नई दिल्लीः शिवसेना ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि देश की आर्थिक स्थिति सही नहीं है. देश मंदी की मार झेल रहा है. लोगों के रोजगार जा रहे हैं. उद्योग बंद हो रहे हैं और हमारे केंद्रीय मंत्री ओला, उबर और आंइस्टीन की बात कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि आर्थिक स्थिति पर सवाल उठाए जा रहे हैं और हम उनकी अनदेखी तो नहीं कर सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह अच्छा काम कर रहे हैं. लेकिन उनके केंद्रीय मंत्री देश की अर्थव्यस्था का मजाक बना कर मोदी और शाह का काम कठिन कर रहे हैं.
उन्होंने आगे निशाना साधते हुए कहा कि उद्योग और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की आइंस्टीन को लेकर की गई टिप्पणी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का ऑटोमोबाइल की बिक्री में हुई मंदी को लेकर ओला, उबर पर दिये गए बयानों की आलोचना की है.
पार्टी ने कहा कि हमारे मंत्री विज्ञान की बुनायादी बातों को बदलने के लिए हैं. क्या मंत्रियों के शोध से उन लाखों लोगों को नौकरी मिल सकती है जिन्होंने अपनी नौकरी खो दी हैं.
शिवसेना ने कहा कि महाराष्ट्र मेट्रो रेल के उद्घाटन के बाद, मुख्यमंत्री ने कहा था कि लगभग 60 लाख लोग रोजाना इसके माध्यम से आवागमन करेंगे. इसका मतलब है कि यह ऑटो बिक्री को प्रभावित करेगा और बेरोजगारी का कारण होगा.
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पार्ले जी की बिक्री कम हो गई है और 10 हजार लोग अपनी नौकरी खो चुके हैं. क्या हम यह निष्कर्ष निकालेंगे कि बच्चे बिस्कुट नहीं खा रहे हैं और वे इसके बजाय PUBG खेलने में व्यस्त हैं.
अर्थव्यवस्था और रोजगार पर सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि हम उनकी उपेक्षा नहीं कर सकते हैं कि केंद्रीय मंत्री बिगड़ती आर्थिक स्थिति और रोजगार का मजाक उड़ाते हुए मोदी और शाह कामों को मुश्किल बना रहे हैं.
अर्थव्यवस्था और नौकरी के नुकसान पर सरकार की आलोचना करते हुए, शिवसेना ने कहा कि व्यापारी, किसान और कर्मचारी अपनी आय का स्रोत खो रहे हैं और यह न्यूटन या आइंस्टीन से संबंधित नहीं है.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि ऑटोमोबाइल उद्योग को देख कर कहा जा रहा है कि मंदी है.लेकिन देश की विद्वान मंत्री निर्मला सीतारमण इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं.
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शिवसेना ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के हवाले से कहा कि केंद्र सरकार बस अखबारों की सुर्खियां बना रही है. अगर हम अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति को समझना चाहते हैं, तो हमें मनमोहन सिंह के बयान की प्रबंधन हेडलाइन को समझना चाहिए.