि सच्चाई लोगों के सामने आएगी.
अमरावती: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसने लोकसभा सांसद नवनीत कौर राणा का जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया था. राणा अमरावती के मौजूदा सांसद और आगामी लोकसभा चुनाव में अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित इस सीट से भाजपा की उम्मीदवार हैं. इससे पहले शीर्ष अदालत ने राणा का जाति प्रमाणपत्र रद्द करने के उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगा दी थी.
न्यायमूर्ति जे के महेश्वरी की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि अपील स्वीकार की जाती है और उच्च न्यायालय का फैसला खारिज किया जाता है. शीर्ष अदालत ने कहा कि जांच समिति ने उसके समक्ष रखे गए दस्तावेजों पर विधिवत विचार किया और उच्च न्यायालय को उसके आदेश में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए था. मामले में विस्तृत फैसला आज दिन में अपलोड किया जाएगा.
इससे पहले, नवनीत राणा ने आज अंबादेवी को नमन किया. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया है कि सच्चाई लोगों के सामने आएगी. उन्होंने कहा कि संघर्ष महिलाओं की नियति है. मैंने पिछले 12-13 वर्षों से अपने निर्वाचन क्षेत्र में संघर्ष किया है.
मैं निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए लगातार संघर्ष कर रही हूं. संघर्ष ही हमारा है नियति और मैं किसी भी संघर्ष के लिए तैयार हूं, यह बात सांसद नवनीत राणा ने कही. नवनीत राणा ने यह भी विश्वास जताया कि मेरे संसदीय क्षेत्र की जनता का आशीर्वाद मेरे साथ है. नवनीत राणा आज लोकसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करने जा रहे हैं. इसमें सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी आएगा. इसलिए इस नतीजे पर सभी का ध्यान गया है.
अमरावती से मौजूदा सांसद और भाजपा उम्मीदवार नवनीत राणा के जाति प्रमाण पत्र (कास्ट सर्टिफिकेट) मामले पर सुप्रीम कोर्ट का आज फैसला आज सकता है. हाल ही में इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था. राणा ने अपनी याचिका में बॉम्बे हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें उनके कास्ट सर्टिफिकेट को फर्जी करार दिया गया था.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस संजय करोल की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने 8 जून, 2021 को राणा के खिलाफ फैसला सुनाया था. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि नवनीत राणा ने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके 'मोची' जाति का सर्टिफिकेट प्राप्त किया था.
क्या है मामला: नवनीत राणा को जारी किए गए जाति वैधता प्रमाण पत्र के ठिकाने के बारे में शिवसेना उम्मीदवार आनंदराव अडसुल के कार्यकर्ता राजू मानकर और जयंत वंजारी ने जिला जाति सत्यापन समिति के समक्ष कई शिकायतें दर्ज कीं. इस शिकायत पर जिला जाति सत्यापन समिति के समक्ष शैक्षणिक अधिकारी की ओर से 19 जनवरी 2014 को जारी प्रमाण पत्र से पता चला कि जिस तिथि को हरभजन सिंह कुंडले के जाति प्रमाण पत्र के साक्ष्य के रूप में स्कूल प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया था, उस दिन उक्त विद्यालय अस्तित्व में ही नहीं था. यह महसूस करते हुए कि नवनीत राणा के पिता का स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र गलत और जाली था, जिला जाति सत्यापन समिति ने नवनीत राणा को नोटिस जारी किया और उनके जाति प्रमाण पत्र को रद्द करने के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा. इसके बाद नवनीत राणा ने जिला जाति सत्यापन समिति के समक्ष कुछ नए दस्तावेज दाखिल किए और सतर्कता विभाग के अधिकारियों के बारे में भी शिकायत की.
नई रिपोर्ट के अनुसार , सर्टिफिकेट में राणा के स्कूल ड्रॉपआउट के रूप में मोची जाति का भी उल्लेख किया गया था, जो कि स्कूल छोड़ने के कुछ दिन पहले यानी 17 साल बाद किया गया था. समिति ने कहा कि जिस अवधि के दौरान नवनीत राणा के पिता के स्कूल में पढ़ने की बात कही गई थी, उस दौरान स्कूल अस्तित्व में ही नहीं था.