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कमलेश तिवारी हत्याकांड : तीनों आरोपी गिरफ्तार, बेटे ने की NIA जांच की मांग - गुजरात से तीन गिरफ्तार

हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या की गुत्थी सुलझा लेने का दावा किया गया है. उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक हत्या में शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस के अनुसार आरोपियों ने 2015 में तिवारी द्वारा दिए गए भड़काऊ बयान को हत्या करने की वजह बताया है. जानें, विस्तार से पूरा मामला.

गिरफ्तार
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Published : Oct 19, 2019, 10:17 AM IST

Updated : Oct 19, 2019, 9:11 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के घनी आबादी वाले नाका हिंडोला इलाके में शुक्रवार को हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी. उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले में तीन आरोपियों की पहचान की जा चुकी है. तीनों को गुजरात के सूरत से गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि पुलिस घटनास्थल पर मिले मिठाई के डिब्बे से मिले सबूत के बाद हत्या के आरोपियों तक पहुंचने में सफल रही.

कमलेश तिवारी के बेटे सत्यम तिवारी का कहना है कि उन्हें यूपी प्रशासन पर भरोसा नहीं है और मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी से कराई जानी चाहिए.
सत्यम ने कहा, 'हम चाहते हैं कि इस मामले की जांच एनआईए करे. हम किसी पर भरोसा नहीं कर सकते हैं. सिक्यॉरिटी गार्ड्स की मौजूदगी के बावजूद मेरे पिता की हत्या कर दी गई और ऐसे में हम कैसे प्रशासन पर भरोसा कर सकते हैं. दूसरी तरफ तीन आरोपियों को गुजरात एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है.

वीडियो

मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने कहा कि कमलेश तिवारी के परिवार वालों की मांगों को मान लिया है. उन्होंने बताया कि कमलेश के परिवार को सुरक्षा दी जाएगी. उनके बेटे को लाइसेंसी हथियार की सुविधा दी जाएगी.

कमलेश तिवारी के परिवार के लोगों से बातचीत

पुलिस के मुताबिक पीड़ित परिवार को सरकारी घर, मृतक के बड़े बेटे को लाइसेंसी हथियार दिया जाएगा और नौकरी भी दी जाएगी. पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दी जाएगी और हत्याकांड की जांच कमेटी द्वारा कराई जाएगी.

कमलेश तिवारी की पत्नी किरण ने आत्मदाह की चेतावनी दी

इस मामले में गुजरात एटीएस के डीआईजी हिमांशु शुक्ला ने बताया कि कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है.

मीडिया को जानकारी देते यूपी डीजीपी ओपी सिंह

गुजरात एटीएस ने सूरत से तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया था. उनसे पूछताछ की जा रही है. बता दें कि कमलेश तिवारी मर्डर के बाद घटनास्थल से एक मिठाई का डिब्बा मिला था, जिस पर सूरत की एक दुकान का नाम छपा था.

तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर ले जाती गुजरात एटीएस

यूपी के डीजीपी बताया कि सूरत निवासी मौलाना मोहसिन शेख सलीम, फैजान और रशीद पठान को गिरफ्तार किया गया है. मोहसिन शेख साड़ी की दुकान, फैजान जूते की दुकान और रशीद एक कम्प्यूटर एक्सपर्ट है, साथ ही वह दर्जी का काम भी करता है.

उन्होंने आगे बताया कि तीनों आरोपी कमलेश तिवारी के 2015 में समुदाय विशेष को लेकर दिए गए बयान से नाराज थे. इसी के चलते उन्होंने हत्या की साजिश रची थी. डीजीपी ने बताया कि रशीद पठान ने हत्या की साजिश रची थी.

उन्होंने बताया कि कमलेश तिवारी के परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में बिजनौर निवासी अनवरूल हक और नईम काजमी के नाम हैं और उन्हें भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.

इसके अतिरिक्त एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें तीन संदिग्धों को मिठाई के डिब्बे और हथियार वाली पॉलिथिन के साथ देखा जा सकता है. तीन संदिग्धों में दो युवक और एक महिला है.

