जयपुर. प्रदेश में मुख्यमंत्री द्वारा ईडब्ल्यूएस आरक्षण में संशोधन करते हुए संपति के प्रावधान को हटाया जा चूका है. जिसके बाद सवर्णों में खुशी की लहर देखने को मिल रही है. बता दें कि नर्सिंग कर्मचारी प्यारेलाल चौधरी ने बताया की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस फैसले का स्वागत करते है, साथ ही उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार से भी मांग की है की केंद्र में भी ईडब्ल्यूएस आरक्षण को सरलीकरण करते हुए करोड़ों लोगों को लाभ दे.
उन्होंने बताया की ईडब्ल्यूएस आरक्षण में जो जटिलता आ रही थी उसका लाभ युवा नहीं ले पा रहा था, लेकिन राजस्थान पहला राज्य बन चुका है जहां पर सम्पति और भूमि के प्रावधान को हटाकर आरक्षण में शिथिलता दी है. इससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को सकारात्मक संदेश मिला है.
पढ़ेंः अब राजधानी के ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को मिलेगी झंझट से निजात, सीमेंट के बनेंगे बैरिकेड्स
एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण से अचल संपत्ति प्रावधान हटाने के बाद अब परिवार की कुल वार्षिक आय अधिकतम आठ लाख रुपये ही एकमात्र इसका आधार मानी जाएगी. मुख्यमंत्री के इस निर्णय से प्रदेश के सामान्य वर्ग के उस हिस्से को फायदा मिलेगा.