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साल 2019 में कहां हुई योगी सरकार सफल और कहां मिली चुनौती, जानें

आज साल 2019 विदाई की ओर है. यह साल योगी सरकार के लिए उपलब्धियों के साथ-साथ चुनौती भरा रहा. जहां सरकार के कुछ कामों की तारीफ प्रदेश के साथ पूरे देश में हुई तो कई मुद्दों पर सरकार की फजीहत भी हुई.

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योगी सरकार
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Published : Dec 31, 2019, 11:13 PM IST

लखनऊ: साल विदाई की ओर है. प्रदेश की भाजपा सरकार ने जहां पूरे साल कई कीर्तिमान हासिल किए तो कई मुद्दों पर विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरा. अयोध्या के दीपोत्सव, वृंदावन के रंगोत्सव, मथुरा के कृष्ण जन्मोत्सव और काशी के देव दीपावली की भव्यता का भी खूब प्रचार-प्रसार हुआ. पूरे साल सरकार ने उपलब्धियां गिनाईं तो साल के आखिरी में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन ने सरकार को बेचैन कर दिया.

योगी सरकार का साल 2019 विशेष.

वर्ष की शुरुवात दिव्य कुंभ, भव्य कुंभ के साथ
वर्ष 2019 में योगी सरकार का आगाज बेहद शानदार रहा. साल की शुरुवात शानदार थी, प्रयागराज के दिव्य और भव्य कुंभ की प्रशंसा देश और विदेशों में हुई. पूरे वर्ष भर रिकॉर्ड दर रिकॉर्ड बनते रहे. पहली बार इतने बड़े पैमाने पर प्रवासी भारतीयों का सम्मेलन हुआ.

राम मंदिर पर निर्णय
यह वर्ष राम मंदिर पर आने वाले फैसले के लिए भी याद किया जाएगा. वर्षों पुराने पर बेहद संवेदनशील राम मंदिर पर आए फैसले के बाद भी प्रदेश में कहीं दंगे नहीं हुए. सरकार के पहले से किए गए इस प्रयास की जमकर तारीफ हुई. केंद्र सरकार ने योगी सरकार को इसके लिए शाबाशी भी दी. इस साल इस सरकार ने पूर्वांचल में मासूमों के लिए चार दशकों से कॉल बनी इंसेफेलाइटिस पर काबू पाया है.

सिंचाई परियोजना हो रही पूर्ण
चार दशकों से लटकी हुई कई सिंचाई परियोजनाएं योगी सरकार में पूरी होने जा रही हैं. इसमें बाणसागर परियोजना पूरी हो गई है, जबकि अर्जुन सहायक परियोजना, सरयू नहर परियोजना इसी वित्तीय वर्ष में पूर्ण होंगी, जिससे 20 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि सिंचित होंगी. सरकार का दावा है कि नहरों का पानी टेल तक पहुंचे, इसके लिए 45 हजार किलोमीटर नहरों की सफाई करवाई जा चुकी है.

लोकसभा चुनाव हुआ सम्पन्न
साल 2019 में लोकतंत्र का कुंभ मेले का आयोजन हुआ. योगी सरकार के नेतृत्व में यूपी में यह लोकसभा चुनाव भी सकुशल संपन्न हुआ. भाजपा को इस चुनाव में 62 सीटें मिली.

निवेश के मोर्चे पर डटी रही सरकार
साल 2019 में निवेश के मोर्चे पर भी सरकार डटी रही. दूसरे ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से करीब 65 हजार करोड़ रुपये का निवेश लाने में सरकार सफल रही. लखनऊ में फरवरी 2018 में उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन हुआ. समिति में चार लाख 68 हजार के निवेश संबंधी एमओयू हस्ताक्षरित हुए थे. प्रथम ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी एवं द्वितीय ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी तथा अन्य आयोजनों के माध्यम से लगभग दो लाख करोड़ रुपये के निवेश की परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई. इन परियोजनाओं से लगभग पांच लाख लोगों को रोजगार मिलेगा.

