मिर्जापुर: जिले में पराली जलाने वाले किसान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. किसानों पर वायु प्रदूषण फैलाने के आरोप में एफआईआर दर्ज करते हुए जुर्माना वसूला जाएगा. जिला प्रशासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि पराली अथवा धान का पुआल और अन्य कृषि अपशिष्ट जलाने से वायु प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होती है.
पराली जलाने से फैलता है प्रदूषण
सामान्य तौर पर किसान फसल की कटाई के बाद पराली या कृषि अपशिष्ट खेत में ही जला देते हैं, इससे वायु प्रदूषण फैलता है. पराली का उपयोग खेत में ही खाद के रूप में किया जाए तो फायदा होगा. किसानों पर नजर रखने के जिला स्तरीय टीम का गठन किया गया है. टीम में एडीएम से लेकर एसडीएम, पुलिस विभाग और कृषि अधिकारी को शामिल किया गया है.
जांच टीम का किया गया गठन
पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई के लिए टीम में अपर जिलाधिकारी यूपी सिंह अध्यक्ष अपर पुलिस अधीक्षक नक्सल ए.के. सिंह को सदस्य और उपकृषि निदेशक को सदस्य सचिव, जिला कृषि अधिकारी जिला विद्यालय निरीक्षक और जिला पंचायत राज अधिकारी को सदस्य नामित किया गया है. यह टीम प्रतिदिन अनुश्रवण करके तय करेंगे कि कोई खेत में पराली और कृषि अपशिष्ट नहीं जलायेगा.
आला अधिकारी अपने क्षेत्रों में करेंगे निगरानी
यह टीम प्रतिदिन निगरानी करेगी. धान की फसल काटने से लेकर रवि के मौसम में गेहूं की बुवाई होने तक पूरा दिन पराली जलाने पर रोक के लिए उचित कार्रवाई करेगी. साथ ही एसडीएम सीओ और ब्लॉक के कृषि अधिकारी अपने अपने क्षेत्रों में निगरानी करेंगे. इस तरह से कोई किसान पाया जाता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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इस दल को निर्देश दिया गया है कि वह अपने क्षेत्र में तहसील और विकासखंड के सभी लेखपालों, ग्राम प्रधान को इस संबंध में जानकारी दें. यदि इस प्रकार की कोई घटना होती है तो टीम को तत्काल सूचना दें, जिससे पराली या कृषि अवशेष जलाने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जा सके.