देहरादून (उत्तराखंड): शिव भक्तों के लिए खुशखबरी है. अब भारत की भूमि से पवित्र कैलाश पर्वत (माउंट कैलाश) के दर्शन होने लगे हैं. पहले कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए चीन के कब्जे वाले तिब्बत जाना होता था. इसके लिए वीजा से लेकर तमाम जटिल प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता था. अब उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के ओल्ड लिपुलेख से कैलाश पर्वत के दर्शन हो रहे हैं. इस बार भक्तों के पहले दल ने कैलाश पर्वत के दर्शन किए. कैलाश पर्वत के दर्शन कर भक्त मंत्रमुग्ध हो गए.
5 सदस्यीय दल ने पिथौरागढ़ से किए कैलाश पर्वत के दर्शन:दरअसल, नवरात्रि के पहले दिन यानी 3 अक्टूबर को यात्रियों के 5 सदस्यीय दल ने पिथौरागढ़ जिले में स्थित ओल्ड लिपुलेख से कैलाश पर्वत (माउंट कैलाश) के दर्शन किए. उन्होंने उत्तराखंड में ही खड़े होकर न केवल कैलाश पर्वत के दर्शन किए, बल्कि भक्ति में सराबोर होकर वो काफी देर तक पर्वत को निहारते रहे. भारत की भूमि से ही पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन करने का शिव भक्तों का सपना पूरा हो गया.
कुमाऊं मंडल विकास निगम ने बनाया है खास टूर पैकेज: बता दें कि केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद उत्तराखंड सरकार ने आदि कैलाश और कैलाश पर्वत दर्शन यात्रा के सफल संचालन को लेकर कमर कस ली थी. कुमाऊं मंडल विकास निगम ने इसके लिए बाकायदा एक टूर पैकेज भी घोषित किया है. इसके लिए कुमाऊं मंडल विकास निगम ने कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए 5 दिवसीय टूर पैकेज बनाया है. इस पैकेज में भगवान शिव के दो अन्य धाम आदि कैलाश और ओम पर्वत (ॐ) के दर्शन भी शामिल हैं.
पैकेज के तहत यात्रियों के पहले 5 सदस्यीय दल ने कैलाश पर्वत के दर्शन किए. यात्रियों के दल को बीते 2 अक्टूबर को हेलीकॉप्टर के माध्यम से पिथौरागढ़ के गुंजी पर पहुंचाया गया. इसके बाद सभी यात्रियों को सड़क मार्ग से ओल्ड लिपुलेख ले जाया गया. जहां से ओम पर्वत और कैलाश पर्वत के दर्शन कराए गए. अब 5 अक्टूबर को ये सभी यात्री वापस लौटेंगे.
इन लोगों ने किए कैलाश पर्वत के दर्शन:इस दल में केवल कृष्ण, नीरज मनोहर लाल चौकसे, मोहिनी नीरज चौकसे, अमनदीप कुमार जिंदल, नरेंद्र कुमार शामिल हैं, जिन भक्तों ने भारत में खड़े होकर भगवान कैलाश के दर्शन किए, वो सभी मंत्र मुक्त हो गए. सभी भक्तों ने कहा है कि यह उनके जीवन का सबसे खूबसूरत और कभी न भूलने वाला पल है.