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Intro: भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय गोयल ने कहा कि अरुण जेटली के निधन से मैंने अपना एक अभिन्न दोस्त खोया है छात्र राजनीति से और विश्वविद्यालय की राजनीति से केंद्रीय मंत्री बनने तक का सफर हम दोनों ने साथ किया था यहां तक इमरजेंसी के समय में भी हम सब साथ जेल गए थे और हम दोनों हर रोज सुबह लोधी गार्डन में शेयर भी किया करते थे जेटली साहब को खाने का बहुत शौकीन थे और वह हमेशा यह कहा करते थे कि जब तुम अपनी हवेली पर पराठे बनाओगे तभी मैं तुम्हारे घर आऊंगा Body:भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय गोयल ने ईटीवी से अरुण जेटली के संस्मरण को साझा करते हुए कहा कि उनकी आंखे आज नम है उन्होंने इमरजेंसी के समय से साथ साथ काम किया और लगभग साथ-साथ मंत्री भी रहे अटल जी के मंत्रिमंडल में भी वह दोनों मंत्री थे और मोदी जी के मंत्रिमंडल में भी मंत्री रहे उन्होंने कहा कि जब भी पार्टी या किसी मुद्दे पर कोई संकट आता था तो हमेशा से वो अरुण जेटली से ही एडवाइज लिया करते थेConclusion:उन्होंने कहा जीएसटी और नोटबंदी जैसे बड़े बड़े कदम अरुण जेटली ने बड़े बखूबी से उठाए थे और यह अरुण जेटली जी की एक बड़ी ही दयालुता थी कि जब भी किसी को खेल से संबंधित कोई भी समस्या आती थी तो वह उसके लिए हमेशा से खड़े हो जाते थे सहायता के लिए उन्होंने कहा कि उनके पास ऐसे कई संस्मरण है जो खत्म नहीं होंगे और बहुत ही कम उम्र में उनका चला जाना कहीं ना कहीं एक दिल में उनके लिए मलाल है उन्होंने कहा कि अरुण जेटली को हमेशा से यह मलाल जरूर था कि कभी वह लोकसभा नहीं जीत पाए और दूसरी चीज उन्होंने उनसे कही थी जो यह था कि उन्होंने कहा था कि विजय गोयल भगवान ने मुझे सब कुछ दिया मगर सेहत नहीं