विधानसभा ने दर्ज किया रिकार्ड
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर 36 घंटे के रिकॉर्ड समय तक विधानसभा चली. अपराध और भ्रष्टाचार के प्रति सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रही. अपराधी या तो जमानत रद्द कराकर जेल चले गए या प्रदेश से बाहर भाग गए, भ्रष्ट अफसर भी लगातार सरकार के रडार पर रहे. इनमें से कईयों के खिलाफ कार्रवाई भी हुई.

योगी सरकार का जीरो टॉलरेंस
पूरे साल उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जीरो टॉलरेंस पर काम करती रही. पिछले दो वर्षों में योगी सरकार ने अलग-अलग विभागों के 200 से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों को रिटायर किया है. इन दो वर्षों में योगी सरकार ने 500 से ज्यादा अफसरों, कर्मचारियों को निलंबित किया और डिमोशन जैसे दंड दिए. इसमें ऊर्जा विभाग के 169 अधिकारी, गृह विभाग के 51 अधिकारी, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के 37 अधिकारी, राजस्व विभाग के 36 अधिकारी, बेसिक शिक्षा विभाग के 26, पंचायती राज के 25, पीडब्ल्यूडी के 18, लेबर डिपार्टमेंट के 16, संस्थागत वित्त विभाग के 16, कमर्शियल टैक्स के 16, इंटरटेनमेंट टैक्स डिपार्टमेंट के 16, ग्रामीण विकास विभाग के 15 एवं वन विभाग के 11 अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है.

राम मंदिर पर शांति व्यवस्था
इसके अलावा योगी सरकार श्री राम जन्मभूमि पर आए फैसले के दौरान कानून व्यवस्था संभालने को भी अपनी उपलब्धि में गिनती है. अयोध्या में राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का जिस दिन फैसला आया, सरकार का दावा है कि उस दिन प्रदेश में एक भी घटना नहीं हुई. पूरे प्रदेश में एक भी हत्या, लूट, अपहरण, बलात्कार और डकैती जैसी कोई वारदात नहीं हुई.

मेडिकल कॉलेजों की व्यवस्था
सरकार चिकित्सा सुविधाओं को लेकर के भी अपनी उपलब्धियां गिनाती रही है. उत्तर प्रदेश में आजादी के बाद से साल 2014 तक सिर्फ 13 मेडिकल कॉलेज थे. योगी सरकार के ढाई साल के कार्यकाल में रिकॉर्ड 15 नए मेडिकल कॉलेज बने. इनमें से आठ का निर्माण कार्य चल रहा है. उत्तर प्रदेश में 7 मेडिकल कॉलेजों अयोध्या, बस्ती, बहराइच, फिरोजाबाद, बदायूं और शाहजहांपुर और राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान ग्रेटर नोएडा में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की पढ़ाई भी शुरू हो गई है.

रायबरेली और गोरखपुर में एम्स का निर्माण कार्य चल रहा है. इन दोनों एम्स में ओपीडी चल रही है. एमबीबीएस की 50-50 सीटों पर दाखिला भी हो चुका है. लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना का कार्य प्रगति पर है. इसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिलान्यास किया है. चार दशक से पूर्वांचल के मासूमों के लिए काल बनी इंसेफेलाइटिस के मामलों में 35 फीसदी की कमी हुई है, जबकि मौत के आंकड़ों में 65 प्रतिशत की कमी आई है.

