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स्पेशल रिपोर्ट: कोटकास्ता किला बना खंडहर, कभी हॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड फिल्मों की यहां हुई थी शूटिंग - स्पेशल रिपोर्ट

जालोर के भीनमाल में स्थित कोटकास्ता का किला काफी मशहूर हुआ करता था. लेकिन प्रशासन की अनदेखी के कारण ये किया आज खंडहर बन चुका है. इसको लेकर क्षेत्रवासियों की मांग है कि कि इस किले को बढ़ावा देकर एक पर्यटन स्थल के रूप में उभारा जाए. आपको बता दें कि इस किले में हॉलीवुड फिल्म की शूटिंग तक हो चुकी है. देखिए अपनी बदहाली पर आसूं बहाते कोटकास्ता किले पर स्पेशल रिपोर्ट...

जयपुर की खबर, Kotakasta, हॉलीवुड फिल्म द वॉरियर्स Fort,
भीनमाल का कोटकास्ता किला बना खंडहर
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Published : Jan 19, 2020, 5:56 PM IST

भीनमाल (जालोर). शहर के भीनमाल में स्थित कोटकास्ता के किले में हॉलीवुड फिल्म 'द वॉरियर्स' की शूटिंग की गई थी. जिसके बाद यह किला एक बार फिर चर्चाओं में आया था. लेकिन कुछ दिन चर्चाएं राजस्थान सरकार, भारत सरकार तक तेज रही. उसके कुछ दिन बाद ही चर्चाएं समाप्त हो गई और किले के विषय में कोई उद्धार नहीं हुआ.

भीनमाल का कोटकास्ता किला बना खंडहर

लंबे समय से कोटकास्ता का किला खंडहर बन चुका है. यह ऐतिहासिक दुर्ग बिना देखरेख के खंडहर में तब्दील हो गया है. लंबे समय से क्षेत्रवासियों की मांग चल रही है कि इस किले को बढ़ावा देकर एक पर्यटन स्थल के रूप में उभारा जाए. पूर्व में भी इस किले पर बॉलीवुड और हॉलीवुड की नजरें थी. इसको लेकर ही कुछ साल पहले हॉलीवुड फिल्म 'द वॉरियर्स' की शूटिंग यहां की गई. जिसके बाद यह किला एक बार फिर चर्चाओं में आया था. लेकिन उसके बाद भी प्रशासन ने किले पर कोई ध्यान नहीं दिया.

जयपुर की खबर, Kotakasta, हॉलीवुड फिल्म द वॉरियर्स Fort,
किले में हॉलीवुड फिल्म द वॉरियर्स की हुई शूटिंग

पढ़ें- सड़क हादसे में बैंक मैनेजर की मौत, सड़क से 50 मीटर दूर जा गिरी कार

भीनमाल से 15 किमी की दूरी पर स्थित कोट का स्थान गांव में बना दुर्ग इतिहास के पन्नों में प्रसिद्ध है. यह दुर्ग गुरु जालंधर नाथ और गोरखनाथ जैसे योगियों से समुदाय की तपस्थली रही है. कोट गांव पहले परकोटे के अंदर बसा हुआ था. गांव में आने जाने के लिए दो अलग-अलग गेट बने हुए थे. गेट पर 24 घंटे पहरेदार पहरा देते थे. परकोटे के बाहर कस्तान गांव बसा हुआ था. अब आबादी बढ़ने के कोट और कोटकास्ता एक हो गए और कोटकास्ता गांव से पहचाने जाने लगा. जहां पर जालंधर नाथ, अंबे माता लाडू नाथ महादेव के मंदिर और जैन मंदिर सहित कई मंदिर बने हुए है.

जयपुर की खबर, Kotakasta, हॉलीवुड फिल्म द वॉरियर्स Fort,
अनदेखी के कारण बना खंडहर

बता दें कि यहां पर सुबह-शाम मंदिरों में आरती होती है, गांवों में बावड़ियां है लेकिन बारिश के अभाव में सूख गई है. यहां पर करीब एक हजार की आबादी बसती है. कोर्ट का गांव को बॉलीवुड, हॉलीवुड की फिल्म की शूटिंग की वजह से अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली. हॉलीवुड की मशहूर फिल्म द वॉरियर्स की शूटिंग इस दुर्ग पर हुई. जालोर जिले का यह गांव काशी कहलाता है.

इतिहास, सती के श्राप के बाद किला हुआ वीरान

जानकारों की मानें तो कोटकास्ता के जागीरदार बाद में जनता पर अत्याचार करने लगे एक महिला ने अत्याचार से परेशान होकर किले से कूदकर आत्महत्या कर ली. उसने तत्कालीन जागीरदार को श्राप दिया कि तेरी वंश रेखा आगे नहीं बढ़ेगी. यही वजह है कि यहां ठिकाना वंशहीन हो गया. वर्तमान में भी ये किला खंडहर अवस्था में है.

