अलवर. जिले के राजीव गाँधी सामान्य अस्पताल में रविवार को डॉक्टर्स और नर्सिंगकर्मियों ने नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. वहीं प्रदर्शन करते हुए डॉक्टर्स ने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर दो दिन में गीतानंद शिशु अस्पताल में निलंबित किए गए 2 डॉक्टरों सहित 6 कर्मचारियों को बहाल नहीं किया गया तो, अलवर जिले में मेडिकल सेवा प्रभावित कर दी जाएंगी. वहीं प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि प्रदेश स्तर पर आंदोलन की रणनीति बनाने के लिए डॉक्टर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष अलवर आएंगे.
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वहीं अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि डॉक्टर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष के आने के बाद आंदोलन को और तेज किया जाएगा. मिली जानकारी के मुताबिक डॉक्टरों के समर्थंन में रेजिडेंट डॉक्टर्स भी हड़ताल में आने को तैयार है. आने वाले मंगलवार के बाद प्रदेश में हड़ताल की रूपरेखा बना कर सरकार को मजबूर किया जाएगा. डॉक्टरों ने बताया कि अस्पताल में आग लगने से वार्मर मशीन जली थी, उसके लिए जिम्मेदार अधिकारी पीएमओ और मेंटिनेंस करने वाली केटीपीएल कंपनी है. जिनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. डॉक्टर्स का कहना है कि जांच टीम में खुद पीएमओ शामिल थे और अब पीएमओ से जांच रिपोर्ट मांग रहे है तो वह देने से मना कर रहा है. उन्होंने कहा इस मामले की न्यायिक जांच एडीएम सिटी उत्तम सिंह शेखावत को सौंपी गई है. उस जांच में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होने की उम्मीद हैं.
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गौरतलब है कि शिशु अस्पताल के 31 दिसम्बर को एफबीएनसी वार्ड में वार्मर मशीन में आग लगने से एक बच्ची की झुलसने से मौत हो गई थी. इस मामले में चिकित्सा विभाग के लापरवाही के आरोप में अस्पताल के 2 डॉक्टरों समेत 6 कार्मिकों को निलंबित कर दिया था. शिशु रोग प्रभारी डॉ. महेश शर्मा और एमओ डॉक्टर कृपाल सिंह यादव को निलंबित कर दिया था. इनके अलावा एफबीएनसी यूनिट की इंचार्ज शारदा शर्मा , नर्स स्नेह लता शर्मा, भारती मीणा और वॉर्ड बॉय तारा मीणा को निलंबित कर दिया था. वहीं अनुबंध पर रखे गए इलेक्ट्रिशियन को भी की भी सेवा समाप्त कर दी रही है. राजस्थान चिकित्सक एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष मोहन लाल सिंधी ने बताया हॉस्पिटल में फॉल्ट आने से हादसा हुआ, उसके लिए पीएमओ और सीएमएचओ जिम्मेदार है. इसलिए दोनों अपनी कुर्सी बचाये रखने के लिए निर्दोष स्टाफ को निलंबित करवाया गया है. उन्होंने प्रदर्शन के बारे में बताते हुए कहा कि दो दिन बाद प्रदेश स्तर पर आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी और रेजिडेंट डॉक्टर भी उसके पक्ष में सहयोग के लिए तैयार है.