इससे पहले का अपडेट

कमलेश तिवारी की पत्नी का कहना है जब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नहीं आएंगे तब तक अंतिम संस्कार नहीं होगा. कमलेश की पत्नी ने आत्मदाह करने की धमकी दी है.

अपर पुलिस अधीक्षक (पश्चिमी) विकास त्रिपाठी ने बताया कि कमलेश तिवारी नाका हिंडोला कि खुर्शेदबाग स्थित अपने घर में खून से लथपथ पाए गए. उन्होंने बताया कि दो लोग उनसे मिलने आए थे. इस दौरान कमलेश ने अपने एक साथी को उन दोनों के लिए पान लाने भेजा था, जब वह लौटकर आया तो उसने कमलेश को खून से लथपथ हालत में पाया. कमलेश पूर्व में हिंदू महासभा से भी जुड़े रह चुके थे.

पुलिस ने आशंका जताई है कि एक समुदाय विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद तिवारी संभवत: आईएसआईएस की हिट लिस्ट में शामिल रहे होंगे. सूत्रों के अनुसार, गुजरात पुलिस के द्वारा 2017 में गिरफ्तार हुए दो संदिग्ध ओबेद मिर्जा और कासिम ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया था कि तिवारी उनकी हिट लिस्ट में थे.

पुलिस ने कहा है कि ऐसा लग रहा है कि हमलावारों की मृतक से जान पहचान थी. एक अधिकारी ने कहा, 'सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि तिवारी के साथ हमलावरों ने 23 मिनट बिताए और चाय पी. इसके बाद उन्होंने तिवारी को गोली मारी और फिर गला काटा. वह यह सुनिश्चत करने के बाद ही गए कि तिवारी मर चुके हैं.'

कमलेश की पत्नी किरण की तहरीर पर इस मामले में मुफ्ती नईम काजमी और अनवारुल हक तथा एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. किरण का आरोप है कि काजमी और हक ने वर्ष 2016 में कमलेश का सिर कलम करने पर क्रमशः 51 लाख और डेढ़ करोड़ रुपए का इनाम घोषित किया था. इन्हीं लोगों ने साजिश कर उनके पति की हत्या कराई है.

वर्ष 2015 में अपने मध्य चालीसवें वर्ष में रहे कमलेश उस वक्त चर्चा में आए, जब उन्होंने एक समुदाय विशेष पर अत्यधिक विवादास्पद टिप्पणी की थी. इस पर काफी विवाद हुआ और पूरे देश में इसको लेकर समुदाय विशेष के लोगों ने प्रदर्शन किया था. उन्होंने सोशल मीडिया पर भड़काऊ टिप्पणियां भी पोस्ट की थीं. तिवारी अखिल भारतीय हिंदू महासभा के स्वयंभू अध्यक्ष थे और उनके इस दावे का कई बार महासभा ने विरोध किया था.

हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की गोली मारकर हत्या

आखिरकार 2017 में तिवारी ने हिंदू समाज पार्टी बनाई और हिंदू कट्टरपंथी के रूप में उभरने के लिए कई प्रयास किए. इसी क्रम में तिवारी ने सीतापुर में अपनी पैतृक जमीन पर नाथूराम गोडसे का मंदिर बनाने का ऐलान किया था. लेकिन वह कभी शुरू नहीं हो सका. तिवारी ने 2012 में भी चुनावी राजनीति में उतरने का असफल प्रयास किया था। वह लखनऊ से विधानसभा चुनाव लड़े थे और हार गए थे.

कमलेश की हत्या के मामले में राज्य सरकार ने देर रात लखनऊ के पुलिस महानिरीक्षक एस के भगत की अगुवाई में तीन सदस्यीय विशेष जांच टीम गठित कर दी. लखनऊ के पुलिस अधीक्षक (अपराध) दिनेश पुरी और एसटीएफ के क्षेत्राधिकारी पीके मिश्र इस टीम के अन्य सदस्य होंगे.

