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UPPCL PF SCAM: ED ने शुरू की जांच, EOW करेगी पूर्व प्रमुख सचिव और CMD से पूछताछ

उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन में हुए पीएफ घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) करेगा. ईओडब्ल्यू जल्द ही पूर्व प्रमुख सचिव ऊर्जा, प्रबंधक निदेशक और निदेशक से पूछताछ की तैयारी कर सकती है.

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Published : Nov 30, 2019, 10:21 AM IST

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पीएफ घोटाले में ED ने शुरू की जांच.

लखनऊ: यूपी पावर कॉर्पोरेशन में हुए पीएफ घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) करेगा. घोटाले की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) जल्द ही पूर्व प्रमुख सचिव आलोक कुमार व तात्कालिक सीएमडी संजय अग्रवाल से भी पूछताछ करेगी. ईओडब्ल्यू से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व प्रमुख सचिव ऊर्जा, प्रबंधक निदेशक और निदेशक से पूछताछ की तैयारी की जा रही है. जानकारी के अनुसार इस मामले में दिसंबर 2016 से लेकर नवंबर 2019 तक जो भी एमडी और प्रमुख सचिव ऊर्जा तैनात रहे हैं उनसे पूछताछ की जाएगी. वहीं सीएमडी संजय अग्रवाल से ईओडब्ल्यू के अधिकारी दिल्ली जाकर पूछताछ करेंगे.

यूपीपीसीएल में हुए भविष्य निधि घोटाले की जांच ईडी ने शुरू कर दी है. दिल्ली की टीम ने आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लू) से यूपीपीसीएल में हुए घोटाले के संबंध में दस्तावेज मांगे हैं. ईओडब्ल्यू की ओर से ईडी को घोटाले के संबंध में दस्तावेज उपलब्ध भी करा दिए गए हैं. उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में उजागर हुए इस घोटाले के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने के निर्देश दिए थे. हालांकि अभी तक सीबीआई ने इस पूरे मामले में जांच शुरू नहीं की है. जब तक सीबीआई इस मामले में जांच शुरू नहीं करती तब तक इस घोटाले की जांच आर्थिक अपराध शाखा कर रही है.

ये भी पढ़ें- मिर्जापुर: BHU साउथ कैंपस के छात्रों के दो गुट आपस में भिड़े, 4 छात्र घायल

आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने घोटाले से जुड़े हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया है. प्रारंभिक जांच में विभिन्न खातों में आए 65 करोड़ रुपये के ब्रोकरेज के बारे में जानकारी मिली है. जांच में यह भी सामने निकल कर आया है कि उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के कर्मचारियों के भविष्य निधि के पैसे को दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड में निवेश करने के लिए कई फर्मों का सहारा लिया गया था. इनमें से कई फर्म फेक हैं. पिछले दिनों फर्म के मालिक व फर्म से जुड़े हुए चार्टर्ड अकाउंटेंट को भी बुलाकर पूछताछ की गई थी.

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ईओडब्लू की जांच में इस बात के भी खुलासे हुए हैं कि जहां भविष्य निधि के पैसे को डीएचएलएफ में निवेश करने के लिए फर्म का प्रयोग किया गया. वहीं बड़े पैमाने पर ब्लैक मनी को व्हाइट में परिवर्तित करने के लिए भी इन फर्म का प्रयोग किया गया. बैंक में एंट्री के लिए सफेद धन को बैंक में जमा किया गया और उसके बदले काले धन को कैश के रूप में दिया गया. ईओडब्लू की टीम लगातार यूपीपीसीएल भविष्य निधि ट्रस्ट व डीएचएफएल के बीच ब्रोकर की भूमिका अदा करने वाली 13 फर्म से जुड़े हुए लोगों से लगातार पूछताछ कर रही है.

लखनऊ: यूपी पावर कॉर्पोरेशन में हुए पीएफ घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) करेगा. घोटाले की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) जल्द ही पूर्व प्रमुख सचिव आलोक कुमार व तात्कालिक सीएमडी संजय अग्रवाल से भी पूछताछ करेगी. ईओडब्ल्यू से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व प्रमुख सचिव ऊर्जा, प्रबंधक निदेशक और निदेशक से पूछताछ की तैयारी की जा रही है. जानकारी के अनुसार इस मामले में दिसंबर 2016 से लेकर नवंबर 2019 तक जो भी एमडी और प्रमुख सचिव ऊर्जा तैनात रहे हैं उनसे पूछताछ की जाएगी. वहीं सीएमडी संजय अग्रवाल से ईओडब्ल्यू के अधिकारी दिल्ली जाकर पूछताछ करेंगे.

यूपीपीसीएल में हुए भविष्य निधि घोटाले की जांच ईडी ने शुरू कर दी है. दिल्ली की टीम ने आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लू) से यूपीपीसीएल में हुए घोटाले के संबंध में दस्तावेज मांगे हैं. ईओडब्ल्यू की ओर से ईडी को घोटाले के संबंध में दस्तावेज उपलब्ध भी करा दिए गए हैं. उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में उजागर हुए इस घोटाले के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने के निर्देश दिए थे. हालांकि अभी तक सीबीआई ने इस पूरे मामले में जांच शुरू नहीं की है. जब तक सीबीआई इस मामले में जांच शुरू नहीं करती तब तक इस घोटाले की जांच आर्थिक अपराध शाखा कर रही है.

