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दूल्हे के पिता ने पेश की मिसाल, दहेज में मिल रहे 31 लाख रुपयों से भरी थाली वापस लौटाई - 31 लाख दहेज ठुकराया

राजस्थान के कई समाजों में दहेज की परंपरा का बोलबाला है. लेकिन एक पिता ने इस परंपरा को खत्म करने और समाज को एक नया संदेश देने के लिए लाखों का दहेज लौटा दिया.

amthala sirohi, 31 लाख का दहेज
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Published : Nov 6, 2019, 11:36 PM IST

सिरोही. आबूरोड के आमथला गांव के रहने वाले हड़वन्त सिंह देवड़ा के पुत्र की सगाई पोकरण स्थित फलसूंड के मोहनसिंह जोधा की बेटी के साथ हुई. शादी की परंपरा लगुन टीका के दौरान लड़की वालों ने 31 लाख रुपए की रकम थाली में सजाकर वर पक्ष को पेश कर दी.

बेटे को दहेज मे मिले 31 लाख रुपए लौटाए, सामाजिक बुराई को समाप्त करने के लिए उठाया कदम

लेकिन दूल्हे के पिता मन नहीं डोला. हड़वन्त सिंह ने इस भारी भरकम रकम को सम्मान सहित लड़की के परिवार को वापस लौटा दिया और समाज में इस प्रथा को समाप्त करने का आह्वान किया. हड़वन्त सिंह देवड़ा द्वारा उठाए गए इस कदम को वंहा मौजूद हर शक्स ने सराहा और इस समाजिक बुराई को समाप्त करने का प्रण भी लिया.

पढ़ें: Exclusive Interview : राजस्थान में प्रथम नागरिक होने के नाते यहां मेरी सरकार, किसी पार्टी की नहीं - कलराज मिश्र

दरअसल, सिरोही जिले के आमथला निवासी हड़वन्त सिंह देवडा ने अपने परिवार को शिक्षित और संस्कारवान बनाया है. यही कारण है कि उन्होंने अपनी पुत्रवधू को अपनी बेटी मानते हुए संबंधियों द्वारा दिए जाने वाले दहेज के 31 लाख रुपए लेने से मना कर दिया.

पढ़ें: हां...मैं भी बन सकता हूं राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार : गुलाबचंद कटारिया

वधु के पिता मोहन सिंह का कहना है कि दूल्हे के पिता ने ऐसा कर समाज को एक बड़ी सीख दी है. वहीं हड़वंत सिंह का कहना है कि जिस कन्या को वे अपने घर ला रहे हैं वो उनकी पुत्रवधु नहीं बल्कि उनकी बेटी समान है और बेटी का कोई मोल नहीं होता.

सिरोही. आबूरोड के आमथला गांव के रहने वाले हड़वन्त सिंह देवड़ा के पुत्र की सगाई पोकरण स्थित फलसूंड के मोहनसिंह जोधा की बेटी के साथ हुई. शादी की परंपरा लगुन टीका के दौरान लड़की वालों ने 31 लाख रुपए की रकम थाली में सजाकर वर पक्ष को पेश कर दी.

बेटे को दहेज मे मिले 31 लाख रुपए लौटाए, सामाजिक बुराई को समाप्त करने के लिए उठाया कदम

लेकिन दूल्हे के पिता मन नहीं डोला. हड़वन्त सिंह ने इस भारी भरकम रकम को सम्मान सहित लड़की के परिवार को वापस लौटा दिया और समाज में इस प्रथा को समाप्त करने का आह्वान किया. हड़वन्त सिंह देवड़ा द्वारा उठाए गए इस कदम को वंहा मौजूद हर शक्स ने सराहा और इस समाजिक बुराई को समाप्त करने का प्रण भी लिया.

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दरअसल, सिरोही जिले के आमथला निवासी हड़वन्त सिंह देवडा ने अपने परिवार को शिक्षित और संस्कारवान बनाया है. यही कारण है कि उन्होंने अपनी पुत्रवधू को अपनी बेटी मानते हुए संबंधियों द्वारा दिए जाने वाले दहेज के 31 लाख रुपए लेने से मना कर दिया.

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वधु के पिता मोहन सिंह का कहना है कि दूल्हे के पिता ने ऐसा कर समाज को एक बड़ी सीख दी है. वहीं हड़वंत सिंह का कहना है कि जिस कन्या को वे अपने घर ला रहे हैं वो उनकी पुत्रवधु नहीं बल्कि उनकी बेटी समान है और बेटी का कोई मोल नहीं होता.

Intro: बेटे को दहेज मे मिले 31 लाख को पिता में लौटाया , सामाजिक बुराई को समाप्त करने के लिए उठाया कदम।
एंकर देश आधुनिकता की चकाचौंध में सराबोर हैं तो अभी भी सामाजिक परंपराओं और बुराइयों को समाप्त नहीं किया जा सका है ।ऐसी ही एक परंपरा है दहेज माना जाता है कि राजस्थान के कई समाज में दहेज की परंपरा का बोलबाला है पर एक पिता ने इस परंपरा को खत्म करने और समाज में एक नया संदेश देने के लिए दहेज को लौटाया। यह मामला आबूरोड के आमथला गांव का है। आमथला गांव के रहने वाले हडवन्तसिंह देवड़ा के पुत्र की सगाई पोकरण स्थित फूलसड के मोहनसिंह जोधा की बेटी के साथ हुई। टीके के रूप में लड़की के परिवार द्वारा 31 लाख रुपए की रकम दी गई जिसे हडवन्त सिंह ने पुनः लड़की के परिवार को लौटा दिया और समाज में इस प्रथा को समाप्त करने का आह्वान किया।हडवन्त सिंह देवडा द्वारा उठाए गए इस कदम को वंहा मौजूद हर शक्स ने सराहा और इस समाजिक बुराई को समाप्त करने का प्रण लिया ।


Body:दहेज से किया इंकार समाज को दी सीख ।
सिरोही जिले के आमथला निवासी हडवन्तसिंह देवडा ने अपने परिवार को शिक्षित और संस्कारवान बनाया है इसी का कारण है कि उन्होंने अपने बेटे की पुत्रवधू को अपनी बेटी मानते हुए संबंधियों द्वारा दिए जाने वाले दहेज को लेने से मना कर दिया ।पुत्रवधू के पिताजी दहेज के रूप में 31लाख रुपये देने की पेशकश करने लगे और 31 लाख रुपए लेकर जैसे ही देने लगे तो उन्होंने यह पैसे लेने से मना कर दिया उन्होंने कहा कि यह पुत्र नहीं उनकी घर की पुत्री है और बेटी का कोई मोल नहीं होता ।बेटी एक नहीं दो परिवार को संभालती है ।वहीं उन्होंने मौजूद समाज के लोगों से भी बेटियों के परिवार से दहेज न लेने की अपील की और इस पुरानी रूढ़िवादी परंपरा को त्यागने का आह्वान किया।


Conclusion:आमथला निवासी हडवन्त सिंह समाजसेवी और राजनीति के पृष्ठभूमि से है ।हडवन्त सिंह देवडा कोन्ग्रेस के पुर्व ब्लॉक अध्यक्ष रह चुके ।सामजिक बुराई को समाप्त करने के लिए उठाया गया यह कदम प्रेरणादायक है ।

बाइट हडवन्तसिंह देवडा ,वर के पिता
बाइट मोहनसिंह ,वधु के पिता
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