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स्पेशल स्टोरी: देश भर से पुलवामा हमले में शहीद जवानों की मिट्टी इकठ्ठा कर रहा है उमेश

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Published : Nov 21, 2019, 9:16 PM IST

बेंगलुरु के रहने वाले उमेश गोपीनाथ जाधव पुलवामा में आतंकवादी हमले में शहीद हुए जवानों के घर की दहलीज और उनके अंतिम संस्कार वाली जगह की मिट्टी इकट्‌ठा कर रहे हैं. वे इस जमा की गई मिट्टी से पुलवामा में हिंदुस्तान का नक्शा और शहीदों की याद में स्मारक भी बनाएंगे.

A unique campaign, अनूठा अभियान

जोधपुर. भारत देश के हर नागरिक में देश के प्रति जज्बा देखने को मिलता है, साथ ही कुछ लोग ऐसे भी हैं जो देश और देश के जवानों के लिए अपना घर बार त्याग कर एक अलग ही मिशन में लग जाते हैं. आज हम आपको एक ऐसे युवक के बारे में बताने वाले हैं जो कि लगभग 4. हजार किलोमीटर का सफर कर गुरुवार को जोधपुर पहुंचा. पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों के घर पर जाकर उनके दहलीज की मिट्टी को जमा कर रहा है.

शहीदों के साथ उनकी मिट्टी को सम्मान देने का अनूठा अभियान.

बेंगलुरु के रहने वाले उमेश गोपीनाथ जाधव पुलवामा में आतंकवादी हमले में शहीद हुए जवानों के घर की दहलीज और उनके अंतिम संस्कार वाली जगह की मिट्टी इकट्‌ठा कर रहे हैं. वे इस जमा की गई मिट्टी से पुलवामा में हिंदुस्तान का नक्शा और शहीदों की याद में स्मारक भी बनाएंगे. इसके लिए उन्होंने वही तारीख तय कि है जिस दिन पुलवामा में हमला किया गया था, यानी वे हिंदुस्तान का नक्शा और मिट्‌टी का यह स्मारक 14 फरवरी 2020 में बनाएंगे.

उमेश देश में देशभक्ति को लेकर युवाओं में देश के प्रति जागरूकता पैदा कर रहे हैं. इसी सिलसिले में वे जोधपुर पहुंचे. उमेश ने बताया कि वो पिछले 4 महीनों से इस काम में जुट़े हैं. वे पुलवामा हमले में शहीद हुए शहीदों के घर जाकर उनकी दहलीज़ की मिट्‌टी इकठ्ठी कर रहे हैं. मिट्‌टी से 14 फरवरी 2020 को पुलवामा में भारत का नक्शा और शहीदों का स्मारक बनाने का लक्ष्य लेकर साइकिल पर निकले है. उमेश ने बताया कि बेंगलुरु में उनका एक म्यूजिक स्कूल है. क्योंकि इस मिशन में लगे वो है लिजाजा स्कूल अभी बंद पड़ा है.

ये भी पढ़ें: BHU विवाद पर गहलोत का Tweet, कहा- सर्वधर्म समभाव समाज को मजबूत करता है, BJP और RSS को गर्व होना चाहिए

उमेश पुलवामा में सीआरपीएफ के शहीद जवान गुरु के घर गए ओर उनके परिवार के साथ समय बिताया. साथ ही उनके आंगन की और जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया वहां की मिट्‌टी भी साथ ले आये. फिर वह केरल के शहीद वसंत कुमार, तमिलनाडु के सुब्रमण्यम और शिवचंद्रन, महाराष्ट्र के बुलढाणा के शहीद जवान संजय राजपूत और नितिन राठौड़ के घर गए और वहां से भी मिट्टी ले लिया. उमेश ने बताया कि वे यूपी के रास्ते राजस्थान पहुंचे हैं और राजस्थान के पुलवामा हमले में हुए 3 शहीदों के घर जाकर मिट्टी लाए हैं.

अब वे जोधपुर के रास्ते होते हुए जैसलमेर के लोंगेवाला जाएंगे जहां बने हुए शहीद स्मारक पर नमन कर वहां की मिट्टी भी अपने साथ लेकर पुनः दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे.
उमेश प्रतिदिन में लगभग 500 किमी यात्रा करते है और जहां कार नहीं जा सकती वहां साइकिल से जाकर शहीद के घर की मिट्टी लेकर आते है. उमेश कुमार अभी तक लगभग 40 हज़ार कि.मी का सफर कर चुके हैं.

जोधपुर. भारत देश के हर नागरिक में देश के प्रति जज्बा देखने को मिलता है, साथ ही कुछ लोग ऐसे भी हैं जो देश और देश के जवानों के लिए अपना घर बार त्याग कर एक अलग ही मिशन में लग जाते हैं. आज हम आपको एक ऐसे युवक के बारे में बताने वाले हैं जो कि लगभग 4. हजार किलोमीटर का सफर कर गुरुवार को जोधपुर पहुंचा. पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों के घर पर जाकर उनके दहलीज की मिट्टी को जमा कर रहा है.

शहीदों के साथ उनकी मिट्टी को सम्मान देने का अनूठा अभियान.