योगी सरकार के लिए ये चुनौतियां रहीं
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जहां एक और तमाम उपलब्धियां अर्जित की हैं. वहीं उसके लिए कई बड़ी चुनौतियां बनी रहीं. उन्नाव रेप कांड हो या फिर चिन्मयानंद का केस योगी सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरे. वहीं सोनभद्र में भूमि विवाद को लेकर हुईं हत्याएं भी सरकार की छवि धूमिल की हैं. हालांकि सीएम योगी ने इस पूरे प्रकरण पर कांग्रेस को घेरकर काफी बचाव किए. योगी सरकार यह दावा करती रही कि उसके कार्यकाल में एक भी दंगा नहीं हुआ, लेकिन 2019 के आखिरी में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान लगभग 18 से अधिक लोगों की मौत हुई. सरकार के लिए यह प्रकरण बड़ी चुनौती बनकर उभरा है. सीएम योगी खुद इसे संभालने में जुटे हुए हैं.

लखनऊ: साल विदाई की ओर है. प्रदेश की भाजपा सरकार ने जहां पूरे साल कई कीर्तिमान हासिल किए तो कई मुद्दों पर विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरा. अयोध्या के दीपोत्सव, वृंदावन के रंगोत्सव, मथुरा के कृष्ण जन्मोत्सव और काशी के देव दीपावली की भव्यता का भी खूब प्रचार-प्रसार हुआ. पूरे साल सरकार ने उपलब्धियां गिनाईं तो साल के आखिरी में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन ने सरकार को बेचैन कर दिया.

योगी सरकार का साल 2019 विशेष.

वर्ष की शुरुवात दिव्य कुंभ, भव्य कुंभ के साथ
वर्ष 2019 में योगी सरकार का आगाज बेहद शानदार रहा. साल की शुरुवात शानदार थी, प्रयागराज के दिव्य और भव्य कुंभ की प्रशंसा देश और विदेशों में हुई. पूरे वर्ष भर रिकॉर्ड दर रिकॉर्ड बनते रहे. पहली बार इतने बड़े पैमाने पर प्रवासी भारतीयों का सम्मेलन हुआ.

राम मंदिर पर निर्णय
यह वर्ष राम मंदिर पर आने वाले फैसले के लिए भी याद किया जाएगा. वर्षों पुराने पर बेहद संवेदनशील राम मंदिर पर आए फैसले के बाद भी प्रदेश में कहीं दंगे नहीं हुए. सरकार के पहले से किए गए इस प्रयास की जमकर तारीफ हुई. केंद्र सरकार ने योगी सरकार को इसके लिए शाबाशी भी दी. इस साल इस सरकार ने पूर्वांचल में मासूमों के लिए चार दशकों से कॉल बनी इंसेफेलाइटिस पर काबू पाया है.

सिंचाई परियोजना हो रही पूर्ण
चार दशकों से लटकी हुई कई सिंचाई परियोजनाएं योगी सरकार में पूरी होने जा रही हैं. इसमें बाणसागर परियोजना पूरी हो गई है, जबकि अर्जुन सहायक परियोजना, सरयू नहर परियोजना इसी वित्तीय वर्ष में पूर्ण होंगी, जिससे 20 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि सिंचित होंगी. सरकार का दावा है कि नहरों का पानी टेल तक पहुंचे, इसके लिए 45 हजार किलोमीटर नहरों की सफाई करवाई जा चुकी है.

लोकसभा चुनाव हुआ सम्पन्न
साल 2019 में लोकतंत्र का कुंभ मेले का आयोजन हुआ. योगी सरकार के नेतृत्व में यूपी में यह लोकसभा चुनाव भी सकुशल संपन्न हुआ. भाजपा को इस चुनाव में 62 सीटें मिली.

निवेश के मोर्चे पर डटी रही सरकार
साल 2019 में निवेश के मोर्चे पर भी सरकार डटी रही. दूसरे ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से करीब 65 हजार करोड़ रुपये का निवेश लाने में सरकार सफल रही. लखनऊ में फरवरी 2018 में उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन हुआ. समिति में चार लाख 68 हजार के निवेश संबंधी एमओयू हस्ताक्षरित हुए थे. प्रथम ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी एवं द्वितीय ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी तथा अन्य आयोजनों के माध्यम से लगभग दो लाख करोड़ रुपये के निवेश की परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई. इन परियोजनाओं से लगभग पांच लाख लोगों को रोजगार मिलेगा.

