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बलरामपुर: पहली पुण्यतिथि पर कुछ इस तरह याद किए गए अटल बिहारी वाजपेयी - बलरामपुर समाचार

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्य तिथि पर कई कार्यक्रमों का आयोजन हुआ. इस दौरान ईटीवी भारत ने बीजेपी के नेताओं और अटल जी के साथियों से बातचीत की.

अटल बिहारी वाजपेयी (फाइल फोटो).
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Published : Aug 17, 2019, 5:13 AM IST

बलरामपुर: जिले में भारतीय जनमानस पर अपनी एक अलग छाप छोड़ने वाले भारत के महानतम राजनेताओं में शुमार स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्य तिथि पर उन्हें याद किया गया. भारत रत्न से सम्मानित स्व. अटल बिहारी वाजपेयी का बलरामपुर की जनता से बेहद आत्मीय जुड़ाव रहा. वह जिले के सभी धर्म, जाति, पार्टी के लोगों के रग-रग में बसे हुए हैं. अटल वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि पर ईटीवी भारत ने अटल जी के साथियों से बातचीत की.

अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्य तिथि मनाई गई.

बीजेपी जिला अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि उनके जैसा वक्ता और उनके जैसा राजनेता आज के जमाने में होना बिल्कुल नामुमकिन सा लगता है. वह सत्ता, पक्ष, विपक्ष सभी के चहेते थे. इंदिरा जी ने उन पर विश्वास करते हुए उन्हें नेता प्रतिपक्ष के रूप में यूएन भेजा था. उनके जोरदार भाषण के कारण उस समय भारत को एक नई दिशा मिली थी.

पढ़ें- लखनऊ: हजरतगंज चौराहे का नाम बदलकर हुआ अटल चौक


बीजेपी के जिला महामंत्री अजय सिंह ने कहा कि अटल जी की वजह से बलरामपुरवासी बड़ी लाइन से गोरखपुर और लखनऊ तक की सफर कर रहे हैं. वह कहते हैं कि अटलजी की कर्मभूमि बलरामपुर से लेकर जन्मभूमि ग्वालियर तक आज सुशासन एक्सप्रेस भी चलाई जा रही है, जो ग्वालियर और बलरामपुर के संबंध को जोड़ने का काम करती है.

पढ़ें- अटल स्मृतियां : जब UP में वाजपेयी ने कहा- 'हमसे मजदूरी करा ली, लेकिन हमारी...'


भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष परमिंदर सिंह ने कहा कि वह एक कुशल वक्ता और एक कुशल राजनेता थे. वह कहते हैं कि उनके जैसे व्यक्तित्व का नेता होना आज के जमाने में नामुमकिन सा प्रतीत होता है. अटल जी ने जिस तरह से इस समाज को आगे बढ़ाने का काम किया, वह बहुत कम ही लोगों में हो पाता है.

बलरामपुर: जिले में भारतीय जनमानस पर अपनी एक अलग छाप छोड़ने वाले भारत के महानतम राजनेताओं में शुमार स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्य तिथि पर उन्हें याद किया गया. भारत रत्न से सम्मानित स्व. अटल बिहारी वाजपेयी का बलरामपुर की जनता से बेहद आत्मीय जुड़ाव रहा. वह जिले के सभी धर्म, जाति, पार्टी के लोगों के रग-रग में बसे हुए हैं. अटल वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि पर ईटीवी भारत ने अटल जी के साथियों से बातचीत की.

अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्य तिथि मनाई गई.

बीजेपी जिला अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि उनके जैसा वक्ता और उनके जैसा राजनेता आज के जमाने में होना बिल्कुल नामुमकिन सा लगता है. वह सत्ता, पक्ष, विपक्ष सभी के चहेते थे. इंदिरा जी ने उन पर विश्वास करते हुए उन्हें नेता प्रतिपक्ष के रूप में यूएन भेजा था. उनके जोरदार भाषण के कारण उस समय भारत को एक नई दिशा मिली थी.

