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काबुल में आत्मघाती हमले से युद्ध खत्म करने के अमेरिकी समझौते को झटका

तालिबान ने काबुल स्थित अंतरराष्ट्रीय परिसर पर सोमवार रात को किए आत्मघाती हमले में 16 लोगों की मौत हो गई जबकि 119 लोग घायल हो गए हैं. इस हमले के बाद युद्ध खत्म करने के अमेरिकी समझौते को झटका लग सकता है.

डोनाल्ड ट्रंप ( फाइल फोटो)
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Published : Sep 4, 2019, 12:10 AM IST

Updated : Sep 29, 2019, 9:16 AM IST

काबुल: तालिबान ने काबुल स्थित अंतरराष्ट्रीय परिसर पर सोमवार रात को किए आत्मघाती हमले का मंगलवार को सही ठहराने का प्रयास किया है. इसके साथ ही युद्ध समाप्त करने के लिए तालिबान के साथ समझौता करने की अमेरिकी कोशिशों को झटका लगा है.

इस हमले में 16 लोगों की मौत हुई थी और 119 अन्य लोग घायल हुए थे. यह हमला अमेरिकी दूत के उस बयान के कुछ घंटों बाद किया गया जिसमें उन्होंने कहा कि युद्ध को समाप्त करने पर तालिबान के साथ सैद्धांतिक सहमति बन गई है.

हमले से नाराज काबुल निवासियों ने सवाल किया कि क्या तालिबान के साथ किए किसी समझौते पर भरोसा किया जा सकता है खासतौर पर विदेशी सैनिकों की वापसी को लेकर. उनका सवाल है कि तालिबान चाहता था कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी हो और समझौते में उसकी शर्त मानी जा रही है. इसके बावजूद वह हमले कर रहा है.

कुछ विश्लेषकों ने भी चेतावनी दी है कि तालिबान के कुछ गुट अमेरिका के साथ होने वाले समझौते पर नाराजगी जता सकते हैं लेकिन तालिबान के राजनीतिक नेताओं ने कतर में बातचीत के दौरान भरोसा दिया है कि उसके हजारों लड़ाकें संभावित समझौते का अनुपालन करेंगे.

तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा, 'हम समझते हैं कि शांति वार्ता चल रही है... लेकिन उन्हें भी समझना चाहिए कि हम कमजोर नहीं हुए हैं. अगर हम वार्ता में शामिल होंगे तो मजबूत स्थिति में.'

उसने कहा कि यह हमला अमेरिकी और अफगान बलों की ओर से देश के विभिन्न हिस्सों में नागरिकों पर की जा रही छापेमारी का जवाब है. मुजाहिद ने माना कि इन हमलों में आम नगारिकों को कम से कम नुकसान होना चाहिए, इसलिए उन्हें विदेशी लोगों के लिए बनाए गए परिसरों से दूर रहने को कहा.

पढ़ें- आत्मघाती हमले के बाद काबुल में एक और बम धमाका

इस बीच, गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नसरत रहीमी ने बताया कि सोमवार रात आत्मघाती हमलावर की ओर से ग्रीन विलेज परिसर को निशाना बनाए जाने के बाद से 400 विदेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

पांच अन्य हमलावरों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है. उन्होंने बताया कि विस्फोटकों से लदे ट्रैक्टर में हमलावर ने विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया था.

बता दें कि हमले से कुछ घंटे पहले ही अमेरिकी दूत ज़लमी खलीलजाद ने अफगान सरकार को अमेरिका और तालिबान के बीच समझौते पर बनी सैद्धांतिक सहमति की जानकारी दी थी. उन्होंने बताया कि करार के तहत अमेरिका

अफगानिस्तान के पांच सैन्य ठिकानों से 135 दिनों के भीतर 5,000 अमेरिकी सैनिकों की वापसी करेगा. इस वक्त अफगानिस्तान में अमेरिका के 13,000 से 14,000 जवान मौजूद हैं.

काबुल: तालिबान ने काबुल स्थित अंतरराष्ट्रीय परिसर पर सोमवार रात को किए आत्मघाती हमले का मंगलवार को सही ठहराने का प्रयास किया है. इसके साथ ही युद्ध समाप्त करने के लिए तालिबान के साथ समझौता करने की अमेरिकी कोशिशों को झटका लगा है.

इस हमले में 16 लोगों की मौत हुई थी और 119 अन्य लोग घायल हुए थे. यह हमला अमेरिकी दूत के उस बयान के कुछ घंटों बाद किया गया जिसमें उन्होंने कहा कि युद्ध को समाप्त करने पर तालिबान के साथ सैद्धांतिक सहमति बन गई है.

हमले से नाराज काबुल निवासियों ने सवाल किया कि क्या तालिबान के साथ किए किसी समझौते पर भरोसा किया जा सकता है खासतौर पर विदेशी सैनिकों की वापसी को लेकर. उनका सवाल है कि तालिबान चाहता था कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी हो और समझौते में उसकी शर्त मानी जा रही है. इसके बावजूद वह हमले कर रहा है.

कुछ विश्लेषकों ने भी चेतावनी दी है कि तालिबान के कुछ गुट अमेरिका के साथ होने वाले समझौते पर नाराजगी जता सकते हैं लेकिन तालिबान के राजनीतिक नेताओं ने कतर में बातचीत के दौरान भरोसा दिया है कि उसके हजारों लड़ाकें संभावित समझौते का अनुपालन करेंगे.

तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा, 'हम समझते हैं कि शांति वार्ता चल रही है... लेकिन उन्हें भी समझना चाहिए कि हम कमजोर नहीं हुए हैं. अगर हम वार्ता में शामिल होंगे तो मजबूत स्थिति में.'

