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अस्पतालों ने ESIC के साथ अनुबंध विस्तार से किया मना, कहा- नहीं होता पैसों का भुगतान - ESIC and hospitals dispute

कर्मचारी राज्य बीमा निगम के तहत वैसे श्रमिक आते हैं, जिनकी आमदनी कम होती है. इसका लाभ सरकारी और गैर सरकारी दोनों ही तरह के संस्थाओं में काम करने वाले कर्मचारी ले सकते हैं. इसके लिए उनके वेतन से प्रतिमाह कुछ राशि काटी जाती है.

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Published : Dec 26, 2019, 9:32 AM IST

बेगूसरायः सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में कार्यरत श्रमिकों की सैलरी से भले ही कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के लिए पैसे कटते हों, लेकिन जरूरत पड़ने पर समय पर वो इलाज भी करवा लेंगे, इसकी कोई गारंटी नहीं है. जिले के कई अस्पतालों ने विभाग से रार की वजह से इलाज करने से मना कर दिया है.

'समय पर नहीं होता भुगतान'
जिले के ग्लोकल अस्पताल, अलेक्सिया हॉस्पिटल, बीएम अस्पताल, बीना नर्सिंग होम, बोन एंड ज्वाइंट क्लीनिक ईएसआईसी से अनुबंधित अस्पताल हैं, लेकिन इनमें से कुछ अस्पतालों ने अब विभाग के साथ अनुबंध विस्तार से मना कर दिया है. उनका कहना है कि पिछले तीन सालों में जो इलाज किए गए हैं, उसका पैसा अभी तक विभाग के पास बकाया है. विभाग समय पर पैसों का भुगतान नहीं करता है. ग्लोकल हॉस्पिटल के संचालक डॉ. नीरज कुमार ने कहा कि 8 दिसंबर तक हमारा अनुबंध था. तब तक हम लोगों ने इलाज किया है. पिछले 3 सालों का एक करोड़ से ज्यादा का भुगतान अभी बकाया है. हमने उनके साथ आगे अनुबंध बढ़ाने से मना कर दिया है.

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डॉ. नीरज कुमार, संचालक, ग्लोकल हॉस्पिटल

'अब फर्जी भुगतान संभव नहीं'
कर्मचारी राज्य बीमा निगम जिला इकाई के आईएमओ डॉ मुकेश कुमार ने कहा कि कार्यों में गुणवत्ता और भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था के लिए विभाग ने ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की है. जिसमें किसी भी स्थिति में फर्जी तरीके से बिलों के भुगतान को रोकने के लिए काम किया जा रहा है.

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डॉ मुकेश कुमार, आईएमओ, ईएसआईसी जिला इकाई
डॉ. मुकेश ने कहा कि इस नई व्यवस्था के बहाल होने के बाद कुछ अस्पताल असहज महसूस कर रहे हैं. इन अस्पतालों को छोड़कर सभी अस्पतालों में इलाज चल रहा है. उन्होंने कहा कि अलेक्सिया, बी एम हॉस्पिटल और वीना नर्सिंग होम में ईएसआईसी के तहत इलाज जारी है. लाभार्थी इन अस्पतालों से बीमा का लाभ ले सकते हैं.
पेश है खास रिपोर्ट

क्या है ईएसआईसी?
दरअसल, कर्मचारी राज्य बीमा निगम के तहत वैसे श्रमिक आते हैं, जिनकी आमदनी कम होती है. इसका लाभ सरकारी और गैर सरकारी दोनों ही तरह के संस्थाओं में काम करने वाले कर्मचारी ले सकते हैं. इसके लिए उनके वेतन से प्रतिमाह कुछ राशि काटी जाती है. कर्मचारी या उनके आश्रित बीमार पड़ने पर इसका लाभ ले सकते हैं. बीमा के तहत लाभार्थी विभाग से अनुबंधित अस्पताल में इलाज करा सकते हैं, इसके लिए उन्हें कोई शुल्क नहीं देना होता है.