इस बीच, सोशल मीडिया पर तथाकथित संगठन अलहिंद ब्रिगेड के नाम से एक फोटो संदेश वायरल हुआ जिसमें इस हत्या की जिम्मेदारी ली गई. हालांकि इसकी सत्यता की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है.

कमलेश के कुछ साथियों ने इस मामले में आतंकवादी संगठन आईएसआईएस का हाथ होने की आशंका भी जताई. इस बारे में पूछे जाने पर अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) पीवी राम शास्त्री ने बताया कि पुलिस हर कोण से मामले की जांच कर रही है और अभी किसी निष्कर्ष पर पहुंच जाना जल्दबाजी होगी.

इस बीच, पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि यह विशुद्ध आपराधिक घटना है और पुलिस इसकी जांच कर रही है. जिन लोगों ने कमलेश की हत्या की वह उनकी जान पहचान के बताए जाते हैं. वारदात से पहले उन लोगों ने उसके साथ करीब आधा घंटा गुजारा था.

सिंह ने बताया कि कमलेश को पिछले कई महीनों से सुरक्षा उपलब्ध कराई जा रही थी. घटना के समय एक सुरक्षाकर्मी कमलेश के घर के नीचे तैनात था जिसने हत्यारों को रोका और कमलेश से पूछ कर ही उन्हें घर के अंदर जाने दिया. हो सकता है कि हत्यारों ने छद्म नामों का इस्तेमाल किया हो.

उन्होंने बताया कि पुलिस को सीसीटीवी फुटेज तथा अन्य सबूतों के आधार पर कुछ अहम सुराग मिले हैं. पुलिस को कुछ कॉल डिटेल्स भी पता चले हैं. मामले की पड़ताल के लिए पुलिस की कई टीमें बनाई गई हैं. साथ ही स्पेशल टास्क फोर्स की भी मदद ली जा रही है.

सिंह ने कहा कि वारदात के बाद नाका हिंडोला इलाके में कानून व्यवस्था की कुछ समस्या हुई थी लेकिन अब स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. अगले 48 घंटों के दौरान हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह वारदात व्यक्तिगत रंजिश का मामला लगता है.

नाका हिंडोला के थाना अध्यक्ष सुजीत कुमार दुबे ने बताया कि वारदात के बाद स्थानीय लोगों में नाराजगी दिखाई दी मगर कानून व्यवस्था खराब होने की नौबत नहीं आई.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के घनी आबादी वाले नाका हिंडोला इलाके में शुक्रवार को हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी. उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले में तीन आरोपियों की पहचान की जा चुकी है. तीनों को गुजरात के सूरत से गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि पुलिस घटनास्थल पर मिले मिठाई के डिब्बे से मिले सबूत के बाद हत्या के आरोपियों तक पहुंचने में सफल रही.

कमलेश तिवारी के बेटे सत्यम तिवारी का कहना है कि उन्हें यूपी प्रशासन पर भरोसा नहीं है और मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी से कराई जानी चाहिए.
सत्यम ने कहा, 'हम चाहते हैं कि इस मामले की जांच एनआईए करे. हम किसी पर भरोसा नहीं कर सकते हैं. सिक्यॉरिटी गार्ड्स की मौजूदगी के बावजूद मेरे पिता की हत्या कर दी गई और ऐसे में हम कैसे प्रशासन पर भरोसा कर सकते हैं. दूसरी तरफ तीन आरोपियों को गुजरात एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है.

वीडियो

मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने कहा कि कमलेश तिवारी के परिवार वालों की मांगों को मान लिया है. उन्होंने बताया कि कमलेश के परिवार को सुरक्षा दी जाएगी. उनके बेटे को लाइसेंसी हथियार की सुविधा दी जाएगी.

कमलेश तिवारी के परिवार के लोगों से बातचीत

पुलिस के मुताबिक पीड़ित परिवार को सरकारी घर, मृतक के बड़े बेटे को लाइसेंसी हथियार दिया जाएगा और नौकरी भी दी जाएगी. पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दी जाएगी और हत्याकांड की जांच कमेटी द्वारा कराई जाएगी.

