नई दिल्ली:दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना शिवलिंग पर बैठे बिच्छू से करने के बयान के मामले में ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. जस्टिस अनूप कुमार मेंहदीरत्ता की बेंच ने शशि थरूर को समन जारी करने के आदेश को भी निरस्त करने से इनकार कर दिया.
हाईकोर्ट ने 16 अक्टूबर 2020 को ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दिया था. कोर्ट ने इस मामले के शिकायतकर्ता राजीव बब्बर को नोटिस जारी किया था. राउज एवेन्यू कोर्ट ने 16 नवंबर 2018 को कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था. राउज एवेन्यू कोर्ट ने 27 अप्रैल 2019 को शशि थरूर के खिलाफ समन जारी किया था. 7 जून 2019 को कोर्ट ने शशि थरुर को जमानत दी थी.
शशि थरूर ने कोर्ट से कहा था कि उन्हें जो समन भेजा गया है वो गलत है. सुनवाई के दौरान शशि थरुर की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि शशि थरुर के खिलाफ राजीव बब्बर की याचिका झूठी है.
बता दें, बीजेपी नेता राजीव बब्बर ने शशि थरुर के खिलाफ याचिका राऊज एवेन्यू कोर्ट में दायर किया है. राजीव बब्बर ने अपनी याचिका में कहा है कि शशि थरूर ने बैंगलोर में एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शिवलिंग का बिच्छू कहा था, जिसे न हाथ से हटाया जा सकता है और न ही चप्पल से. याचिका में कहा गया कि शशि थरूर के इस बयान से करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई है. याचिका में शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई है.
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