बेगूसरायः सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में कार्यरत श्रमिकों की सैलरी से भले ही कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के लिए पैसे कटते हों, लेकिन जरूरत पड़ने पर समय पर वो इलाज भी करवा लेंगे, इसकी कोई गारंटी नहीं है. जिले के कई अस्पतालों ने विभाग से रार की वजह से इलाज करने से मना कर दिया है.

'समय पर नहीं होता भुगतान'
जिले के ग्लोकल अस्पताल, अलेक्सिया हॉस्पिटल, बीएम अस्पताल, बीना नर्सिंग होम, बोन एंड ज्वाइंट क्लीनिक ईएसआईसी से अनुबंधित अस्पताल हैं, लेकिन इनमें से कुछ अस्पतालों ने अब विभाग के साथ अनुबंध विस्तार से मना कर दिया है. उनका कहना है कि पिछले तीन सालों में जो इलाज किए गए हैं, उसका पैसा अभी तक विभाग के पास बकाया है. विभाग समय पर पैसों का भुगतान नहीं करता है. ग्लोकल हॉस्पिटल के संचालक डॉ. नीरज कुमार ने कहा कि 8 दिसंबर तक हमारा अनुबंध था. तब तक हम लोगों ने इलाज किया है. पिछले 3 सालों का एक करोड़ से ज्यादा का भुगतान अभी बकाया है. हमने उनके साथ आगे अनुबंध बढ़ाने से मना कर दिया है.

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डॉ. नीरज कुमार, संचालक, ग्लोकल हॉस्पिटल

'अब फर्जी भुगतान संभव नहीं'
कर्मचारी राज्य बीमा निगम जिला इकाई के आईएमओ डॉ मुकेश कुमार ने कहा कि कार्यों में गुणवत्ता और भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था के लिए विभाग ने ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की है. जिसमें किसी भी स्थिति में फर्जी तरीके से बिलों के भुगतान को रोकने के लिए काम किया जा रहा है.

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डॉ मुकेश कुमार, आईएमओ, ईएसआईसी जिला इकाई
डॉ. मुकेश ने कहा कि इस नई व्यवस्था के बहाल होने के बाद कुछ अस्पताल असहज महसूस कर रहे हैं. इन अस्पतालों को छोड़कर सभी अस्पतालों में इलाज चल रहा है. उन्होंने कहा कि अलेक्सिया, बी एम हॉस्पिटल और वीना नर्सिंग होम में ईएसआईसी के तहत इलाज जारी है. लाभार्थी इन अस्पतालों से बीमा का लाभ ले सकते हैं.
पेश है खास रिपोर्ट

क्या है ईएसआईसी?
दरअसल, कर्मचारी राज्य बीमा निगम के तहत वैसे श्रमिक आते हैं, जिनकी आमदनी कम होती है. इसका लाभ सरकारी और गैर सरकारी दोनों ही तरह के संस्थाओं में काम करने वाले कर्मचारी ले सकते हैं. इसके लिए उनके वेतन से प्रतिमाह कुछ राशि काटी जाती है. कर्मचारी या उनके आश्रित बीमार पड़ने पर इसका लाभ ले सकते हैं. बीमा के तहत लाभार्थी विभाग से अनुबंधित अस्पताल में इलाज करा सकते हैं, इसके लिए उन्हें कोई शुल्क नहीं देना होता है.

Intro:एंकर- सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में कार्यरत श्रमिकों के सैलरी से भले ही कर्मचारी राज्य बीमा निगम के लिए पैसे काट लिए जाते हो लेकिन उसका लाभ श्रमिकों को देने के लिए बेगूसराय के कई अस्पताल तैयार नहीं हैं। कर्मचारी राज्य बीमा निगम बेगूसराय और कुछ अस्पतालों के बीच के विवाद के कारण लोग इसका फायदा नहीं उठा पा रहे हैं क्या मामला।
एक रिपोर्ट