कमलेश तिवारी की पत्नी किरण ने आत्मदाह की चेतावनी दी

इस मामले में गुजरात एटीएस के डीआईजी हिमांशु शुक्ला ने बताया कि कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है.

मीडिया को जानकारी देते यूपी डीजीपी ओपी सिंह

गुजरात एटीएस ने सूरत से तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया था. उनसे पूछताछ की जा रही है. बता दें कि कमलेश तिवारी मर्डर के बाद घटनास्थल से एक मिठाई का डिब्बा मिला था, जिस पर सूरत की एक दुकान का नाम छपा था.

तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर ले जाती गुजरात एटीएस

यूपी के डीजीपी बताया कि सूरत निवासी मौलाना मोहसिन शेख सलीम, फैजान और रशीद पठान को गिरफ्तार किया गया है. मोहसिन शेख साड़ी की दुकान, फैजान जूते की दुकान और रशीद एक कम्प्यूटर एक्सपर्ट है, साथ ही वह दर्जी का काम भी करता है.

उन्होंने आगे बताया कि तीनों आरोपी कमलेश तिवारी के 2015 में समुदाय विशेष को लेकर दिए गए बयान से नाराज थे. इसी के चलते उन्होंने हत्या की साजिश रची थी. डीजीपी ने बताया कि रशीद पठान ने हत्या की साजिश रची थी.

उन्होंने बताया कि कमलेश तिवारी के परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में बिजनौर निवासी अनवरूल हक और नईम काजमी के नाम हैं और उन्हें भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.

इसके अतिरिक्त एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें तीन संदिग्धों को मिठाई के डिब्बे और हथियार वाली पॉलिथिन के साथ देखा जा सकता है. तीन संदिग्धों में दो युवक और एक महिला है.

इससे पहले का अपडेट

कमलेश तिवारी की पत्नी का कहना है जब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नहीं आएंगे तब तक अंतिम संस्कार नहीं होगा. कमलेश की पत्नी ने आत्मदाह करने की धमकी दी है.

अपर पुलिस अधीक्षक (पश्चिमी) विकास त्रिपाठी ने बताया कि कमलेश तिवारी नाका हिंडोला कि खुर्शेदबाग स्थित अपने घर में खून से लथपथ पाए गए. उन्होंने बताया कि दो लोग उनसे मिलने आए थे. इस दौरान कमलेश ने अपने एक साथी को उन दोनों के लिए पान लाने भेजा था, जब वह लौटकर आया तो उसने कमलेश को खून से लथपथ हालत में पाया. कमलेश पूर्व में हिंदू महासभा से भी जुड़े रह चुके थे.

पुलिस ने आशंका जताई है कि एक समुदाय विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद तिवारी संभवत: आईएसआईएस की हिट लिस्ट में शामिल रहे होंगे. सूत्रों के अनुसार, गुजरात पुलिस के द्वारा 2017 में गिरफ्तार हुए दो संदिग्ध ओबेद मिर्जा और कासिम ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया था कि तिवारी उनकी हिट लिस्ट में थे.

पुलिस ने कहा है कि ऐसा लग रहा है कि हमलावारों की मृतक से जान पहचान थी. एक अधिकारी ने कहा, 'सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि तिवारी के साथ हमलावरों ने 23 मिनट बिताए और चाय पी. इसके बाद उन्होंने तिवारी को गोली मारी और फिर गला काटा. वह यह सुनिश्चत करने के बाद ही गए कि तिवारी मर चुके हैं.'

कमलेश की पत्नी किरण की तहरीर पर इस मामले में मुफ्ती नईम काजमी और अनवारुल हक तथा एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. किरण का आरोप है कि काजमी और हक ने वर्ष 2016 में कमलेश का सिर कलम करने पर क्रमशः 51 लाख और डेढ़ करोड़ रुपए का इनाम घोषित किया था. इन्हीं लोगों ने साजिश कर उनके पति की हत्या कराई है.

