सीतापुर: प्लाईवुड फैक्ट्री पर अपने 32 करोड़ रुपये बकाया भुगतान की मांग को लेकर कर्मचारियों ने विकास भवन में धरना-प्रदर्शन किया. ये कर्मचारी अपने परिजनों के साथ चूहामार दवाई भी लेकर आये. उनका कहना है कि अगर उनका बकाया भुगतान न दिया जाय तो उन्हें अधिकारी ये चूहामार दवाई खिला दें.
सीतापुर: चूहामार दवाई लेकर परिजनों के साथ धरने पर बैठे प्लाईवुड फैक्ट्री के कर्मचारी - protect carrying a rat medicine in sitapur
उत्तर प्रदेश के सीतापुर में तालाबंदी का शिकार हुई प्लाईवुड फैक्ट्री के कर्मचारी बकाया भुगतान की मांग को लेकर अपने परिजनों के साथ धरने पर बैठे हैं. कर्मचारी अपने साथ चूहा मारने की दवाई भी लेकर आये हैं.

चूहामार दवाई लेकर प्लाईवुड फैक्ट्री के कर्मचारी धरने पर बैठे.
सीतापुर: प्लाईवुड फैक्ट्री पर अपने 32 करोड़ रुपये बकाया भुगतान की मांग को लेकर कर्मचारियों ने विकास भवन में धरना-प्रदर्शन किया. ये कर्मचारी अपने परिजनों के साथ चूहामार दवाई भी लेकर आये. उनका कहना है कि अगर उनका बकाया भुगतान न दिया जाय तो उन्हें अधिकारी ये चूहामार दवाई खिला दें.
चूहामार दवाई लेकर प्लाईवुड फैक्ट्री के कर्मचारी धरने पर बैठे.
तालाबंदी का शिकार प्लाईवुड फैक्ट्री
वर्ष 2001 में तालाबंदी का शिकार हुई सीतापुर प्लाईवुड फैक्ट्री के कर्मचारी अपने बकाया भुगतान की मांग को लेकर पिछले 18 वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं. उनका कहना है कि फैक्ट्री पर उनका करीब 32 करोड़ रुपये बकाया है. फैक्ट्री प्रबंधन उनका भुगतान नहीं कर रहा है यहां तक कि कई वर्षों का उनका पीएफ भी नहीं जमा किया गया. जिससे उनके पीएफ का भी भुगतान नहीं किया गया है.
बकाया भुगतान करे या खिला दे चूहा मारने की दवाई
धरना प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का नेतृत्व कर रहे नेताओं ने मांग की कि भारत सरकार इस फैक्ट्री और उसकी सारी संपत्ति का अधिग्रहण करके कर्मचारियों का बकाया भुगतान करे. स्थानीय प्रशासन से भी इस बाबत सरकार से पत्राचार करने की मांग की. कर्मचारियों ने यह भी मांग की यदि उनका बकाया भुगतान सम्भव न हो तो उन्हें चूहामार दवाई खिला दी जाय, जिसे वे अपने साथ लेकर आये हैं.
चूहामार दवाई लेकर प्लाईवुड फैक्ट्री के कर्मचारी धरने पर बैठे.
तालाबंदी का शिकार प्लाईवुड फैक्ट्री
वर्ष 2001 में तालाबंदी का शिकार हुई सीतापुर प्लाईवुड फैक्ट्री के कर्मचारी अपने बकाया भुगतान की मांग को लेकर पिछले 18 वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं. उनका कहना है कि फैक्ट्री पर उनका करीब 32 करोड़ रुपये बकाया है. फैक्ट्री प्रबंधन उनका भुगतान नहीं कर रहा है यहां तक कि कई वर्षों का उनका पीएफ भी नहीं जमा किया गया. जिससे उनके पीएफ का भी भुगतान नहीं किया गया है.
बकाया भुगतान करे या खिला दे चूहा मारने की दवाई
धरना प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का नेतृत्व कर रहे नेताओं ने मांग की कि भारत सरकार इस फैक्ट्री और उसकी सारी संपत्ति का अधिग्रहण करके कर्मचारियों का बकाया भुगतान करे. स्थानीय प्रशासन से भी इस बाबत सरकार से पत्राचार करने की मांग की. कर्मचारियों ने यह भी मांग की यदि उनका बकाया भुगतान सम्भव न हो तो उन्हें चूहामार दवाई खिला दी जाय, जिसे वे अपने साथ लेकर आये हैं.
Intro:सीतापुर: प्लाईवुड फैक्ट्री पर अपने 32 करोड़ रुपये बकाया भुगतान की मांग को लेकर कर्मचारियों ने विकास भवन में धरना प्रदर्शन किया. ये कर्मचारी अपने परिजनों के साथ चूहामार दवाई भी लेकर आये थे.उनका कहना है कि अगर उनका बकाया भुगतान न दिया जाय तो उन्हें अधिकारी ये चूहामार दवाई खिला दें.
Body:वर्ष 2001 में तालाबंदी का शिकार हुई सीतापुर प्लायवुड फैक्ट्री के कर्मचारी अपने बकाया भुगतान की मांग को लेकर पिछले 18 वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं. उनका कहना है कि फैक्ट्री पर उनका करीब 32 करोड़ रुपया बकाया है लेकिन फैक्ट्री प्रबंधन उनका भुगतान नहीं कर रहा है यहां तक कि कई वर्षों का उनका पीएफ भी नही जमा किया गया जिससे उनके पीएफ का भी भुगतान नही किया गया है.
Conclusion:धरना प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का नेतृत्व कर रहे नेताओ ने मांग की कि भारत सरकार इस फैक्ट्री और उसकी सारी संपत्ति का अधिग्रहण करके कर्मचारियों का बकाया भुगतान करे. उन्होंने स्थानीय प्रशासन से भी इस बाबत सरकार से पत्राचार करने की मांग की. कर्मचारियों ने यह भी मांग की यदि उनका बकाया भुगतान सम्भव न हो तो उन्हें चूहामार दवाई खिला दी जाय,जिसे वे अपने साथ लेकर आये हैं.
बाइट-बचान प्रसाद (अध्यक्ष-भारतीय मजदूर संघ)
सीतापुर से नीरज श्रीवास्तव की रिपोर्ट,9415084887,8299469052
Body:वर्ष 2001 में तालाबंदी का शिकार हुई सीतापुर प्लायवुड फैक्ट्री के कर्मचारी अपने बकाया भुगतान की मांग को लेकर पिछले 18 वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं. उनका कहना है कि फैक्ट्री पर उनका करीब 32 करोड़ रुपया बकाया है लेकिन फैक्ट्री प्रबंधन उनका भुगतान नहीं कर रहा है यहां तक कि कई वर्षों का उनका पीएफ भी नही जमा किया गया जिससे उनके पीएफ का भी भुगतान नही किया गया है.
Conclusion:धरना प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का नेतृत्व कर रहे नेताओ ने मांग की कि भारत सरकार इस फैक्ट्री और उसकी सारी संपत्ति का अधिग्रहण करके कर्मचारियों का बकाया भुगतान करे. उन्होंने स्थानीय प्रशासन से भी इस बाबत सरकार से पत्राचार करने की मांग की. कर्मचारियों ने यह भी मांग की यदि उनका बकाया भुगतान सम्भव न हो तो उन्हें चूहामार दवाई खिला दी जाय,जिसे वे अपने साथ लेकर आये हैं.
बाइट-बचान प्रसाद (अध्यक्ष-भारतीय मजदूर संघ)
सीतापुर से नीरज श्रीवास्तव की रिपोर्ट,9415084887,8299469052