बेंगलुरु के रहने वाले उमेश गोपीनाथ जाधव पुलवामा में आतंकवादी हमले में शहीद हुए जवानों के घर की दहलीज और उनके अंतिम संस्कार वाली जगह की मिट्टी इकट्‌ठा कर रहे हैं. वे इस जमा की गई मिट्टी से पुलवामा में हिंदुस्तान का नक्शा और शहीदों की याद में स्मारक भी बनाएंगे. इसके लिए उन्होंने वही तारीख तय कि है जिस दिन पुलवामा में हमला किया गया था, यानी वे हिंदुस्तान का नक्शा और मिट्‌टी का यह स्मारक 14 फरवरी 2020 में बनाएंगे.

उमेश देश में देशभक्ति को लेकर युवाओं में देश के प्रति जागरूकता पैदा कर रहे हैं. इसी सिलसिले में वे जोधपुर पहुंचे. उमेश ने बताया कि वो पिछले 4 महीनों से इस काम में जुट़े हैं. वे पुलवामा हमले में शहीद हुए शहीदों के घर जाकर उनकी दहलीज़ की मिट्‌टी इकठ्ठी कर रहे हैं. मिट्‌टी से 14 फरवरी 2020 को पुलवामा में भारत का नक्शा और शहीदों का स्मारक बनाने का लक्ष्य लेकर साइकिल पर निकले है. उमेश ने बताया कि बेंगलुरु में उनका एक म्यूजिक स्कूल है. क्योंकि इस मिशन में लगे वो है लिजाजा स्कूल अभी बंद पड़ा है.

ये भी पढ़ें: BHU विवाद पर गहलोत का Tweet, कहा- सर्वधर्म समभाव समाज को मजबूत करता है, BJP और RSS को गर्व होना चाहिए

उमेश पुलवामा में सीआरपीएफ के शहीद जवान गुरु के घर गए ओर उनके परिवार के साथ समय बिताया. साथ ही उनके आंगन की और जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया वहां की मिट्‌टी भी साथ ले आये. फिर वह केरल के शहीद वसंत कुमार, तमिलनाडु के सुब्रमण्यम और शिवचंद्रन, महाराष्ट्र के बुलढाणा के शहीद जवान संजय राजपूत और नितिन राठौड़ के घर गए और वहां से भी मिट्टी ले लिया. उमेश ने बताया कि वे यूपी के रास्ते राजस्थान पहुंचे हैं और राजस्थान के पुलवामा हमले में हुए 3 शहीदों के घर जाकर मिट्टी लाए हैं.

अब वे जोधपुर के रास्ते होते हुए जैसलमेर के लोंगेवाला जाएंगे जहां बने हुए शहीद स्मारक पर नमन कर वहां की मिट्टी भी अपने साथ लेकर पुनः दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे.
उमेश प्रतिदिन में लगभग 500 किमी यात्रा करते है और जहां कार नहीं जा सकती वहां साइकिल से जाकर शहीद के घर की मिट्टी लेकर आते है. उमेश कुमार अभी तक लगभग 40 हज़ार कि.मी का सफर कर चुके हैं.

Intro:Body:शहीदों के साथ उनकी मिट्टी को सम्मान देने का अनूठा अभियान

जोधपुर। देश के शहीदों को सम्मान देने के लिए एक व्यक्ति ने अनूठी मुहिम शुरू कर रखी है वह शहीदों के घर जा रहा है उनके अंतिम संस्कार स्थल पर जा रहा है और वहां से मिट्टी संकलित कर रहा है उसका सपना है की वह अगले वर्ष फरवरी में पुलवामा में जहां आतंकी हमले में देश ने अपने 40 जवान हुए थे उसी जगह पर शहीदों की मिट्टी से भारत का नक्शा बनाएं इसके लिए वह 7 महीनों से मैं देश के 12 राज्यों के शहीदों के घर व व अंतिम क्रिया स्थल की मिट्टी संकलित कर चुका है। उमेश गोपीनाथ जाधव जिन्होंने यह यात्रा 9 अप्रैल को बेंगलुरु से अकेले शुरू की थी गुरुवार को जोधपुर पहुंचे यादव ने बताया कि राजस्थान में वह पुलवामा में शहीद हुए 3 जवानों के घर गया और वहां से मिट्टी संकलित की है ।इस दौरान जाधब ने 40 हजार किमी की यात्रा की है जाधब पुलवामा के अतिरिक्त कारगिल के शहीद एवं पैरामिलिट्री फोर्सेस पुलिस के शहीदों के घर भी जाकर मिट्टी संकलित कर रहे हैं उनका मानना है कि इन शहीदों की शहादत से ही आज भारतवासी सुरक्षित है । जोधपुर से वे शेरगढ़ जाएंगे जहां शहीदों के परिवारों से मिलेंगे और उसके बाद लोंगे वाला स्थित शहीद स्मारक पर भी जाएंगे यादव ने बताया कि यह पूरी तरह से गैर राजनीतिक प्रयास है सिर्फ देश की मिट्टी को सम्मान देने के लिए उन्होंने यह बीड़ा उठाया है उनका यह भी कहना है कि लोग दुबई जाते हैं और वहां की मिट्टी खरीद कर लाते हैं जबकि हमारे देश के शहीदों की मिट्टी को सम्मान मिलना चाहिए यह सोचकर ही उन्होंने यह काम हाथ मे लिया ।जोधपुर में बाइकर्स संघ के युवाओं ने जाधव का स्वागत किया। यादव प्रत्येक शहीद से जुड़ी मिट्टी को बाकायदा एक कलश में संकलित कर रहे हैं।
बाईट उमेश गोपीनाथ जाधव

Conclusion:
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