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बीजेपी के जिला महामंत्री अजय सिंह ने कहा कि अटल जी की वजह से बलरामपुरवासी बड़ी लाइन से गोरखपुर और लखनऊ तक की सफर कर रहे हैं. वह कहते हैं कि अटलजी की कर्मभूमि बलरामपुर से लेकर जन्मभूमि ग्वालियर तक आज सुशासन एक्सप्रेस भी चलाई जा रही है, जो ग्वालियर और बलरामपुर के संबंध को जोड़ने का काम करती है.

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भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष परमिंदर सिंह ने कहा कि वह एक कुशल वक्ता और एक कुशल राजनेता थे. वह कहते हैं कि उनके जैसे व्यक्तित्व का नेता होना आज के जमाने में नामुमकिन सा प्रतीत होता है. अटल जी ने जिस तरह से इस समाज को आगे बढ़ाने का काम किया, वह बहुत कम ही लोगों में हो पाता है.

Intro:भारतीय जनमानस पर अपनी एक अलग छाप छोड़ने वाले भारत के महानतम राजनेताओं में शुमार पंडित अटल बिहारी वाजपेई को याद करने का सबका अपना अपना तरीका है। तीन बार के प्रधानमंत्री और भारत रत्न से सम्मानित पंडित अटल बिहारी वाजपेई का बलरामपुर की जनता से बेहद आत्मीय जुड़ाव रहा है। वह बलरामपुर के सभी धर्म, सभी जाति, सभी पार्टी के लोगों के रग-रग में बसे हुए हैं। उन्हें याद करने का सबका अपना अपना तरीका है। उनके कुछ ऐसे साथी हैं। जो उन्हें याद करते हुए आज भी अपनी आंखें नम कर लेते हैं। पंडित वाजपेई की पहली पुण्यतिथि पर ईटीवी भारत ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और अटल जी के साथियों से बातचीत की, जिसका कुछ अंश आपके सामने पेश है।


Body:क्या कहते हैं भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह :- राकेश कुमार सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को याद करते हुए कहा कि उनके जैसा वक्ता और उनके जैसा राजनेता आज के जमाने में होना बिल्कुल नामुमकिन सा लगता है। वह सत्ता पक्ष, विपक्ष सभी के चहेते थे। इंदिरा जी ने उन पर विश्वास करते हुए उन्हें नेता प्रतिपक्ष के रूप में यूएन भेजा था। उनके जोरदार भाषण के कारण उस समय भारत को एक नई दिशा मिली थी।
वह कहते हैं अटल जी की याद में आज कई कार्यक्रमों का आयोजन पूरे देश भर में किया जा रहा है। इसी कड़ी में बलरामपुर में भी श्रद्धांजलि सभा व कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन किया गया है।
क्या कहते हैं जिला महामंत्री अजय कुमार सिंह पिंकू :- अटल जी को बहुत ही श्रद्धा से याद करते हुए अजय सिंह पिंकू कहते हैं कि अटल जी की वजह से आज बलरामपुर के वासी बड़ी लाइन से गोरखपुर और लखनऊ तक की सफर कर रहे ।हैं इस वाकए को बताते हुए वह कहते हैं कि जब अटल जी 1999 में प्रधानमंत्री बने तो बलरामपुर से एक दल उनसे भेंट करने के लिए गया उस दल ने बलरामपुर में बड़ी रेल लाइन की मांग की। इस मांग को स्वीकार करते हुए अटल जी ने घोषणा कर दी और बड़ी लाइन का काम शुरू हो गया। लेकिन कांग्रेस की सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया और परियोजना 10 साल तक लटकी रही। जैसे ही भाजपा की सरकार बनी आज हम लोग बड़ी लाइन से सफर कर रहे हैं। वह कहते हैं कि अटलजी की कर्मभूमि बलरामपुर से लेकर जन्मभूमि ग्वालियर तक आ आज सुशासन एक्सप्रेस भी चलाई जा रही है। जो ग्वालियर और बलरामपुर के संबंध को जोड़ने का काम करती है।
क्या कहते हैं जगदंबा सोनकर, जिला महामंत्री :- अपने बाल्यकाल से ही जन संघ से जुड़े रहे जगदंबा सोनकर अटल जी के साथ गुजारे अपने लम्हों को याद करते हुए कहते हैं मैं यही कोई 15-16 साल का रहा हूंगा। तब मैं किंग जॉर्ज इंटर कॉलेज में पढ़ाई किया करता था। उसी दौरान अटल जी की नजर मुझ पर पड़ी। उन्होंने जनसंघ का एक बिल्ला थमाते हुए कहा कि हम लोग आज से प्रचार करने चलेंगे। 1957 के चुनाव का वक्त था, उस वक्त विधानसभा और लोकसभा का चुनाव एक साथ संपन्न करवाया जा रहा था। उतरौला के महदइया क्षेत्र में अटल जी की एक जनसभा लगनी थी तब महदईया स्टेट हुआ करता था। जो कि एक मुस्लिम बाहुल्य इलाका था। वहां पर हम सभी प्रचार करने गए अटल जी से लोगों ने जलपान का अनुरोध किया। जबकि कई लोगों ने मुस्लिम बाहुल्य इलाका होने के कारण जलपान ना करने का निश्चय किया। इसके साथ ही आप डर भी था कि अगर यहां पर जलपान कर लिया गया तो हिंदू बाहुल्य जनसंख्या नाराज हो जाएगी। और जलपान नहीं किया गया तो मुस्लिम इलाके के लोग नाराज हो जाएंगे। अटल जी ने बहुत सहज भाव से सब कुछ स्वीकार करते हुए। न केवल वहां जलपान किया बल्कि एक विशाल जनसभा को संबोधित भी किया। जब चुनाव का रिजल्ट आया तो अटल जी उस दिन बूथ से भारी संख्या से विजई हुए थे। इस तरह अटल जी के व्यक्तित्व के हजारों के से बलरामपुर की फिजाओं में आज भी तैर रहे हैं।


