नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अर्थव्यवस्था में सुस्ती और क्षेत्रीय समग्र आर्थिक साझेदारी समझौते (आरसीईपी) को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला. सोनिया ने आरोप लगाया कि सरकार आरसीईपी के माध्यम से पहले ही बुरी स्थिति का सामना कर रही भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचाने की तैयारी में है.
पार्टी महासचिवों एवं प्रभारियों की बैठक में सोनिया ने यह आरोप भी लगाया कि अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति को स्वीकारने और इसे ठीक करने के कदम उठाने के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'सुर्खियां बटोरने एवं आयोजनों के प्रबंधन' में व्यस्त हैं.
जासूसी प्रकरण को लेकर उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियां न सिर्फ गैरकानूनी और असंवैधानिक हैं, बल्कि शर्मनाक भी हैं.
बैठक में सोनिया ने कहा, 'एक नागरिक और जिम्मेदार विपक्ष के सदस्य के तौर पर मुझे भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति देखकर दुख होता है. इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि सरकार इससे मानने को तैयार नहीं है. गंभीर मंदी को स्वीकारने और समग्र समाधान तलाशने के बजाय प्रधानमंत्री मोदी सुर्खियां बटोरने और आयोजनों में व्यस्त हैं.'
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री के इस रुख की लाखों भारतीय नागरिकों खासकर बेरोजगार युवाओं और किसानों को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है.
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बैठक में गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, अंबिका सोनी, मोती लाल वोरा समेत कई नेता शामिल हुए.
एशिया-प्रशांत के 16 देशों के साथ प्रस्तावित आरसीईपी समझौते का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, 'सरकार के कई निर्णयों से अर्थव्यस्था को कम नुकसान नहीं हुआ था कि अब वह आरसीईपी के माध्यम से बड़ा नुकसान पहुंचाने की तैयारी में है. इससे हमारे किसानों, दुकानदारों, छोटे एवं मझले इकाइयों पर गंभीर दुष्परिणाम होंगे.'