विधानसभा ने दर्ज किया रिकार्ड
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर 36 घंटे के रिकॉर्ड समय तक विधानसभा चली. अपराध और भ्रष्टाचार के प्रति सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रही. अपराधी या तो जमानत रद्द कराकर जेल चले गए या प्रदेश से बाहर भाग गए, भ्रष्ट अफसर भी लगातार सरकार के रडार पर रहे. इनमें से कईयों के खिलाफ कार्रवाई भी हुई.

योगी सरकार का जीरो टॉलरेंस
पूरे साल उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जीरो टॉलरेंस पर काम करती रही. पिछले दो वर्षों में योगी सरकार ने अलग-अलग विभागों के 200 से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों को रिटायर किया है. इन दो वर्षों में योगी सरकार ने 500 से ज्यादा अफसरों, कर्मचारियों को निलंबित किया और डिमोशन जैसे दंड दिए. इसमें ऊर्जा विभाग के 169 अधिकारी, गृह विभाग के 51 अधिकारी, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के 37 अधिकारी, राजस्व विभाग के 36 अधिकारी, बेसिक शिक्षा विभाग के 26, पंचायती राज के 25, पीडब्ल्यूडी के 18, लेबर डिपार्टमेंट के 16, संस्थागत वित्त विभाग के 16, कमर्शियल टैक्स के 16, इंटरटेनमेंट टैक्स डिपार्टमेंट के 16, ग्रामीण विकास विभाग के 15 एवं वन विभाग के 11 अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है.

राम मंदिर पर शांति व्यवस्था
इसके अलावा योगी सरकार श्री राम जन्मभूमि पर आए फैसले के दौरान कानून व्यवस्था संभालने को भी अपनी उपलब्धि में गिनती है. अयोध्या में राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का जिस दिन फैसला आया, सरकार का दावा है कि उस दिन प्रदेश में एक भी घटना नहीं हुई. पूरे प्रदेश में एक भी हत्या, लूट, अपहरण, बलात्कार और डकैती जैसी कोई वारदात नहीं हुई.

मेडिकल कॉलेजों की व्यवस्था
सरकार चिकित्सा सुविधाओं को लेकर के भी अपनी उपलब्धियां गिनाती रही है. उत्तर प्रदेश में आजादी के बाद से साल 2014 तक सिर्फ 13 मेडिकल कॉलेज थे. योगी सरकार के ढाई साल के कार्यकाल में रिकॉर्ड 15 नए मेडिकल कॉलेज बने. इनमें से आठ का निर्माण कार्य चल रहा है. उत्तर प्रदेश में 7 मेडिकल कॉलेजों अयोध्या, बस्ती, बहराइच, फिरोजाबाद, बदायूं और शाहजहांपुर और राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान ग्रेटर नोएडा में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की पढ़ाई भी शुरू हो गई है.

रायबरेली और गोरखपुर में एम्स का निर्माण कार्य चल रहा है. इन दोनों एम्स में ओपीडी चल रही है. एमबीबीएस की 50-50 सीटों पर दाखिला भी हो चुका है. लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना का कार्य प्रगति पर है. इसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिलान्यास किया है. चार दशक से पूर्वांचल के मासूमों के लिए काल बनी इंसेफेलाइटिस के मामलों में 35 फीसदी की कमी हुई है, जबकि मौत के आंकड़ों में 65 प्रतिशत की कमी आई है.

