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नई दिल्ली में अगले माह ग्लोबल बायो-इंडिया सम्मेलन : डॉ. हर्षवर्धन

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की अध्यक्षता में गुरुवार को दिल्ली में अगले माह प्रस्तावित ग्लोबल बायो इंडिया सम्मेलन की तैयारी बैठक हुई. यह सम्मेलन 21 से 23 नवम्बर तक आयोजित किया जाना है, जिसमें दुनियाभर के 3500 प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है. पढ़ें पूरी खबर....

ग्लोबल बायो-इंडिया शिखर सम्मेलन का पूर्वालोकन
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Published : Oct 24, 2019, 6:15 PM IST

Updated : Oct 24, 2019, 7:47 PM IST

नई दिल्ली : जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय और भारत सरकार अपने सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (BIRAC) के साथ मिल कर 21-23 नवम्बर तक नई दिल्ली में ग्लोबल बायो इंडिया का आयोजन करने जा रही है. ग्लोबल बायो इंडिया के आयोजन के सिलसिले में गुरुवार को यहां एक पूर्वालोकन कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने की

जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र को 2024 तक भारत के पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था लक्ष्य में अहम योगदान देने वाला माना जा रहा है. भारत सरकार की नीतिगत पहल जैसे 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रमों का उद्देश्य भारत को विश्व स्तरीय जैव प्रौद्योगिकी नवाचार और जैव विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित करना है.

ग्लोबल बायो इंडिया समिट की तैयारी बैठक.

बता दें, जैव प्रौद्योगिकी में 2018-19 के दौैरान भारत दुनिया में 51 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कीमत के साथ शीर्ष 12 देशों में शामिल है.

पढ़ें - अनिल विज हो सकते हैं हरियाणा के अगले मुख्यमंत्री : सूत्र

इस क्षेत्र के महत्व को पहचानते हुए ग्लोबल बायो इंडिया का काम जैव कृषि, जैव-उद्योग, जैव-उत्पादन और जैव-सेवा के क्षेत्र में अवसरों और प्रमुख चुनौतियों पर विचार-विमर्श करन होगा.

ग्लोबल बायो इंडिया के दौरान जैव भागीदारी, नीति संवाद, गोलमेज चर्चाएँ, वैश्विक नियम सम्मेलन, निवेशक सम्मेलन, देशों, मंत्रालयों, विभागों, राज्यों, स्टार्टअप्स और अन्य के प्रदर्शनी मंडप जैसे कार्यक्रम शामिल होंगे.

डॉ. हर्षवर्धन ने बाद में मीडिया से बातचीत में कहा कि भारतीय जैव प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र को अंतरराष्ट्रीय पारिस्थितिकी तंत्र से जोड़ने के लिए ग्लोबल इंडिया कार्यक्रम में विक्षिन्न देशों से 3500 प्रतिनिधियों के आने की उम्मीद है.

वैज्ञानिक अनुसंधान और इसके व्यावसायीकरण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दिखाने के लिए यह आयोजन एक अच्छा अवसर है. साथ ही इस दौरान नई साझेदारी और निवेश के अवसरों को बनाने में भारत को बहुत मदद मिलेगी.

इस कार्यक्रम से केंद्र और राज्य स्तर पर स्वदेशी अनुसंधान और विकास क्षमताओं के निवेश के मजबूत होने की उम्मीद है. वहीं देश के अंतिम हिस्सों तक नवीन किफायती उत्पादों और प्रौद्योगिकियों को पहुंचाना भी है.

इस अवसर पर 'भारत में नैनोफार्मिक दवाओं के मूल्यांकन के लिए दिशानिर्देश' भी जारी किये गये.

नई दिल्ली : जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय और भारत सरकार अपने सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (BIRAC) के साथ मिल कर 21-23 नवम्बर तक नई दिल्ली में ग्लोबल बायो इंडिया का आयोजन करने जा रही है. ग्लोबल बायो इंडिया के आयोजन के सिलसिले में गुरुवार को यहां एक पूर्वालोकन कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने की

जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र को 2024 तक भारत के पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था लक्ष्य में अहम योगदान देने वाला माना जा रहा है. भारत सरकार की नीतिगत पहल जैसे 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रमों का उद्देश्य भारत को विश्व स्तरीय जैव प्रौद्योगिकी नवाचार और जैव विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित करना है.

