जयपुर. राशन कार्ड में फर्जी आधार कार्ड लगाकर गेहूं उठाने के मामले में रसद विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है. अब रसद विभाग की टीम उन लोगों के घर जाएगी, जिनकी शिकायत विभाग के पास पहुंची है. बता दें कि विभाग की टीम उनके घर जाकर परिवार के सदस्यों के आधार कार्ड की जांच करेगी और यदि राशन कार्ड में लिंक आधार कार्ड से मेल नहीं खाता है तो विभाग राशन डीलर के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा. वहीं, यदि परिवार के किसी भी एक सदस्य का आधार कार्ड राशन कार्ड से लिंक करता है उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगा .
जिला रसद अधिकारी प्रथम कनिष्क सैनी ने बताया कि उन्हें सीएमओ और रसद विभाग की ओर से शिकायतों की जांच करने का निर्देश दिया था. उन्होंने बताया कि 43 राशन डीलरों के खिलाफ इस तरह की शिकायतें मिली थी और अब तक 15 राशन डीलरों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं. दो के लाइसेंस निरस्त किए गए हैं और बाकियों के खिलाफ जांच चल रही है. सैनी ने बताया कि हमने डीओआईटी को आधार कार्ड के संबंध में जानकारी मांगी थी कि यह आधार कार्ड किसके हैं.
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सैनी ने बताया कि डीओआईटी ने इस तरह की जानकारी देने से इंकार कर दिया है इसके बाद घर-घर जाकर आधार कार्ड की जांच करने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि अगर कोई भी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि जयपुर में खाद्य सुरक्षा के अंतर्गत एक लाख 30 हजार परिवारों के नाम दर्ज हैं और उनके सत्यापन का काम भी सरकार की ओर से शुरू किया गया है. सत्यापन में जांच की जाएगी कि उनके राशन कार्ड से परिवार के ही किसी सदस्य का आधार कार्ड लिंक हो.
जिला रसद अधिकारी प्रथम ने बताया कि जिन राशन डीलरों ने गलत तरीके से गेहूं उठाया है उन सभी से उनका बाजार मूल्य से वसूली की जाएगी. साथ ही लाइसेंस भी निरस्त किया जाएग और उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी. सैनी ने कहा कि हम लोगों ने नवंबर की लिफ्टिंग पूरी कर ली है और गेहूं का वितरण भी चल रहा है. दिसंबर महीने की लिफ्टिंग 1 दिसंबर से पहले कर ली जाएगी. उन्होंने बताया कि इस कार्रवाई से राशन डीलरों में भी एक संदेश जाएगा कि किसी भी तरह की गड़बड़ी विभाग की ओर से बर्दाश्त नहीं की जाएगी.