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जैसलमेर से 80 चिकित्साकर्मियों का ट्रांसफर...बेपटरी हुआ स्वास्थ्य विभाग

जैसलमेर से लगभग 80 चिकित्साकर्मियों का स्थानान्तरण कर दिया गया है. वहीं पहले से ही चिकित्सा विभाग में 50 प्रतिशत पद रिक्त हैं. जिसके चलते जिले में स्वास्थ विभाग के सामने परेशानियां आ रही हैं.

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Published : Oct 4, 2019, 7:49 PM IST

जैसलमेर. जिले के लगभग 80 चिकित्साकर्मियों का ट्रांसफर कर दिया गया है. फिलहाल, जिला कलक्टर के निर्देशानुसार इन चिकित्साकर्मियों को रिलीव नहीं किया गया है. जैसलमेर जिला जहां पहले से ही चिकित्सा विभाग के लगभग 50 प्रतिशत पद रिक्त चल रहे हैं. ऐसे में चिकित्सकों के ट्रांसफर से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

80 चिकित्साकर्मियों का स्थानान्तरण

उधर, तबादला सूची में शामिल चिकित्साकर्मियों और पेरामेडिकल स्टाफ को यहां से कार्यमुक्त कर दिया गया और समय पर इनके जगह आने वाले स्टाफ ने कार्यभार नहीं संभाला, तो जिले के कई स्वास्थ्य केन्द्रों एवं उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर ताला जड़ने की नौबत तक आ जाएगी. ऐसे में इन दिनों चल रही मौसमी बीमारियों की मार से जिले में चिकित्सा सेवाएं बेपटरी हो जाएंगी.

यह भी पढ़ें: SC में अयोध्या केस का 36वां दिन : मामला अब महत्वपूर्ण पड़ाव पर, तीखी बहस के आसार

राज्य सरकार की ओर से जारी तबादला सूची में अधिकतर चिकित्सक, नर्सिंग एवं अन्य चिकित्साकर्मी ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत है. ऐसे में जिला प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग के सामने परेशानी यह है, कि यदि सभी चिकित्सकों और अन्य कार्मिकों को रिलीव कर दिया गया, तो ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से ही बदहाल चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा जाएगी. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बी.के. बारूपाल ने भी इस बात को माना है कि जिले में कई ऐसे केन्द्र है जहां केवल एक ही चिकित्साकर्मी है. यदि ऐसे में उन्हें कार्यमुक्त कर दिया गया तो चिकित्सा व्यवस्था बिगड़ जाएगी.

जैसलमेर. जिले के लगभग 80 चिकित्साकर्मियों का ट्रांसफर कर दिया गया है. फिलहाल, जिला कलक्टर के निर्देशानुसार इन चिकित्साकर्मियों को रिलीव नहीं किया गया है. जैसलमेर जिला जहां पहले से ही चिकित्सा विभाग के लगभग 50 प्रतिशत पद रिक्त चल रहे हैं. ऐसे में चिकित्सकों के ट्रांसफर से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

80 चिकित्साकर्मियों का स्थानान्तरण

उधर, तबादला सूची में शामिल चिकित्साकर्मियों और पेरामेडिकल स्टाफ को यहां से कार्यमुक्त कर दिया गया और समय पर इनके जगह आने वाले स्टाफ ने कार्यभार नहीं संभाला, तो जिले के कई स्वास्थ्य केन्द्रों एवं उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर ताला जड़ने की नौबत तक आ जाएगी. ऐसे में इन दिनों चल रही मौसमी बीमारियों की मार से जिले में चिकित्सा सेवाएं बेपटरी हो जाएंगी.

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राज्य सरकार की ओर से जारी तबादला सूची में अधिकतर चिकित्सक, नर्सिंग एवं अन्य चिकित्साकर्मी ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत है. ऐसे में जिला प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग के सामने परेशानी यह है, कि यदि सभी चिकित्सकों और अन्य कार्मिकों को रिलीव कर दिया गया, तो ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से ही बदहाल चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा जाएगी. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बी.के. बारूपाल ने भी इस बात को माना है कि जिले में कई ऐसे केन्द्र है जहां केवल एक ही चिकित्साकर्मी है. यदि ऐसे में उन्हें कार्यमुक्त कर दिया गया तो चिकित्सा व्यवस्था बिगड़ जाएगी.

Intro:Body:एक साथ इतने तबादले हुए तो बेपटरी हो जाएगी चिकित्सा सेवाएं

जिले से लगभग 80 चिकित्साकर्मियों का हुआ है स्थानान्तरण

पहले से ही चिकित्सा विभाग में 50 प्रतिशत पद है रिक्त

कई ऐसे स्वास्थ्य केन्द्र जहां एक ही चिकित्साकर्मी है तैनात

रिलीवर आने पर ही होगी कार्यमुक्ति

पिछले दिनों चिकित्सा विभाग में हुए तबादला सूची में जैसलमेर जिले के लगभग 80 चिकित्साकर्मी भी शामिल है लेकिन फिलहाल जिला कलक्टर के निर्देशानुसार इनकों यहां से रिलीव नहीं किया गया है। सरहदी जिला जैसलमेर जिसमें पहले से ही चिकित्सा विभाग के लगभग 50 प्रतिशत पद रिक्त चल रहे है ऐसे में यदि तबादला सूची मे शामिल चिकित्साकर्मियों और पेरामेडिकल स्टाफ को यहां से कार्यमुक्त कर दिया गया और समय पर इनके जगह आने वाले स्टाफ ने कार्यभार नहीं संभाला तो जैसलमेर जिले के कई स्वास्थ्य केन्द्रों एवं उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर ताला जड़ने की नौबत तक आ जाएगी और ऐसे में इन दिनों चल रही मौसमी बीमारियों की मार से जिले मे चिकित्सा सेवाएं बेपटरी हो जाएगी।

राज्य सरकार द्धारा जारी तबादला सूची में अधिकतर चिकित्सक , नर्सिंग एवं अन्य चिकित्साकर्मी ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत है ऐसे में जिला प्रशासन एवं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सामने परेशानी यह है कि यदि सभी चिकित्सकों और अन्य कामिकों को रिलीव कर दिया गया तो ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से ही बदहाल चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा जाएगी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बी.के. बारूपाल ने भी इस बात को माना है कि जिले में कई ऐसे केन्द्र है जहां केवल एक ही चिकित्साकर्मी है यदि ऐसे में उन्हें कार्यमुक्त दिया गया तो इन दिनों मौसमी बीमारियां जो पैर पसार रही है उससे वहां कि चिकित्सा व्यवस्था बिगड़ जाएगी।

बाईट-1-बी.के.बारूपाल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी Conclusion:
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