Conclusion:क्या कहते हैं सोमई प्रसाद यादव :-
वहीं अटल जी के सहयोगी सोमई प्रसाद यादव उन्हें याद करते हुए कहते हैं की 1957 के चुनाव का वक्त था। उसी दौरान हम लोग पचपेड़वा इलाके में एक दिन प्रचार करने के लिए निकले थे। तब पार्टी के पास काफी कम संसाधन हुआ करते थे। और सड़कें भी इतनी अच्छी नहीं हुआ करती थी। उन्हीं सड़को पर एक जीप से चलते हुए हम लोग जा रहे थे। तभी अचानक हमारी जीत में कुछ खराबी आ गई। हम सभी उतरकर धक्का लगाने लगे। अटल जी भी बहुत ही सहज भाव से गाड़ी से उतरे और जीप में धक्का लगाना शुरू कर दिया। हम सभी लोगों ने उन्हें रोका और किसी तरह बिठाया। फिर भी वह आगे उतर गए और तकरीबन एक से डेढ़ किलोमीटर तक पैदल चलते रहे। पैदल चलकर जब हम लोग एक गांव में पहुंचे तो वहां की जब महिलाओं ने अटल जी को देखा तो वह उनके पास आ गयीं और अटल जी को पुचकारते हुए कहा कि इतना बड़े नेता होकर आप पैदल चल कर आएं है। अटल जी ने सभी माताओं-बहनों से हाथ जोड़कर कहा कि यह आप लोगों का प्रेम है जो मुझे यहां तक पैदल भी खींच लाया।
क्या कहते हैं भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष परमिंदर सिंह :- परमिंदर सिंह अटल जी को एक कुशल वक्ता और एक कुशल राजनेता के तौर पर याद करते हैं। वह कहते हैं कि उनके जैसे व्यक्तित्व का नेता होना आज के जमाने में नामुमकिन सा प्रतीत होता है। अटल जी ने जिस तरह से इस समाज को आगे बढ़ाने का काम किया। वह बहुत कम ही लोगों में हो पाता है।
वह कहते हैं कि बलरामपुर जिला आज भी तमाम जगहों पर देश और विदेशों में अटल जी के नाम से ही जाना जाता है। हमारी पहचान के साथ अटल जी जैसा नेता का जुड़ा होना, हमारे लिए गर्व का विषय है।
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