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संक्रामक बीमारियों ने पसारे पांव, अस्पतालों में दोगुनी हुई मरीजों की संख्या - हल्द्वानी में संक्रामक मरीजों की संख्या बड़ी

बरसात के सीजन में संक्रामक बीमारियों ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. अस्पतालों में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. रोजाना 250 की ओपीडी वाले अस्पताल में 500 से अधिक मरीज के पहुंच रहे हैं.

संक्रामक बीमारियों ने पसारे पांव
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Published : Aug 27, 2019, 10:51 AM IST

हल्द्वानी: बरसात का मौसम शुरू होने के साथ ही संक्रामक बीमारियां भी पनपने लगती हैं, क्योंकि हवा में नमी और पानी के जमा होने के कारण संक्रमण तेजी से फैलता है. यही कारण है कि कुमाऊं के सबसे बड़े अस्पताल सुशीला तिवारी अस्पताल में संक्रामक रोगियों की भीड़ लगनी शुरू हो गई है. रोजाना 250 की ओपीडी वाले अस्पताल में 500 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं.

सुशीला तिवारी अस्पताल में मरीजों की भारी भीड़ देखने को मिल रही हैं. अस्पताल में सुबह से ही इतने मरीज इकट्ठा हो जाते हैं कि उनको बैठने के लिए जगह तक नहीं मिलती. मरीजों को जमीन पर बैठकर ही अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है. अस्पताल में संक्रामक रोगों के मरीज हल्द्वानी और उसके आसपास के साथ-साथ पहाड़ और सीमावर्ती क्षेत्र से पहुंच रहे हैं.

संक्रामक बीमारियों ने पसारे पांव

हल्द्वानी के बेस अस्पताल में भी संक्रामक मरीजों की संख्या में दोगुना इजाफा देखा जा रहा है. इसके साथ ही निजी डॉक्टरों के यहां भी मरीजों की भरमार है. संक्रामक बीमारियों में सबसे ज्यादा बुखार, खांसी और मलेरिया के ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं. इसके अलावा त्वचा संबंधी रोगों को भी संख्या में इजाफा हुआ है.

पढे़ं- लगातार बढ़ रही डेंगू के मरीजों की संख्या, बड़े अस्पतालों के वार्ड हुए फुल

सुशीला तिवारी अस्पताल के पीआरओ आलोक उप्रेती का कहना है कि मरीजों की संख्या में हुए इजाफे को देखते हुए सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं. डॉक्टर की कोई कमी नहीं है. मरीजों का उचित उपचार किया जा रहा है.

हल्द्वानी: बरसात का मौसम शुरू होने के साथ ही संक्रामक बीमारियां भी पनपने लगती हैं, क्योंकि हवा में नमी और पानी के जमा होने के कारण संक्रमण तेजी से फैलता है. यही कारण है कि कुमाऊं के सबसे बड़े अस्पताल सुशीला तिवारी अस्पताल में संक्रामक रोगियों की भीड़ लगनी शुरू हो गई है. रोजाना 250 की ओपीडी वाले अस्पताल में 500 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं.

सुशीला तिवारी अस्पताल में मरीजों की भारी भीड़ देखने को मिल रही हैं. अस्पताल में सुबह से ही इतने मरीज इकट्ठा हो जाते हैं कि उनको बैठने के लिए जगह तक नहीं मिलती. मरीजों को जमीन पर बैठकर ही अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है. अस्पताल में संक्रामक रोगों के मरीज हल्द्वानी और उसके आसपास के साथ-साथ पहाड़ और सीमावर्ती क्षेत्र से पहुंच रहे हैं.

संक्रामक बीमारियों ने पसारे पांव

हल्द्वानी के बेस अस्पताल में भी संक्रामक मरीजों की संख्या में दोगुना इजाफा देखा जा रहा है. इसके साथ ही निजी डॉक्टरों के यहां भी मरीजों की भरमार है. संक्रामक बीमारियों में सबसे ज्यादा बुखार, खांसी और मलेरिया के ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं. इसके अलावा त्वचा संबंधी रोगों को भी संख्या में इजाफा हुआ है.

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सुशीला तिवारी अस्पताल के पीआरओ आलोक उप्रेती का कहना है कि मरीजों की संख्या में हुए इजाफे को देखते हुए सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं. डॉक्टर की कोई कमी नहीं है. मरीजों का उचित उपचार किया जा रहा है.

Intro:sammry- संक्रामक बीमारियों ने पसारे पांव अस्पतालों में मरीजों की संख्या में लगातार हो रहा है इजाफा। एंकर- बरसात के मौसम में मौसमी बीमारियों की संख्या में इजाफा हुआ है। संक्रामक रोग लगातार पाव पसार रहा है जिसके चलते कुमाऊ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सुशीला तिवारी अस्पताल में संक्रामक रोगियों की भीड़ लगनी शुरू हो गई है। यही नहीं रोजाना 250 की ओपीडी वाले अस्पताल में 500 से अधिक मरीज संक्रामक के पहुंच रहे हैं।


Body:बरसात के मौसम में जलभराव के साथ-साथ निकल रही तेज धूप संक्रामक बीमारियों का कारण बन रहा है। संक्रामक बीमारी लगातार पैर पसारने लगा है। जिसके चलते अस्पतालों में संक्रामक मरीजों की भीड़ देखने को मिल रही है। बात कुमाऊ की सबसे बड़े सुशीला तिवारी सरकार अस्पताल की करे तो जहां रोजाना 200 से 250 मरीज सामान्य बीमारियों के डॉक्टर को दिखाने पहुंचते थे आज वह बढ़कर 500 से साला 550 तक हो गया है। अस्पताल में सुबह से ही पर्ची बनवाने और ओपीडी के लिए बड़ी-बड़ी लाइनें देखी जा रही है हालात इतने खराब है कि मरीज जमीनों पर बैठ अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। सुशीला तिवारी अस्पताल में संक्रामक रोगों की मरीज हल्द्वानी और उसके आसपास के साथ साथ पहाड़ और उत्तर प्रदेश से लगे सीमावर्ती क्षेत्र से मरीज यहां पहुंच रहे हैं। यही हालात हल्द्वानी के बेस अस्पताल का भी है जहां संक्रामक मरीजों की संख्या में दुगनी इजाफा देखी जा रही है इसके अलावा निजी चिकित्सकों यहां भी मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। संक्रामक बीमारियों में सबसे ज्यादा बुखार खांसी मलेरिया और उल्टी के ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं। इसके अलावा त्वचा संबंधी रोगों को भी संख्या में इजाफा हुआ है।


Conclusion:सुशीला तिवारी अस्पताल के पीआरओ आलोक उप्रेती का कहना है कि मरीजों में हुई इजाफा को देखते हुए सभी व्यवस्था पूर्ण कर ली गई है डॉक्टर की कोई कमी नहीं है। सभी मरीजों का उचित उपचार किया जा रहा है। बाइट - आलोक उप्रेती पीआरओ सुशीला तिवारी अस्पताल
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