मंगलुरु:कर्नाटक के मंगलुरु कोटेकर बैंक डकैती कांड में बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस जांच में पता चला है कि, लुटेरों ने उस समय डकैती की योजना बनाई थी, जब स्थानीय लोग मुस्लिम बहुल केसी रोड पर शुक्रवार की नमाज के लिए जा रहे थे. मंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त अनुपम अग्रवाल ने कोटेकर व्यवसायी सेवा सहकारी बैंक डकैती मामले की जांच के बारे में जानकारी दी है.
मंगलुरु कोटेकर बैंक डकैती कांड, बड़ा खुलासा
सोमवार को एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, मंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त अनुपम अग्रवाल ने कहा कि,कोटेकर बैंक डकैती मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और 18 किलो 314 ग्राम सोना, 3 लाख 80 हजार 500 रुपये नकद, 2 पिस्तौल, 3 जिंदा गोलियां और एक फिएट कार जब्त की गई है. अधिकारी ने बताया कि लूट में सीधे तौर पर शामिल कन्नन मणि, मुरुगंडी थेवर, योसुवा राजेंद्रन और चोरी का सोना छिपाने वाले मुरुगंडी थेवर के पिता शनमुगसुंदरम को गिरफ्तार कर लिया गया है.
17 जनवरी की घटना
17 जनवरी को दोपहर करीब डेढ़ बजे चार नकाबपोश बदमाशों का एक समूह बैंक में घुस आए थे. वे पिस्तौल और हथियारों से लैस थे. उन्होंने बैंक से करीब 18 किलो से ज्यादा सोना और 10 लाख से ज्यादा नकदी लूट ली. उसके तुरंत बाद ही उल्लाल पुलिस इंस्पेक्टर और एसीपी धन्या नायक ने जांच शुरू की. इस संबंध में उल्लाल पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है.
कर्नाटक की दूसरी सबसे बड़ी बैंक डकैती
पुलिस आयुक्त ने बताया कि, यह बैंक डकैती कर्नाटक की दूसरी सबसे बड़ी बैंक डकैती है. शुरुआत में आरोपियों के बारे में कोई सुराग नहीं मिला. क्योंकि उस दिन बैंक का सीसीटीवी ठीक किया जा रहा था. पुलिस को डकैती से जुड़ा कोई फुटेज नहीं मिला. इस चुनौती के साथ पुलिस ने मामले की जांच की. एसीपी धन्या नाइक, साउथ सब-डिवीजन और एसीपी क्राइम ब्रांच मनोज के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई. शुरुआत में, यह पता लगाने की कोशिश की कि लूट के दौरान ग्राउंड फ्लोर पर खड़ी कार कहां से आई और उसमें कौन था. शुरू में पता चला कि कार में इस्तेमाल की गई नंबर प्लेट फर्जी थी. पुलिस ने सभी टोल और सीसीटीवी खंगाले.
पुलिस ने कैसे अपराधियों को धर दबोचा
पुलिस आयुक्त ने बताया कि, देर रात पुलिस को पता चला कि एक ही कार हेजामडी टोल और सुरथकल पेट्रोल बंक से गुजरी थी. पुलिस ने जांच के बाद पेट्रोल पंप पर उसी कार की फुटेज मिली. इससे कार की पहचान करने में मदद मिली. उस समय, आरोपियों ने कार का पंजीकरण संख्या KN से MH में बदल दी थी. इसलिए पुलिस को पता था कि यह कार शुरू में मुंबई से चली थी. बाद में जांच के दौरान, पुलिस को शिरुर गेट के पास असली नंबर प्लेट मिली.
आरोपी फरार लेकिन पुलिस ने पीछा नहीं छोड़ा
पुलिस टीम जांच को आगे बढ़ाते हुए तुरंत मुंबई के लिए रवाना हुई. यहां पुलिस को आरोपी कन्नन मणि और मुरुगंडी के बारे में कुछ जानकारी मिली. पुलिस टीमों ने बहुत मेहनत की. कई टीमों ने एक ही समय में कई जगहों पर काम किया. एक टीम मुंबई में थी. उन्होंने बताया कि जांच के लिए तीन-चार टीमें तमिलनाडु गई थी. वहीं, दो आरोपी केरल के रास्ते तमिलनाडु भाग गए थे. तीन आरोपी ट्रेन से मुंबई से फरार हुए थे.