गाजीपुर: उत्तर प्रदेश में नदियां लगातार उफान पर हैं, जिससे पूर्वी उत्तर प्रदेश के हजारों गांव बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं. जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें लगातार राहत बचाव कार्य में जुटी हैं. गाजीपुर में गंगा नदी खतरे निशान से तककरीबन एक मीटर ऊपर बह रही हैं.
बाढ़ पीड़ितों का पलायन जारी
बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों का पलायन लगातार जारी है. बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत कैंप ले जाया जा रहा है. वहीं बाढ़ पीड़ितों की मानें तो जिला प्रशासन के द्वारा उन्हें कोई सुविधा नहीं मिल रही है. उनके पशुओं को चारा तक नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है. जिला प्रशासन का दावा है की बाढ़ पीड़ितों को जिला प्रशासन के द्वारा हर सुविधा मुहैया कराई जा रही है. हालांकि जिला प्रशासन के अधिकारी बाढ़ प्रभावित सभी इलाकों में नजर बनाए हुए हैं.
गंगा के तटवर्ती इलाकों में हाई अलर्ट
गंगा और यमुना के सभी तटवर्ती जिलों को हाई अलर्ट किया गया है. चंबल नदी के बढ़े जलस्तर के कारण आगे आने वाले दो से तीन दिनों में गंगा और यमुना में जलस्तर बढ़ना तय है. चंबल नदी में बाढ़ को देखते हुए युमना में आगामी तीन दिन के भीतर 16,00000 क्यूसेक जल छोड़ा जाएगा, जिससे यमुना के जलस्तर 86 से 87 मीटर के बीच हो जाएगा, जो खतरे के निशान से अधिक है. यमुना का जलस्तर बढ़ने से गंगा नदी में पानी छोड़े जाने की पूरी संभावना है.
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जमानियां में 16 नाव राहत बचाव कार्य में लगाई गई हैं. अस्थाई बसेरा बनाकर रह रहे लोगों को निकाला जा चुका है. गंगा का पानी आबादी के किनारे पानी आ चुका है. वहां से भी लोगों को निकालने का काम किया जा रहा है.
-रमेश मौर्य, एसडीएम जमानियां