वर्ष 2015 में अपने मध्य चालीसवें वर्ष में रहे कमलेश उस वक्त चर्चा में आए, जब उन्होंने एक समुदाय विशेष पर अत्यधिक विवादास्पद टिप्पणी की थी. इस पर काफी विवाद हुआ और पूरे देश में इसको लेकर समुदाय विशेष के लोगों ने प्रदर्शन किया था. उन्होंने सोशल मीडिया पर भड़काऊ टिप्पणियां भी पोस्ट की थीं. तिवारी अखिल भारतीय हिंदू महासभा के स्वयंभू अध्यक्ष थे और उनके इस दावे का कई बार महासभा ने विरोध किया था.

हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की गोली मारकर हत्या

आखिरकार 2017 में तिवारी ने हिंदू समाज पार्टी बनाई और हिंदू कट्टरपंथी के रूप में उभरने के लिए कई प्रयास किए. इसी क्रम में तिवारी ने सीतापुर में अपनी पैतृक जमीन पर नाथूराम गोडसे का मंदिर बनाने का ऐलान किया था. लेकिन वह कभी शुरू नहीं हो सका. तिवारी ने 2012 में भी चुनावी राजनीति में उतरने का असफल प्रयास किया था। वह लखनऊ से विधानसभा चुनाव लड़े थे और हार गए थे.

कमलेश की हत्या के मामले में राज्य सरकार ने देर रात लखनऊ के पुलिस महानिरीक्षक एस के भगत की अगुवाई में तीन सदस्यीय विशेष जांच टीम गठित कर दी. लखनऊ के पुलिस अधीक्षक (अपराध) दिनेश पुरी और एसटीएफ के क्षेत्राधिकारी पीके मिश्र इस टीम के अन्य सदस्य होंगे.

इस बीच, सोशल मीडिया पर तथाकथित संगठन अलहिंद ब्रिगेड के नाम से एक फोटो संदेश वायरल हुआ जिसमें इस हत्या की जिम्मेदारी ली गई. हालांकि इसकी सत्यता की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है.

कमलेश के कुछ साथियों ने इस मामले में आतंकवादी संगठन आईएसआईएस का हाथ होने की आशंका भी जताई. इस बारे में पूछे जाने पर अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) पीवी राम शास्त्री ने बताया कि पुलिस हर कोण से मामले की जांच कर रही है और अभी किसी निष्कर्ष पर पहुंच जाना जल्दबाजी होगी.

इस बीच, पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि यह विशुद्ध आपराधिक घटना है और पुलिस इसकी जांच कर रही है. जिन लोगों ने कमलेश की हत्या की वह उनकी जान पहचान के बताए जाते हैं. वारदात से पहले उन लोगों ने उसके साथ करीब आधा घंटा गुजारा था.

सिंह ने बताया कि कमलेश को पिछले कई महीनों से सुरक्षा उपलब्ध कराई जा रही थी. घटना के समय एक सुरक्षाकर्मी कमलेश के घर के नीचे तैनात था जिसने हत्यारों को रोका और कमलेश से पूछ कर ही उन्हें घर के अंदर जाने दिया. हो सकता है कि हत्यारों ने छद्म नामों का इस्तेमाल किया हो.

उन्होंने बताया कि पुलिस को सीसीटीवी फुटेज तथा अन्य सबूतों के आधार पर कुछ अहम सुराग मिले हैं. पुलिस को कुछ कॉल डिटेल्स भी पता चले हैं. मामले की पड़ताल के लिए पुलिस की कई टीमें बनाई गई हैं. साथ ही स्पेशल टास्क फोर्स की भी मदद ली जा रही है.

सिंह ने कहा कि वारदात के बाद नाका हिंडोला इलाके में कानून व्यवस्था की कुछ समस्या हुई थी लेकिन अब स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. अगले 48 घंटों के दौरान हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह वारदात व्यक्तिगत रंजिश का मामला लगता है.

नाका हिंडोला के थाना अध्यक्ष सुजीत कुमार दुबे ने बताया कि वारदात के बाद स्थानीय लोगों में नाराजगी दिखाई दी मगर कानून व्यवस्था खराब होने की नौबत नहीं आई.

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Last Updated : Oct 19, 2019, 9:11 PM IST
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