Body:vo- "कर्मचारी राज्य बीमा निगम" इसके तहत वैसे श्रमिक आते हैं जो कम वेतन धारी लोग होते हैं। इसके तहत सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में कार्यरत श्रमिकों की सैलरी से बीमा करने के लिए हर महीने छोटी सी राशि काटी जाती है। इसका फायदा लाभार्थी को तब मिलता है जब वह स्वयं या उनके आश्रित बीमार होते हैं या किसी दुर्घटना का शिकार होते हैं ,ऐसे में कर्मचारी राज्य बीमा निगम और शहर के अस्पतालों के बीच के अनुबंध के आधार पर अस्पतालों को बीमित व्यक्ति या उनके आश्रित का मुफ्त में इलाज करना होता है, जिसके बदले सारा खर्च कर्मचारी राज्य बीमा निगम भुगतान करती है। बेगूसराय शहर में भी कई अस्पताल कर्मचारी राज्य बीमा निगम से अनुबंध के आधार पर संचालित हैं ।
जो प्रमुख अस्पताल शहर में अनुबंध के आधार पर संचालित हैं उसमें प्रमुख रूप से ग्लोकल अस्पताल, अलेक्सिया हॉस्पिटल, बीएम अस्पताल, बीना नर्सिंग होम, बोन एंड ज्वाइंट क्लीनिक प्रमुख हैं ।
इन अस्पतालों में ग्लोकल अस्पताल सहित दो अन्य अस्पतालों ने यह कह कर अपना अनुबंध विस्तारित नहीं किया है की कर्मचारी राज्य बीमा निगम के द्वारा उन्हें भुगतान नहीं किया जाता है। ग्लोकल अस्पताल जो शहर के प्रमुख अस्पतालों में एक है इस अस्पताल से ESIC से बीमित लाभार्थियों को काफी फायदा मिल रहा था । अस्पताल प्रबंधन के अनुसार बीते 2016 से 8 दिसंबर 2019 तक के अनुबंध के अनुरूप लोगों को स्वास्थ्य सुविधा दी गई लेकिन बीते 3 वित्तीय वर्षों में एक करोड़ से ज्यादा का बकाया कर्मचारी राज्य बीमा निगम के यहां होने के बावजूद भी ना भुगतान दिया जा रहा है ना मुकम्मल आश्वासन ऐसे में कोई भी अस्पताल अपने पैसे से लोगों का क्यों इलाज करें।
वाइट डॉक्टर नीरज कुमार संचालक ग्लोकल हॉस्पिटल बेगूसराय
vo- इस बाबत कर्मचारी राज्य बीमा निगम बेगूसराय के संचालक डॉ मुकेश कुमार बताते हैं की कार्यों में गुणवत्ता और भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था के लिए विभाग ने ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की है ,जिसमें किसी भी स्थिति में फर्जी तरीके से बिलों के भुगतान को रोकने के लिए काम किया जा रहा है ।
जब से ऑनलाइन की प्रक्रिया शुरू हुई है कुछ अस्पताल खास करके ग्लोकल अस्पताल और असहज महसूस कर रहे हैं कुछ अस्पतालों को छोड़कर सभी अस्पतालों में इलाज चल रहा है । डॉ मुकेश कुमार से जब यह सवाल पूछा गया कि जैसे ग्लोकल जैसे अस्पताल अगर इलाज के लिए मना करते हैं तो वैसे मैं बीमार आदमी क्या करें तो उन्होंने कहा शहर में अलेक्सिया ,
बी एम हॉस्पिटल और वीना नर्सिंग होम अभी भी ईएसआईसी से जुड़े मरीजों का इलाज कर रहे हैं। लोग बेफिक्र होकर वहां अपना इलाज करवा सकते हैं।
वाइट डॉक्टर मुकेश कुमार,IMO ग्रेड वन


Conclusion:fvo- बहरहाल जो भी हो इतना तय है कर्मचारी राज्य बीमा निगम बेगूसराय कार्यालय और ग्लोकल अस्पताल सहित कुछ अन्य अस्पतालों के बीच के विवाद के कारण वैसे लोग काफी असमंजस की स्थिति में हैं, जिनके सैलरी से स्वास्थ्य बीमा के नाम पर पैसे तो कट रहे हैं लेकिन उन्हें इलाज नहीं मिल पा रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि संबंधित अधिकारी कब इस मामले में हस्तक्षेप करते हैं और कब सुचारू रूप से लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ निशुल्क रूप से मिल पाएगा।
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