पढ़ें- जयपुर: जैतपुरा की बंजारा बस्ती में चट्टान गिरी, लोगों में मचा हड़कंप

पर्यटन के रूप में एक अलग पहचान दिलाने की मांग

भीनमाल के समीप स्थित कोटकास्ता दुर्ग की खंडहर अवस्था को लेकर लंबे समय से क्षेत्रवासियों की मांग है कि इसको पूर्णता सरकार को सुपुर्द कर इसको पर्यटन के रूप में एक अलग पहचान दिलानी चाहिए. लोगों का कहना है कि इस दुर्ग का इतिहास बहुत ही चर्चित है इसके बारे में भी सभी को जानकारी मिले. इस स्थान को एक अलग पहचान दिलाने की कोशिश करनी चाहिए.

भीनमाल (जालोर). शहर के भीनमाल में स्थित कोटकास्ता के किले में हॉलीवुड फिल्म 'द वॉरियर्स' की शूटिंग की गई थी. जिसके बाद यह किला एक बार फिर चर्चाओं में आया था. लेकिन कुछ दिन चर्चाएं राजस्थान सरकार, भारत सरकार तक तेज रही. उसके कुछ दिन बाद ही चर्चाएं समाप्त हो गई और किले के विषय में कोई उद्धार नहीं हुआ.

भीनमाल का कोटकास्ता किला बना खंडहर

लंबे समय से कोटकास्ता का किला खंडहर बन चुका है. यह ऐतिहासिक दुर्ग बिना देखरेख के खंडहर में तब्दील हो गया है. लंबे समय से क्षेत्रवासियों की मांग चल रही है कि इस किले को बढ़ावा देकर एक पर्यटन स्थल के रूप में उभारा जाए. पूर्व में भी इस किले पर बॉलीवुड और हॉलीवुड की नजरें थी. इसको लेकर ही कुछ साल पहले हॉलीवुड फिल्म 'द वॉरियर्स' की शूटिंग यहां की गई. जिसके बाद यह किला एक बार फिर चर्चाओं में आया था. लेकिन उसके बाद भी प्रशासन ने किले पर कोई ध्यान नहीं दिया.

जयपुर की खबर, Kotakasta, हॉलीवुड फिल्म द वॉरियर्स Fort,
किले में हॉलीवुड फिल्म द वॉरियर्स की हुई शूटिंग

पढ़ें- सड़क हादसे में बैंक मैनेजर की मौत, सड़क से 50 मीटर दूर जा गिरी कार

भीनमाल से 15 किमी की दूरी पर स्थित कोट का स्थान गांव में बना दुर्ग इतिहास के पन्नों में प्रसिद्ध है. यह दुर्ग गुरु जालंधर नाथ और गोरखनाथ जैसे योगियों से समुदाय की तपस्थली रही है. कोट गांव पहले परकोटे के अंदर बसा हुआ था. गांव में आने जाने के लिए दो अलग-अलग गेट बने हुए थे. गेट पर 24 घंटे पहरेदार पहरा देते थे. परकोटे के बाहर कस्तान गांव बसा हुआ था. अब आबादी बढ़ने के कोट और कोटकास्ता एक हो गए और कोटकास्ता गांव से पहचाने जाने लगा. जहां पर जालंधर नाथ, अंबे माता लाडू नाथ महादेव के मंदिर और जैन मंदिर सहित कई मंदिर बने हुए है.

जयपुर की खबर, Kotakasta, हॉलीवुड फिल्म द वॉरियर्स Fort,
अनदेखी के कारण बना खंडहर

बता दें कि यहां पर सुबह-शाम मंदिरों में आरती होती है, गांवों में बावड़ियां है लेकिन बारिश के अभाव में सूख गई है. यहां पर करीब एक हजार की आबादी बसती है. कोर्ट का गांव को बॉलीवुड, हॉलीवुड की फिल्म की शूटिंग की वजह से अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली. हॉलीवुड की मशहूर फिल्म द वॉरियर्स की शूटिंग इस दुर्ग पर हुई. जालोर जिले का यह गांव काशी कहलाता है.

इतिहास, सती के श्राप के बाद किला हुआ वीरान

जानकारों की मानें तो कोटकास्ता के जागीरदार बाद में जनता पर अत्याचार करने लगे एक महिला ने अत्याचार से परेशान होकर किले से कूदकर आत्महत्या कर ली. उसने तत्कालीन जागीरदार को श्राप दिया कि तेरी वंश रेखा आगे नहीं बढ़ेगी. यही वजह है कि यहां ठिकाना वंशहीन हो गया. वर्तमान में भी ये किला खंडहर अवस्था में है.

