बेगूसरायः सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में कार्यरत श्रमिकों की सैलरी से भले ही कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के लिए पैसे कटते हों, लेकिन जरूरत पड़ने पर समय पर वो इलाज भी करवा लेंगे, इसकी कोई गारंटी नहीं है. जिले के कई अस्पतालों ने विभाग से रार की वजह से इलाज करने से मना कर दिया है.
'समय पर नहीं होता भुगतान'
जिले के ग्लोकल अस्पताल, अलेक्सिया हॉस्पिटल, बीएम अस्पताल, बीना नर्सिंग होम, बोन एंड ज्वाइंट क्लीनिक ईएसआईसी से अनुबंधित अस्पताल हैं, लेकिन इनमें से कुछ अस्पतालों ने अब विभाग के साथ अनुबंध विस्तार से मना कर दिया है. उनका कहना है कि पिछले तीन सालों में जो इलाज किए गए हैं, उसका पैसा अभी तक विभाग के पास बकाया है. विभाग समय पर पैसों का भुगतान नहीं करता है. ग्लोकल हॉस्पिटल के संचालक डॉ. नीरज कुमार ने कहा कि 8 दिसंबर तक हमारा अनुबंध था. तब तक हम लोगों ने इलाज किया है. पिछले 3 सालों का एक करोड़ से ज्यादा का भुगतान अभी बकाया है. हमने उनके साथ आगे अनुबंध बढ़ाने से मना कर दिया है.
'अब फर्जी भुगतान संभव नहीं'
कर्मचारी राज्य बीमा निगम जिला इकाई के आईएमओ डॉ मुकेश कुमार ने कहा कि कार्यों में गुणवत्ता और भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था के लिए विभाग ने ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की है. जिसमें किसी भी स्थिति में फर्जी तरीके से बिलों के भुगतान को रोकने के लिए काम किया जा रहा है.
क्या है ईएसआईसी?
दरअसल, कर्मचारी राज्य बीमा निगम के तहत वैसे श्रमिक आते हैं, जिनकी आमदनी कम होती है. इसका लाभ सरकारी और गैर सरकारी दोनों ही तरह के संस्थाओं में काम करने वाले कर्मचारी ले सकते हैं. इसके लिए उनके वेतन से प्रतिमाह कुछ राशि काटी जाती है. कर्मचारी या उनके आश्रित बीमार पड़ने पर इसका लाभ ले सकते हैं. बीमा के तहत लाभार्थी विभाग से अनुबंधित अस्पताल में इलाज करा सकते हैं, इसके लिए उन्हें कोई शुल्क नहीं देना होता है.