नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा :नोएडा के जेवर में बनने वाला बहुप्रतिक्षित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को विकास की उड़ान देगा. इस एयरपोर्ट के कारण ही यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा एयर कार्गो हब बनने जा रहा है. जो यहां के उत्पादों को पूरी दुनिया में पहुंचाएगा. इसके लिए यहां पर बड़े-बड़े कोल्ड स्टोरेज बनाए जा रहे हैं वहीं अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के डिपो भी यहां पर बनाए जा रहे हैं.
दरअसल, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विमान का वेलिडेशन ट्रायल सफल रहा है और जल्द ही यहां पर उड़ानें शुरू होने जा रहीं हैं. इस क्षेत्र से एक्सपोर्ट का सारा सामान भी यहीं से विमान के द्वारा जाएगा. नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों का सामान भी कार्गो के माध्यम से पहुंचाया जाएगा. इसी को ध्यान में रखते हुए एयरपोर्ट के चारों तरफ चौड़ी और मजबूत सड़कों का नेटवर्क बिछाया जा रहा है. जिससे यहां पर आने वाले बड़े-बड़े ट्रकों को कोई असुविधा न हो और वे आसानी से एयरपोर्ट तक पहुंच सके.
एयरपोर्ट पर 80 एकड़ में कार्गो टर्मिनल का हो रहा निर्माण :यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुण वीर सिंह ने बताया कि दिल्ली एयरपोर्ट से होने वाले कार्गो में लगभग 55% हिस्सेदारी नोएडा और ग्रेटर नोएडा की है, जिनमें सबसे अधिक यहां पर बनने वाले मोबाइल फोन और रेडीमेड गारमेंट्स सहित अन्य उत्पाद शामिल हैं. इसी को देखते हुए नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विशाल 80 एकड़ में कार्गो टर्मिनल का निर्माण किया जा रहा है. यह कार्गो टर्मिनल पहले फेज में 37 एकड़ में बन रहा है इससे बड़ा कार्गो टर्मिनल अभी तक नहीं बना है. पूरी परियोजना की 80 एकड़ में शुरुआत हो रही है. यहां से 2 लाख टन माल हर साल जा सकेगा.
2000 से अधिक मोबाइल इकाइयों को सामान भेजने में होगी सहूलियत :गौतमबुद्ध नगर में मोबाइल बनाने की 2000 से ज्यादा इकाइयां संचालित हैं. यहां पर मोबाइल बनाने का सबसे बड़ा प्लांट बनाया गया इसके साथ ही दो और मोबाइल कंपनियों के प्लांट भी यहा उत्पादन कर रहे हैं. यहां पर सेमीकंडक्टर बनाने वाली आधा दर्जन से ज्यादा इकाइयां जल्द ही स्थापित होने वाली हैं. इसके अलावा तीन अन्य बड़ी मोबाइल कंपनियों के प्लॉट यहीं पर हैं. इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा उपकरण बनाने वाली कंपनियां भी यहां पर संचालित हो रही हैं.
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