मुंबईः सुप्रीम कोर्ट ने कंज्यूमर पैनल एनसीडीआरसी के फैसले को खारिज कर दिया है जिसमें स्टार इंडिया (प्रा.) लिमिटेड और भारती एयरटेल लिमिटेड को पॉपुलर टीवी गेम शो 'कौन बनेगा करोड़पति' (केबीसी) में गलत व्यापार प्रक्रिया के लिए जुर्माने के लिए 1 करोड़ अदा करने के लिए कहा गया था.
एनसीडीआरसी के सितंबर 2008 में हुए फैसले के खिलाफ चुनौती देते हुए स्टार इंडिया और एयरटेल ने अपील की थी, जिसके बाद न्यायमूर्ति एमएम शातंनागोदार और आर सुभाश रेड्डी की बेंच ने कहा कि कमिशन द्वारा गलत व्यापार प्रक्रिया का पाना कानून में गलत था.
नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेशल कमिशन (एनसीडीआरसी) ने उस अपील के बाद यह फैसला दिया था, जिसमें स्टार इंडिया और एयरटेल पर कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट, 1986 के तहत 'अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस' (गलत व्यापार प्रक्रिया) का आरोप था.
कहा गया था कि वे केबीसी में 22 जनवरी, 2007 से 19 अप्रैल 2007 के बीच हुए कॉन्टेस्ट 'हर सीट हॉट सीट' (HSHS) में फ्री भाग लेने के लिए कह कर लोगों पर गलत प्रभाव बना रहे थे.
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एचएसएचएस कॉन्टेस्ट के दौरान, केबीसी के दर्शकों को किसी सवाल के चार संभव उत्तर दिखाए जाते थे और उनसे इस खेल में भाग लेने के लिए कहा जाता था.
जो दर्शक इसमें भाग लेने के इच्छुक होते थे उनसे एयरटेल, एमटीएनएल और बीसीएनएल द्वारा दी गई एसएमएस सर्विस का उपयोग करके इन सवालों के सही जवाब देने के लिए कहा जाता था, हर एपिसोड के विनर का फैसला किसी भी नंबर को चुन कर किया जाता था, और विजेता के लिए 2 लाख रूपये की धनराशि का इनाम था.
एपेक्स कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि एचएसएचएस कॉन्टेस्ट में भाग लेने वाले दर्शकों को हर मैसेज के लिए एयरटेल को 2.40 रूपये देने पड़ते थे, जो कि सामान्य मैसेज के चार्जेस से काफी अधिक था.
दाखिल की गई पीआईएल में कहा गया कि एचएसएचएस कॉन्टेस्ट के इनाम की धनराशि इन मैसेजेस की अदा की गई रकम से जुटाई जाती है और स्टार इंडिया तथा एयरटेल पर 'अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस' का इल्जाम लगाया गया था.
इन सभी अपील और आदेशों के जवाब में देश की सर्वोच्च अदालत ने फैसला दिया कि एचएसएचएस कॉन्टेस्ट में प्राइज मनी के लिए पैसे सीधे या किसी भी तरह से मैसेज के जरिए जुटाए जाते थे इसका कोई आधार नहीं है, अंततः एनसीडीआरसी के आदेश को खारिज कर दिया गया.
इनपुट्स- पीटीआई