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महासमुंद रेलवे स्टेशन पर सुविधाओं की कमी, मरीज और दिव्यांग होते हैं परेशान

महासमुंद रेलवे स्टेशन में मरीजों और दिव्यांगों के लिए सुविधाएं नहीं होने के चलते उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

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Published : Jan 8, 2020, 4:52 PM IST

bad condition of mahasamund  railway station
महासमुंद रेलवे स्टेशन में सुविधाओं की कमी

महासमुंद : रेलवे बजट में मॉडल स्टेशन का दर्जा प्राप्त करने के बावजूद महासमुंद रेलवे स्टेशन में सुविधाओं का अभाव है. रेलवे स्टेशन में रैंप, कोच डिस्प्ले बोर्ड, दिव्यांग शौचालय आदि सुविधाओं के नहीं होने के कारण दिव्यांग और मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

महासमुंद रेलवे स्टेशन में सुविधाओं की कमी

दिव्यांग और मरीजों को ट्रेन से कहीं आने-जाने के लिए जहां 4-5 लोगों का सहारा लेना पड़ता है. तब कहीं जाकर वे ट्रेन से सफर कर पाते हैं या फिर ट्रेन के बजाय किसी और साधन से सफर करने को मजबूर हो जाते हैं, ऐसे यात्री सुविधाओं को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. वहीं रेलवे के आला अधिकारी रेलवे गाइड लाइन के हिसाब से सब ठीक होना बता रहे हैं.

लाखों लोग आज भी रेल सुविधा से वंचित
महासमुंद में रेलवे की शुरुआत 1931 में हुई 5 में से जिले के 2 ब्लॉक के लोग ही ट्रेनों का लाभ ले पाते हैं. वहीं सरायपाली के लाखों लोग आज भी रेल सुविधा से वंचित हैं.

इस पूरे मामले में मीडिया ने जब संबलपुर डिविजन के DRM से सवाल किया तो उनका कहना है कि जिस श्रेणी का स्टेशन है उसके हिसाब से सारी सुविधाएं शामिल हैं. अब देखना होगा कि महासमुंद के दिव्यांग, मरीजों और आम यात्रियों को रेलवे प्रशासन कब तक सारी सुविधा मुहैया करा पाता है.

महासमुंद : रेलवे बजट में मॉडल स्टेशन का दर्जा प्राप्त करने के बावजूद महासमुंद रेलवे स्टेशन में सुविधाओं का अभाव है. रेलवे स्टेशन में रैंप, कोच डिस्प्ले बोर्ड, दिव्यांग शौचालय आदि सुविधाओं के नहीं होने के कारण दिव्यांग और मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

महासमुंद रेलवे स्टेशन में सुविधाओं की कमी

दिव्यांग और मरीजों को ट्रेन से कहीं आने-जाने के लिए जहां 4-5 लोगों का सहारा लेना पड़ता है. तब कहीं जाकर वे ट्रेन से सफर कर पाते हैं या फिर ट्रेन के बजाय किसी और साधन से सफर करने को मजबूर हो जाते हैं, ऐसे यात्री सुविधाओं को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. वहीं रेलवे के आला अधिकारी रेलवे गाइड लाइन के हिसाब से सब ठीक होना बता रहे हैं.

लाखों लोग आज भी रेल सुविधा से वंचित
महासमुंद में रेलवे की शुरुआत 1931 में हुई 5 में से जिले के 2 ब्लॉक के लोग ही ट्रेनों का लाभ ले पाते हैं. वहीं सरायपाली के लाखों लोग आज भी रेल सुविधा से वंचित हैं.

इस पूरे मामले में मीडिया ने जब संबलपुर डिविजन के DRM से सवाल किया तो उनका कहना है कि जिस श्रेणी का स्टेशन है उसके हिसाब से सारी सुविधाएं शामिल हैं. अब देखना होगा कि महासमुंद के दिव्यांग, मरीजों और आम यात्रियों को रेलवे प्रशासन कब तक सारी सुविधा मुहैया करा पाता है.

Intro:एंकर- रेलवे बजट में मॉडल स्टेशन का दर्जा प्राप्त करने के बावजूद महासमुंद रेलवे स्टेशन पर सुविधाओं का अभाव है रेलवे स्टेशन में रैप, कोच डिस्प्ले बोर्ड, दिव्यांग शौचालय आदि सुविधा नहीं होने के कारण दिव्यांग व मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है दिव्यांग व मरीजों को ट्रेन से कहीं आने जाने के लिए जहां चार पांच लोगों का सहारा लेना पड़ता है तब कहीं जाकर यह लोग ट्रेन का सफर करते हैं या फिर ट्रेन के बजाय किसी और साधन से सफर करने को मजबूर है जहां ऐसे यात्री सुविधाओं को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं वहीं रेलवे के आला अधिकारी आल इस वेल मानते हुए रेलवे गाइड लाइन के हिसाब से सब ठीक होना बता रहे हैं।







Body:वी ओ 1- महासमुंद जिले में रेलवे की शुरुआत 1931 में हुई 5 जिले में जिले के 2 ब्लॉक के लोग ही ट्रेनों का लाभ ले पाते हैं थोड़ा बसने सरायपाली के लाखों लोग आज भी रेल सुविधाओं से वंचित है रेलवे स्टेशन में आता है यहां से प्रतिदिन 13 जोड़ी पैसेंजर ट्रेन जाती है यात्रा करते हैं और रेल बजट में शामिल होने के बावजूद दिव्यांगों को एक प्लेटफार्म से दूसरे के लिए नहीं है दिव्यांग शौचालय नहीं है कौन सा कोच कहां खड़ा होगा इसके लिए कोर्ट डिस्प्ले बोर्ड नहीं है आने पर कभी नैनों में पानी आता है तो कभी नहीं आता है ट्रेनों का स्टॉपेज मात्र 2 मिनट के कारण यात्रियों को काफी परेशानी होती है एक दिव्यांग रायपुर से जाने के लिए सुविधाओं का अभाव होने के कारण वापस चले गए दिव्यांग से मीडिया ने जब सवाल किया तो दिव्यांग ने क्या जवाब दिया आपको सुनाते हैं।


Conclusion: वीओ 2- इस पूरे मामले में मीडिया ने जब संबलपुर डिविजन के डीआरएम से सवाल किया तो उनका कहना है कि जिस श्रेणी का स्टेशन है उसके हिसाब से सारी वस्तु है जो भी सुविधाएं मिलती है
गौरतलब है कि महासमुंद के दिव्यांगों मरीजों व आम यात्रियों को रेलवे प्रशासन कब तक सारी सुविधा मुहैया करा पाती है यह एक बड़ा सवाल है।

बाइट 1 - सविता निषाद दिव्यांग पहचान सफेद काला में लाइनिंग वाला टीशर्ट और चश्मा लगाई हुई।

बाइट 2 - प्रदीप कुमार डी आर एम संबलपुर डिविजन पहचान चश्मा लगाया हुआ और प्लेन शर्ट।

हकीमुद्दीन नासिर रिपोर्टर महासमुंद
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