जोधपुर. भारत देश के हर नागरिक में देश के प्रति जज्बा देखने को मिलता है, साथ ही कुछ लोग ऐसे भी हैं जो देश और देश के जवानों के लिए अपना घर बार त्याग कर एक अलग ही मिशन में लग जाते हैं. आज हम आपको एक ऐसे युवक के बारे में बताने वाले हैं जो कि लगभग 4. हजार किलोमीटर का सफर कर गुरुवार को जोधपुर पहुंचा. पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों के घर पर जाकर उनके दहलीज की मिट्टी को जमा कर रहा है.
बेंगलुरु के रहने वाले उमेश गोपीनाथ जाधव पुलवामा में आतंकवादी हमले में शहीद हुए जवानों के घर की दहलीज और उनके अंतिम संस्कार वाली जगह की मिट्टी इकट्ठा कर रहे हैं. वे इस जमा की गई मिट्टी से पुलवामा में हिंदुस्तान का नक्शा और शहीदों की याद में स्मारक भी बनाएंगे. इसके लिए उन्होंने वही तारीख तय कि है जिस दिन पुलवामा में हमला किया गया था, यानी वे हिंदुस्तान का नक्शा और मिट्टी का यह स्मारक 14 फरवरी 2020 में बनाएंगे.
उमेश देश में देशभक्ति को लेकर युवाओं में देश के प्रति जागरूकता पैदा कर रहे हैं. इसी सिलसिले में वे जोधपुर पहुंचे. उमेश ने बताया कि वो पिछले 4 महीनों से इस काम में जुट़े हैं. वे पुलवामा हमले में शहीद हुए शहीदों के घर जाकर उनकी दहलीज़ की मिट्टी इकठ्ठी कर रहे हैं. मिट्टी से 14 फरवरी 2020 को पुलवामा में भारत का नक्शा और शहीदों का स्मारक बनाने का लक्ष्य लेकर साइकिल पर निकले है. उमेश ने बताया कि बेंगलुरु में उनका एक म्यूजिक स्कूल है. क्योंकि इस मिशन में लगे वो है लिजाजा स्कूल अभी बंद पड़ा है.
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उमेश पुलवामा में सीआरपीएफ के शहीद जवान गुरु के घर गए ओर उनके परिवार के साथ समय बिताया. साथ ही उनके आंगन की और जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया वहां की मिट्टी भी साथ ले आये. फिर वह केरल के शहीद वसंत कुमार, तमिलनाडु के सुब्रमण्यम और शिवचंद्रन, महाराष्ट्र के बुलढाणा के शहीद जवान संजय राजपूत और नितिन राठौड़ के घर गए और वहां से भी मिट्टी ले लिया. उमेश ने बताया कि वे यूपी के रास्ते राजस्थान पहुंचे हैं और राजस्थान के पुलवामा हमले में हुए 3 शहीदों के घर जाकर मिट्टी लाए हैं.
अब वे जोधपुर के रास्ते होते हुए जैसलमेर के लोंगेवाला जाएंगे जहां बने हुए शहीद स्मारक पर नमन कर वहां की मिट्टी भी अपने साथ लेकर पुनः दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे.
उमेश प्रतिदिन में लगभग 500 किमी यात्रा करते है और जहां कार नहीं जा सकती वहां साइकिल से जाकर शहीद के घर की मिट्टी लेकर आते है. उमेश कुमार अभी तक लगभग 40 हज़ार कि.मी का सफर कर चुके हैं.