जम्मू-कश्मीर: लश्कर के मददगारों से आईईडी, हथियार और गोला-बारुद बरामद - IEDs recovered
Jammu Kashmir Two IEDs recovered: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में पुलिस और सुरक्षा बलों के संयुक्त अभियान के दौरान लश्कर-ए-तैयबा के मददगारों (ओजीडब्ल्यू नेटवर्क) से दो आईईडी समेत भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारुद बरामद किए गए. विस्फोटों को सुरक्षा बलों ने निष्क्रिय कर दिया.
आईईडी, हथियार और गोला-बारुद बरामद (Pulwama Police)
पुलवामा:जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षा बलों ने मारे गए लश्कर कमांडर रियाज डार और उसके सहयोगी रईस डार के ओवर-ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) से विस्फोटकों के साथ एक प्लास्टिक कंटेनर में पैक आईईडी बरामद किया. इसका वजन लगभग छह किलोग्राम था. पुलिस ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि यह बरामदगी पुलवामा पुलिस, सेना और सीआरपीएफ द्वारा संयुक्त घेराबंदी और तलाशी अभियान के बाद हुई.
तलाशी अभियान के दौरान दो आतंकवादियों सेथर गुंड निवासी रेयाज अहमद डार और निहामा गांव के लार्वे निवासी रईस अहमद डार ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की. इसके कारण अभियान शुरू किया गया. 2 और 3 जून की मध्य रात्रि को हुए उस ऑपरेशन में ए- श्रेणी के लश्कर-ए-तैयबा कमांडर रियाज डार और रईस डार को सुरक्षा बलों ने मार गिराया.
जांच में ओवर-ग्राउंड वर्कर्स (OGW) के नेटवर्क का खुलासा हुआ. इसमें पता चला कि आतंकवादियों को ओवर-ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) बिलाल अहमद लोन, सज्जाद गनी और शाकिर बशीर द्वारा पनाह, आश्रय और रसद मुहैया कराई गई थी. ये सभी निहामा के निवासी हैं. इसके बाद तीनों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया.
जांच में यह भी पता चला कि मारे गए दोनों आतंकवादियों ने आईईडी (IED) तैयार किए थे. इसे शाकिर बशीर के कब्जे से बरामद किया गया. शाकिर बशीर ने आईईडी (IED) को बागों में छिपा दिया था. प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि आईईडी (IED) को विस्फोटकों और सक्रिय सर्किट ट्रिगर तंत्र (circuit trigger mechanism) के साथ एक प्लास्टिक कंटेनर में पैक किया गया था. इसका वजन लगभग छह किलोग्राम था. बाद में पुलवामा पुलिस और सेना द्वारा मौके पर ही नष्ट कर दिया गया.
जांच के दौरान भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया. इसमें एके-47 राइफल, एके-47 राइफल की गोलियां, पिस्तौल आदि बरामद किए गए. साथ ही अन्य आपत्तिजनक सामग्री भी पाए गए. इस संबंध में पुलिस स्टेशन काकापोरा में धारा 307 आईपीसी, 7/27 आर्म्स एक्ट, 16,18,19,20,38 यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया.