साख की लड़ाई! रोहिणी के सहारे छपरा के 'आचार्य' बनना चाहते हैं लालू, रूडी और लालू दोनों को यहीं से मिली थी सदन में Entry - Saran Lok Sabha Seat
Published : May 4, 2024, 6:35 AM IST
पटना : सारण लोकसभा सीट का चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है. ये सीट कई मायनों में खास है. यहां से लालू यादव चार बार सासद बने हैं, तो अभी के भाजपा उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी भी चार बार सांसद रह चुके हैं. पांचवी बार के लिए नॉमिनेशन कर चुके हैं. लालू यादव सारण को अपना गढ़ मानते हैं. वैसे ये सच है कि 2009 के बाद लालू यादव लगातार कोशिश करते रहे लेकिन इस सीट पर अपने किसी भी परिवार के लोगों को जीता नहीं पाए. यहां से वो अपनी पत्नी राबड़ी देवी और समधी चंद्रिका राय को उतार चुके हैं लेकिन सफल नहीं हो पाए. एक और खास बात ये है कि लालू यादव को सारण ने ही सबसे पहले 28 साल की उम्र में सांसद बनाया था. हालांकि रूडी भी छपरा के अमनौर से 25 साल की उम्र में विधायक बन चुके थे.
लालू के लिए साख की लड़ाई : अब बात छपरा सीट इतनी दिलचस्प क्यों हो गई है. दरअसल, लालू यादव ने इस सीट पर अपनी दूसरी बेटी रोहणी आचार्य को चुनाव में उतारा है. रोहणी आचार्य बड़े ही शिद्दत के साथ चुनाव प्रचार कर रही हैं. लालू यादव ने रोहिणी को चुनाव जीताने के लिए अपना पूरा दम लगाया हुआ है. यहां तक अस्वस्थ होने के बावजूद लालू यादव छपरा में कैंप कर रहे हैं. लालू यादव के लिए छपरा सीट साख की लड़ाई मानी जा रही है. भाजपा इसे लालू यादव का इमोशनल कार्ड बता रही है.
एक्सपर्ट का क्या मानना है? : भाजपा के प्रवकता कहते हैं कि रोहिणी आचार्य सिंगापुर में रहती थी, लालू यादव ने पैरासूट से लैंडिंग इसलिए कराई है क्योंकि रोहिणी ने लालू यादव को अपनी किडनी दी थी. उधर, राजद के प्रवक्ता स्वाभाविक मान रहे हैं. वो कहते हैं कि रोहणी आचार्य की जीत पक्की है, क्योंकि वर्तमान सांसद राजीव प्रताप रूडी ने काम नहीं किया है, जबकि लालू यादव ने रेल चक्का फैक्ट्री तक सारण में लगवाया है. वहीं, वरिष्ठ पत्रकार कहते हैं कि चुनाव में जीत हार तो होती ही है. बल्कि सबसे बड़ी बात है कि लालू यादव और रूडी दोनों चार-चार बार सांसद रह चुके है. दोनों ने एक दूसरे को हराया है. सारण की जनता इन दोनों से सवाल पुछेगी कि उन्होंने सारण के विकास के लिए क्या किया है.