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...जब समुद्र में समा गई थी पूरी ट्रेन, 200 यात्री और 5 कर्मचारी आज भी लापता - Biggest train accident in India

Rameshwaram Train Accident, 22 दिसंबर 1964 के दिन ट्रेन नंबर- 653 तमिलनाडु के पंबन रेलवे स्टेशन से धनुषकोडी की तरफ निकली थी, लेकिन बीच में ही यह ट्रेन चक्रवाती तूफान की चपेट में आकर समंदर में समा गई. पढ़िए पूरी खबर...

...when the whole train sank into the sea (symbolic photo)
...जब समुद्र में समा गई थी पूरी ट्रेन (प्रतीकात्मक फोटो) (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 17, 2024, 4:15 PM IST

Updated : Jun 17, 2024, 4:23 PM IST

हैदराबाद : देश में ट्रेन हादसे तो कई हो चुके हैं, लेकिन कुछ हादसे ऐसे भी थे जिनको आज भी लोग याद करते हैं तो उनकी रूह कांप जाती है. इनमें एक घटना 22 दिसंबर 1964 को घटी. इस हादसे में पूरी की पूरी ट्रेन ही समुद्र में समा गई थी.

बताया जाता है कि रामेश्वरम द्वीप के किनारे धनुषकोडी में भीषण चक्रवात आया था. इससे चारों तरफ अंधेरा छा गया था. फलस्वरूप धनुषकोडी रेलवे स्टेशन पर स्टेशन मास्टर आर. सुंदरराज ने ताला लगा दिया था. वहीं भीषण चक्रवात की चपेट में ट्रेन नंबर 653 आ गई. यह ट्रेन समुद्र में समा गई. हादसे के बाद न तो लोग ही मिले और न ही उनके शव. हादसे के बाद से आज भी लगभग 200 लोग लापता हैं, इसमें रेलकर्मी भी शामिल हैं.

इस बारे में मौसम विभाग ने 15 दिसंबर 1964 को दक्षिण अंडमान में एक भयंकर तूफान की चेतावनी दी थी. इसके बाद से ही मौसम में अचानक परिवर्तन हुआ तो तूफान के साथ तेज बारिश शुरू हो गई. इतना ही नहीं 21 दिसंबर तक मौस ने विकराल रूप धारण कर लिया. इसके बाद 22 दिसंबर 1964 को श्रीलंका से चक्रवाती तूफान लगभग 110 किमी की प्रति घंटे की तेजी से भारत की ओर आ गया. इसी तूफान की चपेट में आ जाने से हादसे का शिकार हो गई.

पंबन ब्रिज से गुजर रही थी ट्रेन

तूफान और भारी बारिश की वजह के बीच ट्रेन नंबर 653 समुद्र के ऊपर बने पंबन ब्रिज से गुजर रही थी. हालांकि इस दौरान लोको पायलट से ट्रेन की गति काफी धीमी रखी थी. पंबल ब्रिज पर ट्रेन धीरे-धीरे आगे की ओर बढ़ रही थी. तभी अचानक लहरें इतनी अधिक तेज हो गईं कि ट्रेन को संभालना मुश्किल हो गया. फलस्वरूप ट्रेन का पिछला डिब्बा समंदर की लहरों में समा गया. वहीं 6 अन्य डिब्बे के साथ पूरी ट्रेन समंदर में चली गई.

हालांकि तूफान के खत्म हो जाने के बाद ट्रेन के सभी 200 यात्रियों के शव के साथ ही पांच रेल कर्माचारियों के ढूंढने की कोशिश की गई. लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली. वहीं इस भयानक हादसे के बाद धनुषकोडी रेलवे स्टेशन को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है.

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Last Updated : Jun 17, 2024, 4:23 PM IST

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