जोधपुर. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने रविवार को सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जमकर हमला बोला. साथ ही मुख्यमंत्री से मांग की कि अगर वे 45 साल से राजनीति कर रहे हैं तो उन्होंने इस दौरान जितने चुनाव खुद लड़े और उनके नेतृत्व में लड़े गए चुनाव के लिए उन्होंने किस-किस से काला धन लिया और चुनाव लड़ा, इसका खुलासा स्वयं उनको करना चाहिए. इसके बाद इस मुद्दे पर बात करनी चाहिए. मुख्यमंत्री को यह भी बताना चाहिए कि उन्होंने अपने पुत्र के चुनाव में भी काला धन कहां से लाकर खर्च किया.
दरअसल, शनिवार को राजस्थान हाई कोर्ट के नए भवन के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से राजनीति में ब्लैक मनी के भ्रष्टाचार, चंदे और बॉन्ड पर सवालिया निशान लगाए जाने का जवाब देते हुए शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने राजनीति के चंदे को पारदर्शिता में लाने का काम किया है. राजनीतिक दल को जो भी पैसा मिलेगा, वह बॉन्ड के जरिए मिलेगा और बैंक बॉन्ड जारी कर रही है, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बैंकों पर ही सवालिया निशान लगा दिया.
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उन्होंने कहा कि काले धन का उपयोग करने वालों का दर्द बोल रहा है. क्योंकि कई साल तक काले धन से इन लोगों ने काम चलाया है और काले धन के चक्कर में इनके नेता जेल गए और अब जमानत पर छूट रहे हैं. यह गहलोत का दर्द है जो निकल कर बाहर आया है. शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री ने न्याय के पवित्र मंच पर न्यायपालिका पर टिप्पणी की, यह दुस्साहस है. उन्होंने कहा कि उसी मंच से देश के मुख्य न्यायाधीश ने उनको जवाब दिया, जिसे मुख्यमंत्री को जरूर सुनना चाहिए.
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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को हाईकोर्ट के समारोह में कहा था कि राजनीति का सारा खेल ब्लैक मनी के पैसे से चलता है और जो भी चंदा किसी भी पार्टी को मिलता है, वह काला धन ही होता है. इसे रोके बिना भ्रष्टाचार की बात करना बेईमानी होगी. साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के 4 न्यायाधीशों की ओर से की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस पर भी टिप्पणी की थी.