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अलवर: पंचायत चुनाव की हलचल तेज, प्रधान पदों के लिए निकाली गई लॉटरी - कांग्रेस

अलवर में निकाय चुनाव के बाद अब पंचायत चुनाव की हलचल तेज हो चुकी है. सरकार और सभी राजनीतिक पार्टियां निकाय चुनाव की तैयारी में जुट चुकीं हैं. निर्वाचन विभाग की तरफ से प्रधान पद के लिए लॉटरी निकाली गई है.

Panchayat elections in Alwar.  प्रधान पदों के लिए लॉटरी, lottery held for prime positions
पंचायत समिति प्रधान पद के लिए लॉटरी
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Published : Dec 19, 2019, 1:33 PM IST

अलवर. पंचायत चुनाव के लिए लॉटरी प्रक्रिया चल रही है. इसी कड़ी में अलवर के पंचायत समिति प्रधान पद के लिए लॉटरी निकाली गई. इसमें अलवर की सभी 11 विधानसभा शामिल हैं.

पंचायत समिति प्रधान पद के लिए लॉटरी

किशनगढ़बास में एससी पद की लॉटरी निकली है. इसी तरह से कोटकासिम में जनरल (फीमेल), राजगढ़ में जनरल (फीमेल), उमरैण में एसी, लक्ष्मणगढ़ में जनरल (फीमेल), तिजारा में जनरल, कठूमर में जनरल (फीमेल), मुंडावर में जनरल, रामगढ़ में जनरल, बहरोड में जनरल (फीमेल), नीमराणा में जनरल (फीमेल), बानसूर में ओबीसी (फीमेल), थानागाजी में ओबीसी, रैणी में एसटी, मालाखेड़ा में एससी (फीमेल), गोविंदगढ़ में ओबीसी की लॉटरी निकली है.

इसके हिसाब से प्रत्याशी मैदान में उतरेंगे और चुनाव लड़ेंगे. इसी तरह से प्रत्येक विधानसभा में वार्डों की लॉटरी भी निकाल दी गई है. ऐसे में लगातार कांग्रेस और भाजपा की तरफ से चुनाव में पूरी ताकत झोंकी जा रही है. चुनाव की अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.

पढ़ेंः बेटियां किसी से कम नहीं, अवार्ड नहीं मिलने पर नाराज छात्रा विरोध करती हुई पहुंच गई राज्यपाल के मंच के पास

अलवर में निकाय चुनाव में मिली करारी हार के चलते भाजपा खास रणनीति बनाती हुई नजर आ रही है. इसीलिए निकाय चुनाव के तुरंत बाद भाजपा ने अलवर में दो इकाई बनाई है. ऐसे में देखना होगा, कि पंचायत चुनाव में किस पार्टी का कब्जा रहता है और लगातार किए जा रहे बदलाव का दोनों पार्टियों को कितना फायदा मिलता है.

अलवर. पंचायत चुनाव के लिए लॉटरी प्रक्रिया चल रही है. इसी कड़ी में अलवर के पंचायत समिति प्रधान पद के लिए लॉटरी निकाली गई. इसमें अलवर की सभी 11 विधानसभा शामिल हैं.

पंचायत समिति प्रधान पद के लिए लॉटरी

किशनगढ़बास में एससी पद की लॉटरी निकली है. इसी तरह से कोटकासिम में जनरल (फीमेल), राजगढ़ में जनरल (फीमेल), उमरैण में एसी, लक्ष्मणगढ़ में जनरल (फीमेल), तिजारा में जनरल, कठूमर में जनरल (फीमेल), मुंडावर में जनरल, रामगढ़ में जनरल, बहरोड में जनरल (फीमेल), नीमराणा में जनरल (फीमेल), बानसूर में ओबीसी (फीमेल), थानागाजी में ओबीसी, रैणी में एसटी, मालाखेड़ा में एससी (फीमेल), गोविंदगढ़ में ओबीसी की लॉटरी निकली है.

इसके हिसाब से प्रत्याशी मैदान में उतरेंगे और चुनाव लड़ेंगे. इसी तरह से प्रत्येक विधानसभा में वार्डों की लॉटरी भी निकाल दी गई है. ऐसे में लगातार कांग्रेस और भाजपा की तरफ से चुनाव में पूरी ताकत झोंकी जा रही है. चुनाव की अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.

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अलवर में निकाय चुनाव में मिली करारी हार के चलते भाजपा खास रणनीति बनाती हुई नजर आ रही है. इसीलिए निकाय चुनाव के तुरंत बाद भाजपा ने अलवर में दो इकाई बनाई है. ऐसे में देखना होगा, कि पंचायत चुनाव में किस पार्टी का कब्जा रहता है और लगातार किए जा रहे बदलाव का दोनों पार्टियों को कितना फायदा मिलता है.

Intro:अलवर
अलवर में निकाय चुनाव के बाद अब पंचायत चुनाव की हलचल तेज हो चुकी है। सरकार व सभी राजनीतिक पार्टियां निकाय चुनाव की तैयारी में जुट चुकी है। निर्वाचन विभाग की तरफ से प्रधान पद के लिए लॉटरी निकाली गई है।


Body:अलवर में निकाय चुनाव के बाद अब पंचायत चुनाव की हलचल तेज हो चुकी है सरकार की तरफ से चुनाव के लिए लॉटरी प्रक्रिया की जा रही है अलवर की बात करें तो अलवर में पंचायत समिति प्रधान पद के लिए लॉटरी निकाली गई है इसमें अलवर की सभी 11 विधानसभा शामिल है। किशनगढ़बास में एससी पद की लॉटरी निकली है। इसी तरह से कोटकासिम में जनरल (फीमेल) राजगढ़ में जनरल (फीमेल), उमरैण में एसी, लक्ष्मणगढ़ में जनरल (फीमेल), तिजारा में जनरल, कठूमर में जनरल (फीमेल), मुंडावर में जनरल, रामगढ़ में जनरल, बहरोड में जर्नल (फीमेल) नीमराणा में जनरल (फीमेल), बानसूर में ओबीसी (फीमेल), थानागाजी में ओबीसी, रैणी में एसटी, मालाखेड़ा में एससी (फीमेल) गोविंदगढ़ में ओबीसी की लॉटरी निकली है।


Conclusion:इसके हिसाब से प्रत्याशी मैदान में उतरेंगे व चुनाव लड़ेंगे। इसी तरह से प्रत्येक विधानसभा में वार्डों की लॉटरी भी निकाल दी गई है। ऐसे में लगातार कांग्रेस व भाजपा की तरफ से चुनाव में पूरी ताकत झोंकी जा रही है। चुनाव की अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई है। निकाय चुनाव में मिली करारी हार के चलते भाजपा अलवर में खास रणनीति बनाती हुई नजर आ रही है। इसीलिए निकाय चुनाव के तुरंत बाद भाजपा ने अलवर में दो इकाई बनाई हैं। ऐसे में देखना होगा कि पंचायत चुनाव में किस पार्टी का कब्जा रहता है व लगातार किए जा रहे बदलाव का दो ही पार्टियों को कितना फायदा मिलता है।
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