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रामनगर में आने लगी लीची की खुशबू, जीआई टैग मिलने से खुश हैं किसान, 8,500 मीट्रिक टन पैदावार की उम्मीद - Ramnagar Litchi

Ramnagar Litchi Farming उत्तराखंड के रामनगर को लीची और आम का हब कहा जाता है. इन दिनों लीची तैयार हो रही है. ठेकेदारों ने लीची के बगीचों में डेरा डाल दिया है. ऐसी उम्मीद है कि इस बार 8,500 मीट्रिक टन लीची की पैदावार मिल जाएगी. सबसे खास बात ये है कि रामनगर और कालाढुंगी की लीची को जीआई टैग भी मिल चुका है. इससे लीची किसान बहुत उत्साहित हैं.

Ramnagar Litchi Farming
रामनगर लीची (Photo- Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 6, 2024, 10:40 AM IST

Updated : May 6, 2024, 2:18 PM IST

रामनगर में लीची की बहार (वीडियो- ईटीवी भारत)

रामनगर: आम की तरह ही फलों में लीची का भी बड़ा क्रेज होता है. रामनगर की लीची देश और दुनिया में अपने लाजवाब स्वाद के लिए जानी जाती है. उत्तराखंड के रामनगर की लीची की मिठास जब जुबान पर चढ़ती है तो लोग उसे लंबे समय तक नहीं भूल पाते हैं. नैनीताल जिले के रामनगर, कालाढुंगी, कोटाबाग, चकलुआ आदि क्षेत्रों में होता 1,700 से ज्यादा हेक्टेहर में लीची का उत्पादन होता है.

रामनगर में लीची से लदे पेड़ (फोटो- ईटीवी भारत)

आया लीची की मौसम:उत्तराखंड के नैनीताल जिले की लीची अपने मीठे रसीले के स्वाद के लिए तो जानी ही जाती है, अब ये लीची विशेष भी हो गई है. रामनगर और कालाढुंगी क्षेत्र की लीची को इस बार जीआई टैग भी मिला है. नैनीताल क्षेत्र में लीची के 1 लाख 70 हज़ार से ज्यादा पेड़ हैं. इस बार 8500 मीट्रिक टन लीची की पैदावार होने की किसानों को उम्मीद है. क्षेत्र की लीची को जीआई टैग (Geographical Indication Tag) मिलने पर काश्तकार खुश हैं. क्षेत्र में लीची की काफी पैदावार होती है. यहां की लीची बाहरी राज्यों में भी अपना स्वाद बिखेरती है.

इस साल रिकॉर्ड पैदावार की उम्मीद (फोटो- ईटीवी भारत)

व्यापारियों ने डाला लीची के बगीचों में डेरा:यहां की लीची खरीदने के लिए दिल्ली, नोएडा, कोलकाता समेत अन्य महानगरों के व्यापारी नैनीताल जिले के अलग अलग क्षेत्रों में आजकल डेरा डाले हुए हैं. वहीं इस बार पेड़ों पर अच्छा फल आने से किसानों को उम्मीद है कि अगर ओलावृष्टि तूफान नहीं आए, तो वह अच्छी पैदावार ले पाएंगे. बगीचे को ठेके पर लिए अरुण मौर्य कहते हैं कि इस बार पेड़ों पर लकदक लीची लदी हुई है. अगर ऐसा ही रहा और तूफान ओला नहीं पड़ा तो अच्छी पैदावार मिलेगी.

रामनगर की लीची को जीआई टैग मिला है (फोटो- ईटीवी भारत)

ठेकेदारों को अच्छी फसल मिलने की उम्मीद:वहीं ठेकेदार सुरेश सैनी कहते हैं कि इस बार हमें अच्छे फल की उम्मीद है. वहीं बगीचा लेने वाले हरदेव कश्यप कहते हैं कि हमारी लीची का स्वाद देश-विदेश में अपनी मिठास छोड़ता है. वह कहते हैं कि वह हर बार नैनीताल जिले में लीची के बगीचे को ठेके पर लेने के लिए पहुंचते हैं. मौसम ने साथ दिया तो अच्छी पैदावार होने की उम्मीद है.

मौसम पर सबकी नजर:वहीं बगीचे के मालिक और उद्यान पंडित से पुरस्कृत राकेश नंदन सिंगल कहते हैं लीची का उत्पादन जो देखने में मिल रहा है वह अच्छा है. बशर्ते मौसम साथ दे. उद्यान पंडित कहते हैं कि इस समय पानी की कमी है. अगर मौसम ने साथ दिया तो बारिश होने से जो लीची है, लीची फूल पाएगी और अच्छा फल हम लोग ले पाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर सरकार ट्रांसपोर्टेशन पर ध्यान दे, तो नैनीताल जिले की लीची की विदेशों में और ज्यादा मांग बढ़ सकती है.

8,500 मीट्रिक टन लीची की पैदावार होने की उम्मीद:उद्यान विभाग के अधिकारी अर्जुन सिंह परवाल कहते हैं कि इस बार लीची के अनुकूल मौसम होने पर पेड़ों पर अच्छा फल आया है. उद्यान अधिकारी कहते हैं कि इस बार अनुकूल मौसम रहने की वजह से अभी तक सब सही रहा है. नैनीताल जिले में 1,700 से ज्यादा हेक्टेयर में 1 लाख 70 हज़ार से ज्यादा पेड़ लीची के हैं. इनसे इस इस बार 8,500 मीट्रिक टन लीची की पैदावार होने की उम्मीद है. वह कहते हैं कि क्षेत्र की लीची अपने आप में अलग स्वाद बिखेरती है. इसी वजह से नैनीताल जिले की कालाढूंगी और रामनगर की लीची को जीआई टैग भी मिला है.
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Last Updated : May 6, 2024, 2:18 PM IST

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