धौलपुर. जिले में लगातार एक हफ्ते से पड़ रही कड़ाके की सर्दी ने 40 वर्ष के सर्दी के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. जिले का न्यूनतम तापमान 1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. जिसने आमजन के जनजीवन को प्रभावित किया है. लोगों की दिनचर्या पूरी तरह से प्रभावित हो चुकी है. वहीं बाजारों सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है.
कड़ाके की सर्दी ने बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी को भारी परेशान किया है. सर्दी के सितम से लोगों का जीवन ठहर गया है. खासकर दैनिक कामकाज प्रभावित हो रहे हैं. स्कूल और कोचिंग जाने वाले छात्रों को भी परेशानी के दौर से गुजरना पड़ रहा है.
बता दें, कि जिले के तापमान में लगातार गिरावट आ रही है. पिछले दो दिनों में दिन का न्यूनतम पारा 2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. सोमवार को पारे में भारी गिरावट देखी गई है. सोमवार को सुबह का न्यूनतम तापमान 1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं अधिकांश लोग घरों में कैद होकर अलाव जलाकर सर्दी से निजात पाने का उपाय कर रहे हैं.
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पिछले हफ्ते से लगातार पड़ रहे घनघोर कोहरे और सर्द हवाओं ने लोगों को घरों में कैद होने के लिए मजबूर कर दिया है. किसानों की मानें तो कड़ाके की सर्दी और कोहरा रवि फसल के लिए हानिकारक माना जा रहा है. खासकर सरसों, आलू और सब्जी की फसलों में नुकसान हो रहा है. सरसों और आलू में रोग ने दस्तक दे दी है. वहीं फसल के रखरखाव और संरक्षण को लेकर किसानों की चिंता बढ़ गई है.
चूरू में बर्फानी सर्दी से जनजीवन प्रभावित
चूरू में बर्फानी सर्दी का दौर जारी है. सोमवार सुबह की शुरुआत घने कोहरे से हुई है, जिसके चलते सड़को पर चल रहे वाहनों की रफ्तार भी धीमी रही. वाहन चालकों को यहां लाइट जला कर चलना पड़ा. वहीं मौसम विभाग ने यहां न्यूनतम तापमान 1.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया है.
बता दें, कि जिले में सुबह से ही शीतलहर के चलने से यहां ठिठुरन बढ़ी है. साथ ही जो लोग अपने घरों से बाहर काम के लिए निकले वह सड़क किनारे अलाव का सहारा लेते नजर आ रहे हैं. देश के सबसे ठंडे शहरों में पहचान रखने वाले चूरू में लगातार चल रही शीतलहर से पारा जमाव बिंदु के करीब आ गया है.
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3 दिन पहले यहां जमाव बिंदु के नीचे पारा चला गया था, जबकि मौसम विभाग ने यहां माइनस 0.6 डिग्री तापमान दर्ज किया था. लेकिन 2 दिन कोहरा छाए रहने से न्यूनतम तापमान में 1 डिग्री सेल्सियस की मामूली बढ़त हुई है. वहीं पिछले 2 दिनों से यहां पारा 1 डिग्री पर अटका हुआ है.
फसलों पर मंडराया खतरा
दूरदराज गांव में सर्दी से हालात और ज्यादा खराब हैं. कड़ाके की ठंड के कारण खेतों में खड़ी फसलों पर बर्फ की चादर जम रही है. लगातार बर्फानी सर्दी के चलते किसानों को पाला पड़ने की आशंका ने घेर रखा है. आगामी दिनों में भी यदि बर्फानी सर्दी से राहत नहीं मिलती है तो सरसों की फसल के लिए यह नुकसान दायक साबित हो सकता है.