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सांभर झील में लगातार हो रही देशी-विदेशी पक्षियों के मौत की यह है बड़ी वजह

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Published : Nov 15, 2019, 9:13 AM IST

10 नवम्बर को सांभर झील में पक्षियों की बड़ी संख्या में मौत का मामला सामने आया था. ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा त्वरित कदम उठाते हुए पशुपालन विभाग और वन विभाग के अधिकारियों को मौके पर भेजा गया. वहीं गुरुवार को जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने गुरुवार को सांभर झील का दौरा किया और पक्षियों के मौत के कारणों का पता लगाया.

death of foreign birds in jaipur, सांभर झील में हो रही पक्षियों की मौत

जयपुर. सांभर झील में देशी-विदेशी हजारों पक्षियों की मौत के बाद जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने गुरुवार को सांभर झील का दौरा किया. जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने वहां रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लेकर पक्षियों की मौत का कारण जाना. वहीं प्रारंभिक जांच में पता चला कि मृत पक्षियों के (मैगेट्स) कीड़े लगे शवों को खाने से फैले संक्रमण के कारण इन हजारों देशी-विदेशी पशुओं की मौत हुई है.

सांभर झील में देशी-विदेशी पक्षियों की मौत

जिला कलेक्टर ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ी संख्या में पक्षियों के हताहत होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए उन्हें विशेषज्ञों की टीम के साथ सांभर जाकर हालात की समीक्षा करने के निर्देश दिए थे. साथ ही कारणों का पता लगाकर आगे से ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के उपाय करने के लिए निर्देशित भी किया था.

यादव ने गुरूवार को सांभर झील क्षेत्र का दौरा कर सैंकड़ों देशी-विदेशी पक्षियों की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए काम कर रही देशभर के वैज्ञानिकों, चिकित्सकों और अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की और यहां स्थापित सेंटर में रेस्क्यू ऑपरेशन्स की समीक्षा की.

पढ़ेंः स्पेशल स्टोरी: मासूम चेहरों पर खिलौनों से खिलखिलाहट, 'संदीप और स्वाति' ने गरीब बच्चों की मुस्कुराहट को बना लिया Mission

उन्होंने अपनी निगरानी में पक्षियों के शवों का सुरक्षित निस्तारण भी कराया. यादव ने बताया कि शुक्रवार को नागरिक सुरक्षा की पांच टीमें झील के खारे पानी की क्यारियों में पक्षियों के शवों की तलाश करेंगी. वहीं उन्होंने कहा कि 10 नवम्बर को सांभर झील में पक्षियों की बड़ी संख्या में मौत का मामला सामने आते ही जिला प्रशासन द्वारा त्वरित कदम उठाते हुए पशुपालन विभाग और वन विभाग के अधिकारियों को मौके पर भेजा गया.

वर्तमान में भी देशभर के पक्षी विषेषज्ञ इन पक्षियों के इतनी बड़ी संख्या में हताहत होने के कारणों का अध्ययन कर रहे हैं. वहीं अब तक मिली जानकारी के अनुसार मृत पक्षियों के (मैगेट्स) कीड़े लगे शवों को खाने से फैले संक्रमण के कारण इनकी जान गई है. अब तक करीब 2 हजार पक्षियों की मौत हो चुकी है. पहले दिन करीब एक हजार पक्षियों के शव हटवाए गए थे.

पढ़ेंः 'आत्महत्या के लिए क्यों मजबूर हैं किसान'

कुछ और पक्षियों के शव क्यारियों में मृत पडे़ हो सकते हैं. ऐसे में इनकी खोज के लिए शुक्रवार को अभियान चलाया जाएगा. यादव ने बताया कि पक्षियों के रेस्क्यू के लिए एक रेस्क्यू सेंटर सांभर में स्थापित कर दिया गया है. आवश्यकता पड़ने पर रेस्क्यू सेंटर्स की संख्या बढाई जाएगी. यहां बुधवार को 31 लकवाग्रस्त पक्षियों और गुरूवार को 8 पक्षियो की जान बचाई गई. यादव ने बताया कि वैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि पक्षियों की जान किसी फ्लू या वायरस के कारण नहीं गई है. ऐसा होने पर इंसानों को सम्पर्क में आने पर खतरा हो सकता था.

जयपुर. सांभर झील में देशी-विदेशी हजारों पक्षियों की मौत के बाद जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने गुरुवार को सांभर झील का दौरा किया. जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने वहां रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लेकर पक्षियों की मौत का कारण जाना. वहीं प्रारंभिक जांच में पता चला कि मृत पक्षियों के (मैगेट्स) कीड़े लगे शवों को खाने से फैले संक्रमण के कारण इन हजारों देशी-विदेशी पशुओं की मौत हुई है.

सांभर झील में देशी-विदेशी पक्षियों की मौत

जिला कलेक्टर ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ी संख्या में पक्षियों के हताहत होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए उन्हें विशेषज्ञों की टीम के साथ सांभर जाकर हालात की समीक्षा करने के निर्देश दिए थे. साथ ही कारणों का पता लगाकर आगे से ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के उपाय करने के लिए निर्देशित भी किया था.

यादव ने गुरूवार को सांभर झील क्षेत्र का दौरा कर सैंकड़ों देशी-विदेशी पक्षियों की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए काम कर रही देशभर के वैज्ञानिकों, चिकित्सकों और अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की और यहां स्थापित सेंटर में रेस्क्यू ऑपरेशन्स की समीक्षा की.