योगी सरकार के लिए ये चुनौतियां रहीं
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जहां एक और तमाम उपलब्धियां अर्जित की हैं. वहीं उसके लिए कई बड़ी चुनौतियां बनी रहीं. उन्नाव रेप कांड हो या फिर चिन्मयानंद का केस योगी सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरे. वहीं सोनभद्र में भूमि विवाद को लेकर हुईं हत्याएं भी सरकार की छवि धूमिल की हैं. हालांकि सीएम योगी ने इस पूरे प्रकरण पर कांग्रेस को घेरकर काफी बचाव किए. योगी सरकार यह दावा करती रही कि उसके कार्यकाल में एक भी दंगा नहीं हुआ, लेकिन 2019 के आखिरी में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान लगभग 18 से अधिक लोगों की मौत हुई. सरकार के लिए यह प्रकरण बड़ी चुनौती बनकर उभरा है. सीएम योगी खुद इसे संभालने में जुटे हुए हैं.

Intro:लखनऊ: योगी सरकार के लिए उपलब्धियां के साथ सीएए प्रदर्शन जैसी चुनौतियों भरा रहा साल 2019

लखनऊ। वर्ष 2019 में योगी सरकार का आगाज बेहद शानदार रहा इतना शानदार कि देश ही नहीं पूरी दुनिया प्रयागराज के दिव्य और भव्य कुंभ की कायल हो गई। फिर तो वर्ष भर रिकॉर्ड दर रिकॉर्ड बनते रहे। पहली बार इतने बड़े पैमाने पर प्रवासी भारतीयों का सम्मेलन हुआ। अयोध्या के दीपोत्सव, वृंदावन के रंगोत्सव, मथुरा के कृष्ण जन्मोत्सव और काशी के देव दीपावली की भव्यता का भी खूब प्रचार प्रसार हुआ। पूरे साल सरकार ने उपलब्धियां गिनाईं तो साल के आखिरी में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन ने सरकार को बेचैन कर दिया।


Body:वर्षों पुराने पर बेहद संवेदनशील राम मंदिर पर आए फैसले के बाद की शांति ने सारी आशंकाओं से परे रही। इसके लिए केंद्र सरकार ने योगी सरकार को शाबाशी भी दी। पूर्वांचल के मासूमों के लिए चार दशकों से कॉल बनी इंसेफेलाइटिस पर योगी सरकार ने काबू पाया है।

चार दशकों से लटकी हुई कई सिंचाई परियोजनाएं योगी सरकार में पूरी होने जा रही हैं। इसमें बाणसागर परियोजना पूरी हो गई है। जबकि अर्जुन सहायक परियोजना, सरयू नहर परियोजना इसी वित्तीय वर्ष में पूर्ण होंगी। जिससे 20 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि सिंचित होंगी। सरकार का दावा है कि नहरों का पानी टेल तक पहुंचे, इसके लिए 45 हजार किलोमीटर नहरों की सफाई करवाई जा चुकी है।

लोकतंत्र का कुंभ लोकसभा चुनाव भी सकुशल संपन्न हुआ। योगी सरकार इसे भी अपनी उपलब्धियों में गिनती है। निवेश के मोर्चे पर भी सरकार डटी रही। दूसरे ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से करीब 65 हजार करोड़ रुपये का निवेश लाने में सरकार सफल रही।

लखनऊ में फरवरी 2018 में उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन हुआ समिति में चार लाख 68 हजार के निवेश संबंधी एमओयू हस्ताक्षरित हुए थे। प्रथम ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी एवं द्वितीय ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी तथा अन्य आयोजनों के माध्यम से लगभग दो लाख करोड़ रुपये के निवेश की परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई। इन परियोजनाओं से लगभग पांच लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर 36 घंटे के रिकॉर्ड समय तक विधानसभा चली। अपराध और भ्रष्टाचार के प्रति सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रही। अपराधी या तो जमानत रद्द कराकर जेल चले गए या प्रदेश से बाहर भाग गए। भ्रष्ट अफसर भी लगातार सरकार के रडार पर रहे। इनमें से कईयों के खिलाफ हुई।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जीरो टॉलरेंस पर काम कर रही है। पिछले दो वर्षों में योगी सरकार ने अलग-अलग विभागों के 200 से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों को जबरन रिटायर किया है। इन दो वर्षों में योगी सरकार ने 500 से ज्यादा अफसरों, कर्मचारियों को निलंबित किया और डिमोशन जैसे दंड दिए। इसमें ऊर्जा विभाग के 169 अधिकारी, गृह विभाग के 51 अधिकारी, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के 37 अधिकारी, राजस्व विभाग के 36 अधिकारी, बेसिक शिक्षा विभाग के 26, पंचायती राज के 25, पीडब्ल्यूडी के 18, लेबर डिपार्टमेंट के 16, संस्थागत वित्त विभाग के 16, कमर्शियल टैक्स के 16, इंटरटेनमेंट टैक्स डिपार्टमेंट के 16, ग्रामीण विकास विभाग के 15 एवं वन विभाग के 11 अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है।

