हैदराबाद : देश में ट्रेन हादसे तो कई हो चुके हैं, लेकिन कुछ हादसे ऐसे भी थे जिनको आज भी लोग याद करते हैं तो उनकी रूह कांप जाती है. इनमें एक घटना 22 दिसंबर 1964 को घटी. इस हादसे में पूरी की पूरी ट्रेन ही समुद्र में समा गई थी.
बताया जाता है कि रामेश्वरम द्वीप के किनारे धनुषकोडी में भीषण चक्रवात आया था. इससे चारों तरफ अंधेरा छा गया था. फलस्वरूप धनुषकोडी रेलवे स्टेशन पर स्टेशन मास्टर आर. सुंदरराज ने ताला लगा दिया था. वहीं भीषण चक्रवात की चपेट में ट्रेन नंबर 653 आ गई. यह ट्रेन समुद्र में समा गई. हादसे के बाद न तो लोग ही मिले और न ही उनके शव. हादसे के बाद से आज भी लगभग 200 लोग लापता हैं, इसमें रेलकर्मी भी शामिल हैं.
इस बारे में मौसम विभाग ने 15 दिसंबर 1964 को दक्षिण अंडमान में एक भयंकर तूफान की चेतावनी दी थी. इसके बाद से ही मौसम में अचानक परिवर्तन हुआ तो तूफान के साथ तेज बारिश शुरू हो गई. इतना ही नहीं 21 दिसंबर तक मौस ने विकराल रूप धारण कर लिया. इसके बाद 22 दिसंबर 1964 को श्रीलंका से चक्रवाती तूफान लगभग 110 किमी की प्रति घंटे की तेजी से भारत की ओर आ गया. इसी तूफान की चपेट में आ जाने से हादसे का शिकार हो गई.