उसने कहा कि यह हमला अमेरिकी और अफगान बलों की ओर से देश के विभिन्न हिस्सों में नागरिकों पर की जा रही छापेमारी का जवाब है. मुजाहिद ने माना कि इन हमलों में आम नगारिकों को कम से कम नुकसान होना चाहिए, इसलिए उन्हें विदेशी लोगों के लिए बनाए गए परिसरों से दूर रहने को कहा.

पढ़ें- आत्मघाती हमले के बाद काबुल में एक और बम धमाका

इस बीच, गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नसरत रहीमी ने बताया कि सोमवार रात आत्मघाती हमलावर की ओर से ग्रीन विलेज परिसर को निशाना बनाए जाने के बाद से 400 विदेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

पांच अन्य हमलावरों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है. उन्होंने बताया कि विस्फोटकों से लदे ट्रैक्टर में हमलावर ने विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया था.

बता दें कि हमले से कुछ घंटे पहले ही अमेरिकी दूत ज़लमी खलीलजाद ने अफगान सरकार को अमेरिका और तालिबान के बीच समझौते पर बनी सैद्धांतिक सहमति की जानकारी दी थी. उन्होंने बताया कि करार के तहत अमेरिका

अफगानिस्तान के पांच सैन्य ठिकानों से 135 दिनों के भीतर 5,000 अमेरिकी सैनिकों की वापसी करेगा. इस वक्त अफगानिस्तान में अमेरिका के 13,000 से 14,000 जवान मौजूद हैं.

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AFGHAN-TALIBAN-ATTACK-REAX
Deadly Taliban attack in Kabul rattles US deal on ending war
         Kabul, Aug 3 (AP) The Taliban on Tuesday defended their suicide bombing against an international compound in the Afghan capital that killed at least 16 civilians and wounded 119 people, just hours after a US envoy said he and the militant group had reached a deal "in principle" to end America's longest war.
         Angry Kabul residents whose homes were shredded in the explosion climbed over the buckled blast wall and set part of the compound, a frequent target of the militants, on fire.
         Thick smoke rose from the Green Village, home to several foreign organisations and guesthouses, whose location has become a peril to nearby local residents as well.
         "People were screaming and saying, 'My children are trapped in the rubble,'" one witness, Faiz Ahmad, said. A large crater was left in the street.
         The Taliban continue such attacks even as a US envoy says the deal with the insurgents only needs the approval of President Donald Trump to become a reality. The accord would include a troop withdrawal that the Taliban already portray as their victory.
         Taliban spokesman Zabihullah Mujahid told The Associated Press that "we understand that peace talks are going on... but they must also understand that we are not weak and if we enter into talks... we enter from a strong position."
         He said the attack was a response to raids by US and Afghan forces on civilians in other parts of the country. While he acknowledged there should be less harm to civilians, he said they shouldn't be living near such an important foreign compound.
         Interior Ministry spokesman Nasrat Rahimi said some 400 foreigners had been rescued after the suicide bomber targeted the compound late on Monday. Five other attackers were shot and killed by security forces after the suicide bomber detonated a tractor packed with explosives, he said.
         The attack occurred just hours after the US envoy briefed the Afghan government on an agreement "in principle" with the Taliban that would see 5,000 US troops withdraw from five bases in the country within 135 days of a final deal.
         Between 14,000 and 13,000 troops are currently in the country.
         The Green Village also was hit by a suicide car bomber in January, again as the US envoy, Zalmay Khalilzad, was visiting the capital to brief the Afghan government on his negotiations with the Taliban on ending nearly 18 years of fighting.
         Hours before Monday's attack, Khalilzad showed a draft deal to the Afghan president after declaring that they are "at the threshold of an agreement" following the end of the ninth round of US-Taliban talks in Qatar.          The agreement still needs President Donald Trump's approval.
         There was no immediate comment from Khalilzad after the blast that was strongly condemned by Afghan President Ashraf Ghani.
         Shaken Kabul residents question whether any agreement with the Taliban can be trusted, especially as foreign troops withdraw.
         The Taliban carry out such attacks even as the militant group appears to be getting what it wants in a deal with the US a troop withdrawal.
         The group wants all of the some 20,000 US and NATO troops out of Afghanistan immediately, while the US seeks a withdrawal in phases that would depend on the Taliban meeting certain conditions such as a reduction in violence.
         Attacks have surged in recent months, including Taliban assaults on two provincial capitals over the weekend, as the group seeks to strengthen its negotiating position not only with the US but with the Afghan government in the even more challenging intra-Afghan talks that are meant to follow a US-Taliban deal on Afghanistan's future.
         The Taliban have rejected talking with the government so far, dismissing it as a US puppet.
         Some analysts also have warned that some factions of the Taliban might be expressing displeasure with the US deal, though Taliban political leaders at the talks in Qatar have insisted that their tens of thousands of fighters would respect whatever agreement is reached.
         The militant group is at its strongest since the US-led invasion to topple its government after the September 11, 2001 attacks on the US. The Taliban now control or hold sway over roughly half of Afghanistan.
         The United Nations and others say civilians are suffering, often caught in the cross-fire as government forces, backed by the US, pursue the militants with airstrikes and raids.
         Afghanistan was the world's deadliest conflict in 2018.
         The Taliban spokesman, Mujahid, said that whenever there is a reduction of violence in Afghan cities, the government asserts that the militant group is no longer able to carry out attacks because of stronger Afghan security forces.
         "They should realize that they can't stop the Taliban," Mujahid said.          "Hopefully they must understand that by now." (AP)
SCY
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Last Updated : Sep 29, 2019, 9:16 AM IST
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