पढ़ेंः स्पेशल स्टोरी: मासूम चेहरों पर खिलौनों से खिलखिलाहट, 'संदीप और स्वाति' ने गरीब बच्चों की मुस्कुराहट को बना लिया Mission

उन्होंने अपनी निगरानी में पक्षियों के शवों का सुरक्षित निस्तारण भी कराया. यादव ने बताया कि शुक्रवार को नागरिक सुरक्षा की पांच टीमें झील के खारे पानी की क्यारियों में पक्षियों के शवों की तलाश करेंगी. वहीं उन्होंने कहा कि 10 नवम्बर को सांभर झील में पक्षियों की बड़ी संख्या में मौत का मामला सामने आते ही जिला प्रशासन द्वारा त्वरित कदम उठाते हुए पशुपालन विभाग और वन विभाग के अधिकारियों को मौके पर भेजा गया.

वर्तमान में भी देशभर के पक्षी विषेषज्ञ इन पक्षियों के इतनी बड़ी संख्या में हताहत होने के कारणों का अध्ययन कर रहे हैं. वहीं अब तक मिली जानकारी के अनुसार मृत पक्षियों के (मैगेट्स) कीड़े लगे शवों को खाने से फैले संक्रमण के कारण इनकी जान गई है. अब तक करीब 2 हजार पक्षियों की मौत हो चुकी है. पहले दिन करीब एक हजार पक्षियों के शव हटवाए गए थे.

पढ़ेंः 'आत्महत्या के लिए क्यों मजबूर हैं किसान'

कुछ और पक्षियों के शव क्यारियों में मृत पडे़ हो सकते हैं. ऐसे में इनकी खोज के लिए शुक्रवार को अभियान चलाया जाएगा. यादव ने बताया कि पक्षियों के रेस्क्यू के लिए एक रेस्क्यू सेंटर सांभर में स्थापित कर दिया गया है. आवश्यकता पड़ने पर रेस्क्यू सेंटर्स की संख्या बढाई जाएगी. यहां बुधवार को 31 लकवाग्रस्त पक्षियों और गुरूवार को 8 पक्षियो की जान बचाई गई. यादव ने बताया कि वैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि पक्षियों की जान किसी फ्लू या वायरस के कारण नहीं गई है. ऐसा होने पर इंसानों को सम्पर्क में आने पर खतरा हो सकता था.

Intro:जयपुर, 14 नवम्बर। सांभर झील में देसी और विदेशी हजारों पक्षियों की मौत के बाद जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने गुरुवार को सांभर झील का दौरा किया। जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने वहां रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लेकर पक्षियों की मौत का कारण जाना। प्रारंभिक जांच मे मृत पक्षियों के (मैगेट्स) कीड़े लगेे शवों को खाने से फैले संक्रमण के कारण इन हजारों देशी विदेशी पशुओं की मौत का कारण सामने आ रहा है।Body:जिला कलक्टर ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ी संख्या में पक्षियों के हताहत होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए उन्हें विशेषज्ञों की टीम के साथ सांभर जाकर हालात की समीक्षा करने के निर्देश दिए थे। साथ ही कारणों का पता लगाकर आगे से ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के उपाय करने के लिए निर्देशित किया था।
 यादव ने गुरूवार को सांभर झील क्षेत्र का दौरा कर सैंकड़ों देशी-विदेशी पक्षियों की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए काम कर रही देशभर के वैज्ञानिकों, चिकित्सकों एवं अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की एवं यहां स्थापित सेंटर में रेस्क्यू ऑपरेशन्स की समीक्षा की। उन्होंने अपनी निगरानी में पक्षियों के शवों का सुरक्षित निस्तारण कराया। यादव ने बताया कि शुक्रवार को नागरिक सुरक्षा की पांच टीमें झील के खारे पानी की क्यारियों में पक्षियों के शवों की तलाश करेंगी।  
जिला कलक्टर ने बताया कि रविवार, 10 नवम्बर को सांभर झील में पक्षियों की बड़ी संख्या में मौत का मामला सामने आते ही जिला प्रशासन द्वारा त्वरित कदम उठाते हुए पशुपालन विभाग एवं वन विभाग के अधिकारियों को मौके पर भेजा गया। वर्तमान में भी देशभर के पक्षी विषेषज्ञ इन पक्षियों के इतनी बड़ी संख्या में हताहत होने के कारणों का अध्ययन कर रहे हैं अब तक मिली जानकारी के अनुसार मृत पक्षियों के (मैगेट्स) कीड़े लगेे शवों को खाने से फैले संक्रमण के कारण इनकी जान गई है। अब तक करीब 2 हजार पक्षियों की मौत हो चुकी है। पहले दिन करीब 1000 पक्षियों के शव हटवाए गए थे। कुछ और पक्षियों के शव क्यारियों मेें मृत पडे़ हो सकते हैं। इनकी खोज के लिए शुक्रवार को अभियान चलाया जाएगा। यादव ने बताया कि पक्षियों के रेस्क्यू के लिए एक रेस्क्यू सेंटर सांभर में स्थापित कर दिया गया है। आवश्यकता पड़ने पर रेस्क्यू सेंटर्स की संख्या बढाई जाएगी। यहां बुधवार को 31 लकवाग्रस्त पक्षियों एवं गुरूवार को 8 पक्षियो की जान बचाई गई। यादव ने बताया कि वैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि पक्षियों की जान किसी  फ्लू या वायरस के कारण नहीं गई है। ऐसा होने पर इंसानों को सम्पर्क में आने पर खतरा हो सकता था। शुक्रवार को नागरिक सुरक्षा की टीमें गम बूट पहनकर बचे पक्षियों के शवों को तलाशेगी।Conclusion:
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