ग्लोबल बायो इंडिया समिट की तैयारी बैठक.

बता दें, जैव प्रौद्योगिकी में 2018-19 के दौैरान भारत दुनिया में 51 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कीमत के साथ शीर्ष 12 देशों में शामिल है.

पढ़ें - अनिल विज हो सकते हैं हरियाणा के अगले मुख्यमंत्री : सूत्र

इस क्षेत्र के महत्व को पहचानते हुए ग्लोबल बायो इंडिया का काम जैव कृषि, जैव-उद्योग, जैव-उत्पादन और जैव-सेवा के क्षेत्र में अवसरों और प्रमुख चुनौतियों पर विचार-विमर्श करन होगा.

ग्लोबल बायो इंडिया के दौरान जैव भागीदारी, नीति संवाद, गोलमेज चर्चाएँ, वैश्विक नियम सम्मेलन, निवेशक सम्मेलन, देशों, मंत्रालयों, विभागों, राज्यों, स्टार्टअप्स और अन्य के प्रदर्शनी मंडप जैसे कार्यक्रम शामिल होंगे.

डॉ. हर्षवर्धन ने बाद में मीडिया से बातचीत में कहा कि भारतीय जैव प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र को अंतरराष्ट्रीय पारिस्थितिकी तंत्र से जोड़ने के लिए ग्लोबल इंडिया कार्यक्रम में विक्षिन्न देशों से 3500 प्रतिनिधियों के आने की उम्मीद है.

वैज्ञानिक अनुसंधान और इसके व्यावसायीकरण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दिखाने के लिए यह आयोजन एक अच्छा अवसर है. साथ ही इस दौरान नई साझेदारी और निवेश के अवसरों को बनाने में भारत को बहुत मदद मिलेगी.

इस कार्यक्रम से केंद्र और राज्य स्तर पर स्वदेशी अनुसंधान और विकास क्षमताओं के निवेश के मजबूत होने की उम्मीद है. वहीं देश के अंतिम हिस्सों तक नवीन किफायती उत्पादों और प्रौद्योगिकियों को पहुंचाना भी है.

इस अवसर पर 'भारत में नैनोफार्मिक दवाओं के मूल्यांकन के लिए दिशानिर्देश' भी जारी किये गये.

Intro:Curtain raiser event for Global Bio India was organized by Department of Biotechnology in Delhi and presided by Union minister for Science and Technology Dr. Harsh Vardhan.




Body:The department of Bio Technology,Ministry of Science and Technology, Government of India along with its public sector undertaking biotechnology industry search assistant council (BIRAC) is organizing Global Bio India from 21-23 November at New Delhi.

Bio technology sector is recognized as one of the key drivers for contributing to india's economy target of five trillion by 2024. Policy initiatives of the Government of India such as 'Make in India' programmes are aimed to develop india as world class Biotechnology innovations and Bio manufacturing hub. India is among top 12 destinations for Bio technology in the world valued at USD 51 billion during 2018-19.
Recognizing the importance of the sector global bio india would deliberate on opportunities and key challenges in area of biopharma, bio agri,bio industry,bio energy and bio services sector.Global bio india would include events such as bio partnering,policy dialogues, round table discussions ,global regulations meet investors meet,exhibition pavilions including countries, ministries, departments, states, startups and others.

Talking to media Dr.Harshvardhan said that event is expected to draw about 3500 delegates from across the globe connecting indian biotechnology ecosystem with international ecosystem. Considering the government's commitment in scientific research, its translation and commercialization, this event would be huge opportunity to showcase india's strength and build new partnerships and investment opportunities.This event is expected to strengthen the indigenous research and development capabilities investment at centre and state level and integration of innovative affordable products and technologies for last mile delivery across India including tier 2-3 cities and rural areas.



Conclusion:On this occasion,'Guidelines for evaluation of Nanopharmaceuticals in India' was also launched.

log sheet
shots of event
byte: Dr. Harsh Vardhan
Union minister for Science and Technology, Earth sciences and Health and family welfare.
Last Updated : Oct 24, 2019, 7:47 PM IST
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