इसके अलावा योगी सरकार श्री राम जन्मभूमि पर आए फैसले के दौरान कानून व्यवस्था संभालने को भी अपनी उपलब्धि में गिनती है। अयोध्या में राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का जिस दिन फैसला आया, सरकार का दावा है कि उस दिन प्रदेश में एक भी घटना नहीं हुई। पूरे प्रदेश में एक भी हत्या, लूट, अपहरण बलात्कार और डकैती जैसी कोई वारदात नहीं हुई।

सरकार चिकित्सा सुविधाओं को लेकर के भी अपनी उपलब्धियां गिनाती रही है। उत्तर प्रदेश में आजादी के बाद से साल 2014 तक सिर्फ 13 मेडिकल कॉलेज थे। योगी सरकार के ढाई साल के कार्यकाल में रिकॉर्ड 15 नए मेडिकल कॉलेज बने। इनमें से आठ का निर्माण कार्य चल रहा है। उत्तर प्रदेश में 7 मेडिकल कॉलेजों अयोध्या, बस्ती, बहराइच, फिरोजाबाद, बदायूं और शाहजहांपुर और राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान ग्रेटर नोएडा में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की पढ़ाई भी शुरू हो गई है।

रायबरेली और गोरखपुर में एम्स का निर्माण कार्य चल रहा है। इन दोनों एम्स में ओपीडी चल रही है। एमबीबीएस की 50-50 सीटों पर दाखिला भी हो चुका है। लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई की स्मृति में अटल बिहारी बाजपेई चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। इसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिलान्यास किया है। चार दशक से पूर्वांचल के मासूमों के लिए काल बनी इंसेफेलाइटिस के मामलों में 35 फ़ीसदी की कमी हुई है। जबकि मौत के आंकड़ों में 65% की कमी आई है।

योगी सरकार के लिए ये चुनौतियां रहीं

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जहां एक और तमाम उपलब्धियां अर्जित की है। वहीं उसके लिए कई बड़ी चुनौतियां बनी रहीं। उन्नाव रेप कांड हो या फिर चिन्मयानंद का केस योगी सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरे। वहीं सोनभद्र में भूमि विवाद को लेकर हुईं हत्याएं भी सरकार की छवि धूमिल की हैं। हालांकि सीएम योगी ने इस पूरे प्रकरण पर कांग्रेस को घेरकर काफी बचाव किये। योगी सरकार यह दावा करती रही कि उसके कार्यकाल में एक भी दंगा नहीं हुआ। लेकिन 2019 के आखिरी में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान करीब दो दर्जन लोगों की मौत हो गया। सरकार के लिए यह प्रकरण बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। सीएम योगी खुद इसे संभालने में जुटे हुए हैं।

सरकार के प्रवक्ता व जनशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा उत्तर प्रदेश वर्ष 2019 में ज्यादातर योजनाओं में देश में प्रथम स्थान अर्जित किया है। हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश देश का प्रथम नंबर वन राज्य बने।

बाईट-भाजपा प्रवक्ता हीरो बाजपेयी
बाईट-राजनीतिक विश्लेषक मनोज भद्रा
बाईट-सरकार के प्रवक्ता व मंत्री महेंद्र सिंह


Conclusion:
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