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पर्यटन के रूप में एक अलग पहचान दिलाने की मांग

भीनमाल के समीप स्थित कोटकास्ता दुर्ग की खंडहर अवस्था को लेकर लंबे समय से क्षेत्रवासियों की मांग है कि इसको पूर्णता सरकार को सुपुर्द कर इसको पर्यटन के रूप में एक अलग पहचान दिलानी चाहिए. लोगों का कहना है कि इस दुर्ग का इतिहास बहुत ही चर्चित है इसके बारे में भी सभी को जानकारी मिले. इस स्थान को एक अलग पहचान दिलाने की कोशिश करनी चाहिए.

Intro:हॉलीवुड फिल्म द वॉरियर्स की शूटिंग यहां की गई। जिसके बाद यह किल्ला एक बार फिर चर्चाओं में आया था मगर कुछ दिन चर्चाएं राजस्थान सरकार, भारत सरकार तक तेज रही मगर कुछ दिन बाद ही चर्चाएं, चर्चाएं लेकर समाप्त हो गई और किले के विषय में कोई उद्धार नहीं हुआ।Body:लंबे समय से कोटकास्ता का स्थान का किला खंडहर से खंडहर बन चुका है। यह ऐतिहासिक दुर्ग बिना देखरेख के खंडहर में तब्दील हो गया है। लंबे समय से क्षेत्रवासियों की मांग चल रही है कि इस किले को बढ़ावा देकर एक पर्यटन स्थल के रूप में उभारा जाए। पूर्व में भी इस किले पर बॉलीवुड व हॉलीवुड की नजरें थी। इसको लेकर ही कुछ साल पहले हॉलीवुड फिल्म द वॉरियर्स की शूटिंग यहां की गई। जिसके बाद यह किल्ला एक बार फिर चर्चाओं में आया था मगर कुछ दिन चर्चाएं राजस्थान सरकार, भारत सरकार तक तेज रही मगर कुछ दिन बाद ही चर्चाएं, चर्चाएं लेकर समाप्त हो गई और किले के विषय में कोई उद्धार नहीं हुआ।

भीनमाल से 15 किमी की दूरी पर स्थित कोर्ट का स्थान गांव में बना दुर्ग इतिहास के पन्नों में प्रसिद्ध है।यह दुर्ग गुरु जालंधर नाथ व गोरखनाथ जैसे योगियों से समुदाय की तपस्थली रही है कोट गांव पहले परकोटे के अंदर बसा हुआ था गांव में आने जाने के लिए दो अलग-अलग गेट बने हुए थे। गेट पर 24 घंटे पहरेदार पहरा देते थे परकोटे के बाहर कस्तान गांव बसा हुआ था। अब आबादी बढ़ने के कोट व कोस्तान एक हो गए और कोटकास्ता गांव से पहचाने जाने लगा। जहां पर जालंधर नाथ, अंबे माता लाड़ू नाथ महादेव के मंदिर व जैन मंदिर सहित कई मंदिर बने हुए है। यहां पर सुबह-शाम मंदिरों में आरती होती है गांवों में बढ़िया है लेकिन बारिश के अभाव में सूख गई है करीब एक हजार की आबादी बसती है कोर्ट का गांव के बॉलीवुड हॉलीवुड की फिल्म की शूटिंग की वजह से अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली। हॉलीवुड की मशहूर फिल्म द वॉरियर्स की शूटिंग इस दुर्ग पर हुई। जालौर जिले का यह गांव काशी कहलाता है।
इतिहास, सती के श्राप के बाद किला हुआ वीरान :

जानकारों की माने तो कोटकास्तान के जागीरदार बाद में जनता पर अत्याचार करने लगे एक महिला ने अत्याचार से परेशान होकर किले से कूदकर आत्महत्या कर ली। उसने तत्कालीन जागीरदार को श्राप दिया कि तेरे वंश रेखा आगे नहीं बढ़ेगी यही वजह है कि यहां ठिकाना वश हीन हो गया। वर्तमान में भी खंडहर अवस्था में है।
पर्यटन के रूप में एक अलग पहचान दिलाने की मांग :

भीनमाल के समीप स्थित कोट कास्ता दुर्ग की खंडहर अवस्था को लेकर लंबे समय से क्षेत्रवासियों की मांग है कि इसको पूर्णता सरकार को सुपुर्द कर कर इसको पर्यटन के रूप में एक अलग पहचान दिलाने चाहिए। लोगों का कहना है कि इस दुर्ग का इतिहास बहुत ही चर्चित है इसके बारे में भी सभी को जानकारी मिले। इस स्थान को एक अलग पहचान दिलाने की कोशिश करनी चाहिए।

Conclusion:बाईट 1 - घनश्याम कुमार, समाजसेवी

बाईट 2 - डॉ समरजीत सिंह, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस कमेटी जालोर
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