पटना:2023 में नीतीश कुमारके राजनीतिक पारी को अंतिम पारी कहा जा रहा था, लेकिन 2024 मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए न केवल उपलब्धियों भर रहा बल्कि 5 साल आगे की राजनीति के लिए जीवन दान भी दे गया.
किंगमेकर नीतीश कुमार:2024 में नीतीश कुमार किंग मेकर की भूमिका में भी दिखे. केवल बिहार ही नहीं बल्कि केंद्र में भी सरकार बनाने में नीतीश कुमार ने बड़ी भूमिका निभाई. पहले लोकसभा चुनाव और फिर विधानसभा के उपचुनाव में शानदार सफलता दिलाने में नीतीश सफल रहे, लेकिन विधान परिषद उपचुनाव में मिली हार 2024 में एक कसक भी छोड़ गया.
कई विवादों में भी रहे: नीतीश 2024 में विवादों में भी रहे. स्वास्थ्य और महिलाओं को लेकर विधानसभा में दिए बयान पर पूरे देश में चर्चा में रहे. नीतीश कुमार के बारे में 2023 में राजनीतिक गलियारों में कहा जा रहा था कि अब अंतिम पारी खेल रहे हैं, लेकिन नीतीश कुमार ने फिर से कम बैक किया और 2024 में किंग मेकर वाली भूमिका फिर से दिखाई.
पाला बदलने का खेल रहा जारी: 2024 नीतीश कुमार के लिए एक तरह से कई तरह की उपलब्धियों से भर रहा है. नीतीश ने महागठबंधन छोड़ अपने पुराने साथी बीजेपी के साथ फिर से पाला बदल लिया और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भी कब्जा बनाए रखा. वहीं 2024 लोकसभा चुनाव और उसके बाद विधानसभा के चार सीटों पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल कर अपनी ताकत भी दिखा दी.
12 सीट जीतकर केंद्र में बने किंगमेकर: लोकसभा चुनाव में बीजेपी बड़े भाई की भूमिका में नजर आ रही थी, लेकिन नीतीश कुमार ने बीजेपी के बराबर 12 सीट जीतकर केंद्र में सरकार बनाने में अपनी बड़ी भूमिका निभाई और केंद्र सरकार में दो मंत्री पद हासिल भी करने में भी सफल रहे.
ट्रेंडिंग में नीतीश:साल 2024 में नीतीश कुमार गूगल में भी खूब सर्च किए गए. लोकसभा चुनाव में जेडीयू के 12 सांसद चुनाव जीतकर आए और उसके समर्थन से ही केंद्र की सरकार चल रही है. राजनीतिक रूप से मजबूत होने के चलते नीतीश की लोकप्रियता बढ़ी और गूगल सर्च पर वो दूसरे स्थान पर आ गए. नीतीश कुमार ने सर्च किए जाने को लेकर तमाम नेताओं को पीछे छोड़ दिया.
जिसके साथ उसकी सरकार: नीतीश कुमार के बारे में कहा जाता है कि जिस गठबंधन के साथ रहे,बिहार में सरकार उसी की बनती रही है. पिछले 19 सालों से नीतीश कुमार ने यह करके भी दिखाया है. जब राजद के साथ गए तो महागठबंधन की सरकार बनी और जब बीजेपी के साथ आए तो एनडीए की सरकार बनी.
बड़े भाई की भूमिका में JDU: 2014 और 2020 के प्रदर्शन को छोड़ दें तो पिछले 19 सालों में जदयू हमेशा बड़े भाई की भूमिका में ही दिखी है. 2020 में तीसरे नंबर की पार्टी बनने के बावजूद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने थे और इसी से नीतीश कुमार की ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है. 2024 भी नीतीश कुमार के लिए उपलब्धियां भरा रहा है.
"नीतीश कुमार की यही तो खासियत है बिहार में जदयू एक नंबर की पार्टी रहे चाहे तीन नंबर की पार्टी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बनते रहे हैं, देश में इकलौते नेता होंगे जिसकी पार्टी को बहुमत नहीं मिला हो, लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री से कोई नहीं हटा सका."-सुनील पांडे, राजनीतिक विशेषज्ञ
"नीतीश कुमार की ताकत खास वोट बैंक है. आधी आबादी का वोट बैंक शुरू से नीतीश कुमार के साथ रहा है. वहीं लव कुश के साथ अति पिछड़ा वोट बैंक का बड़ा हिस्सा भी नीतीश कुमार के साथ रहा है. इसी ताकत के कारण सभी गठबंधन नीतीश कुमार को अपने साथ जोड़ना चाहते हैं."-प्रिय रंजन भारती, राजनीतिक विशेषज्ञ