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PMK पार्टी में कलह : पिता-पुत्र के बीच खुले मंच पर हुई बहस, रामदास बोले- मैं ही निर्णय लूंगा - PMK CLASH

तमिलनाडु की क्षेत्रीय पार्टी पीएमके के संस्थापक एस. रामदास और उनके बेटे अंबुमणि रामदास के बीच पार्टी की एक बैठक में खुलकर बहस हो गई.

Clash between PMK Founder Ramadoss and his son Anbumani at party meet in Puducherry
पीएमके संस्थापक एस. रामदास और उनके बेटे अंबुमणि रामदास (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 28, 2024, 11:00 PM IST

पुडुचेरी: तमिलनाडु की क्षेत्रीय पार्टी पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) की शनिवार को पुडुचेरी में विशेष आम समिति की बैठक हुई. इसमें पीएमके संस्थापक एस. रामदास और उनके बेटे अंबुमणि रामदास के साथ पार्टी के मानद अध्यक्ष जीके मणि भी शामिल हुए. इस आम बैठक में जब रामदास ने मुकुंदन को पार्टी की युवा शाखा का अध्यक्ष बनाने की घोषणा की, तो मंच पर रामदास और अंबुमणि के बीच खुलकर बहस हो गई. इसके बाद जुबानी जंग शुरू हो गई.

अंबुमणि रामदास ने मंच पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, "पार्टी में शामिल होने के कुछ महीनों के भीतर ही उन्हें (मुकुंदन को) जिम्मेदारियां दे दी जाती हैं." उन्होंने सवाल उठाया कि "क्या पीएमके फैमिली पार्टी है?" इसके बाद अंबुमणि ने झल्लाहट में माइक नीचे रख दिया.

अंबुमणि के विरोध के बाद रामदास ने कहा, "मैंने ही पार्टी बनाई है, मैंने ही वन्नियार संघ बनाया है, मैं ही निर्णय लूंगा. मैं जो निर्णय लूंगा, वह पार्टी का निर्णय है. जो नहीं चाहे, वह पार्टी छोड़ सकता है." इस पर अंबुमणि ने कहा, "स्वयंसेवक (पार्टी कार्यकर्ता) अब चेन्नई के पनैयूर में मेरे नवनिर्मित कार्यालय में मुझसे मिल सकते हैं."

कौन हैं मुकुंदन
पीएमके संस्थापक एस. रामदास ने घोषणा की कि मुकुंदन को पार्टी के नए युवा नेता के रूप में पार्टी की नववर्ष आम बैठक में नियुक्त किया जाएगा. मुकुंदन, रामदास की बड़ी बेटी गांधीमती के पुत्र हैं.

इससे पहले जीके मणि के पुत्र तमिलकुमारन पार्टी की युवा शाखा के नेता थे. जब तमिलकुमारन ने इस्तीफा दिया, तो रामदास ने मुकुंदन को पार्टी की युवा शाखा का नया अध्यक्ष घोषित किया और अंबुमणि और रामदास के बीच बहस हो गई.

तमिलनाडु में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं. वरिष्ठ पत्रकार दुरई करुणा ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि पीएमके में अंदरूनी कलह का पार्टी पर क्या असर होगा. उन्होंने कहा, "रामदास ने कहा था कि पीएमके दूसरी पार्टियों से अलग पार्टी है. यही अंतर हमने आज देखा है. किसी भी पार्टी में नेतृत्व संघर्ष नहीं होगा, पिता-पुत्र के बीच संघर्ष नहीं होगा. पीएमके में पिता-पुत्र के बीच सत्ता संघर्ष को घर में बातचीत करके सुलझाया जाना चाहिए. सार्वजनिक रूप से बोलने से पार्टी के भविष्य पर विपरीत असर पड़ सकता है."

उन्होंने कहा कि यह किसी राजनीतिक पार्टी के लिए ठीक नहीं है. रामदास समर्थक और अंबुमणि समर्थक पार्टी के भीतर ही बंट जाएंगे. अगर दूसरी पार्टियां गठबंधन की बात कर रही हैं, तो फिर किससे बात करें, यह स्थिति आ जाएगी.

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