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आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने घोटाले से जुड़े हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया है. प्रारंभिक जांच में विभिन्न खातों में आए 65 करोड़ रुपये के ब्रोकरेज के बारे में जानकारी मिली है. जांच में यह भी सामने निकल कर आया है कि उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के कर्मचारियों के भविष्य निधि के पैसे को दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड में निवेश करने के लिए कई फर्मों का सहारा लिया गया था. इनमें से कई फर्म फेक हैं. पिछले दिनों फर्म के मालिक व फर्म से जुड़े हुए चार्टर्ड अकाउंटेंट को भी बुलाकर पूछताछ की गई थी.

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ईओडब्लू की जांच में इस बात के भी खुलासे हुए हैं कि जहां भविष्य निधि के पैसे को डीएचएलएफ में निवेश करने के लिए फर्म का प्रयोग किया गया. वहीं बड़े पैमाने पर ब्लैक मनी को व्हाइट में परिवर्तित करने के लिए भी इन फर्म का प्रयोग किया गया. बैंक में एंट्री के लिए सफेद धन को बैंक में जमा किया गया और उसके बदले काले धन को कैश के रूप में दिया गया. ईओडब्लू की टीम लगातार यूपीपीसीएल भविष्य निधि ट्रस्ट व डीएचएफएल के बीच ब्रोकर की भूमिका अदा करने वाली 13 फर्म से जुड़े हुए लोगों से लगातार पूछताछ कर रही है.

Intro:एंकर लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में कर्मचारियों के भविष्य निधि को दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएलएफ) में नियम विरुद्ध निवेश किए गए 22 सौ करोड़ से भी अधिक घोटाले की जांच अब ईओडब्ल्यू के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) करेगा। घोटाले की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) जल्द ही पूर्व प्रमुख सचिव आलोक कुमार व तात्कालिक सीएमडी संजय अग्रवाल से भी पूछताछ करेगी। ईओ डब्ल्यू से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व प्रमुख सचिव ऊर्जा, प्रबंधक निदेशक और निदेशक से पूछताछ की तैयारी की जा रही है।जल्द ही ईओडब्ल्यू की टीम पूर्व प्रमुख सचिव आलोक कुमार से पूछताछ करेगी। आलोक कुमार के साथ पूर्व एमडी विशाल चौहान और अपर्णा यू से भी पूछताछ की जाएगी। जानकारी के अनुसार इस मामले में दिसंबर 2016 से लेकर नवंबर 2019 तक जो भी एमडी और प्रमुख सचिव ऊर्जा तैनात रहे हैं उनसे पूछताछ की जाएगी वही सीएमडी संजय अग्रवाल से ईओडब्ल्यू के अधिकारी दिल्ली जाकर पूछताछ करेंगे।


Body:वियो यूपीपीसीएल में हुए भविष्य निधि घोटाले की जांच ईडी ने शुरू कर दी है। दिल्ली की टीम ने आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लू) से यूपीपीसीएल में हुए घोटाले के संबंध में दस्तावेज मांगे हैं। ईओडब्ल्यू की ओर से ईडी को घोटाले के संबंध में दस्तावेज उपलब्ध भी करा दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में उजागर हुए इस घोटाले के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने के निर्देश दिए थे। हालांकि, अभी तक सीबीआई ने इस पूरे मामले में जांच शुरू नहीं की है। जब तक सीबीआई इस मामले में जांच शुरू नहीं करती तब तक इस घोटाले की जांच आर्थिक अपराध शाखा कर रही है। आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने घोटाले से जुड़े हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया है। प्रारंभिक जांच में विभिन्न खातों में आए 65 करोड रुपए के ब्रोकरेज के बारे में जानकारी मिली है। जांच में यह भी सामने निकल कर आया है कि उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के कर्मचारियों के भविष्य निधि के पैसे को दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड में निवेश करने के लिए कई फर्मों का सहारा लिया गया था। जिनमें से कई फर्म फेक है पिछले दिनों फर्म के मालिक व फर्म से जुड़े हुए चार्टर्ड अकाउंटेंट को भी बुलाकर पूछताछ की गई थी। ईओडब्लू की जांच में इस बात के भी खुलासे हुए हैं कि जहां भविष्य निधि के पैसे को डीएचएलएफ में निवेश करने के लिए फर्म का प्रयोग किया गया तो वही बड़े पैमाने पर ब्लैक मनी को वाइट में परिवर्तित करने के लिए भी इन फर्म का प्रयोग किया गया। बैंक में एंट्री के लिए सफेद धन को बैंक में जमा किया गया और उसके बदले काले धन को कैश के रूप में दिया गया। ईओडब्लू की टीम लगातार यूपीपीसीएल भविष्य निधि ट्रस्ट व डीएचएफएल के बीच ब्रोकर की भूमिका अदा करने वाली 13 फर्म से जुड़े हुए लोगों से लगातार पूछताछ कर रही है।


Conclusion:(संवाददाता प्रशांत मिश्रा 90 2639 25 26)
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