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यूपी के लड़के : कन्नौज में अखिलेश यादव के लिए प्रचार करेंगे राहुल गांधी - lok sabha election 2024

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By Amit Agnihotri

Published : May 4, 2024, 4:50 PM IST

Rahul and Akhilesh
राहुल गांधी, अखिलेश यादव (ANI PHOTO)

Rahul to campaign for Akhilesh : 'यूपी के लड़के' एक बार फिर साथ नजर आएंगे. राहुल गांधी और अखिलेश यादव कन्नौज में साथ होंगे. यहां राहुल गांधी अखिलेश यादव के लिए प्रचार करेंगे.

नई दिल्ली : अमरोहा में 20 अप्रैल को संयुक्त I.N.D.I.A ब्लॉक की सफल रैली के बाद, 'यूपी के लड़के' राहुल गांधी और अखिलेश यादव अगले सप्ताह हाई प्रोफाइल कन्नौज संसदीय क्षेत्र में एक साथ नजर आएंगे.

एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, 'राहुल गांधी अगले हफ्ते कन्नौज में अखिलेश यादव के साथ एक संयुक्त रैली को संबोधित करने वाले हैं. दोनों नेताओं के लिए उपयुक्त तारीख पर काम किया जा रहा है. सार्वजनिक बैठक 10 या 11 मई को हो सकती है.' कन्नौज में 13 मई को मतदान होगा.

'यूपी के लड़के' या 'बॉयज ऑफ यूपी' 2017 के राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान लोकप्रिय नारा था जब कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने चुनाव पूर्व गठबंधन किया था. राहुल और यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश दोनों ने राज्य भर में एक साथ प्रचार किया था लेकिन समझौता जमीन पर काम नहीं आया.

कांग्रेस प्रबंधकों को उम्मीद है कि तब से राज्य की स्थिति काफी बदल गई है. 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल और अखिलेश के एक साथ आने से भाजपा और उसके सहयोगियों पर खासा असर पड़ेगा.

जबकि अमरोहा की संयुक्त रैली कांग्रेस के उम्मीदवार दानिश अली के समर्थन में थी, जो पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की बसपा से सबसे पुरानी पार्टी में चले गए हैं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव को अपने पारंपरिक इत्र उद्योग के लिए जाने जाने वाले कन्नौज में भाजपा के मौजूदा सांसद सुब्रत पाठक के खिलाफ खड़ा किया गया है.

कन्नौज मुकाबले में अखिलेश की एंट्री नाटकीय रही. शुरुआत में सपा प्रमुख ने इस सीट से अपने भतीजे तेज प्रताप यादव को नामित किया था, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री को तुरंत कदम उठाना पड़ा क्योंकि नाराज कार्यकर्ताओं ने शिकायत की कि 1998 से पार्टी के गढ़ में केवल अखिलेश यादव ही भाजपा को हरा सकते हैं.

सपा का गढ़ रही है कन्नौज सीट : अखिलेश यादव ने 2000 से 2012 तक लोकसभा में कन्नौज का प्रतिनिधित्व किया था, जब उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के लिए सीट खाली कर दी थी. उसी वर्ष उनकी पत्नी डिंपल यादव ने उपचुनाव और फिर 2014 के राष्ट्रीय चुनावों में सीट जीती. पिछले 2019 के राष्ट्रीय चुनावों में भाजपा के सुब्रत पाठक ने सपा की डिंपल यादव को 12,000 वोटों के मामूली अंतर से हराया था.

इससे पहले, अखिलेश के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत मुलायम सिंह यादव ने कन्नौज संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व किया था. अखिलेश यादव की तरह, राहुल गांधी भी यूपी की लड़ाई में शामिल हो गए हैं और अपनी मां राज्यसभा सदस्य सोनिया गांधी द्वारा खाली की गई हाई-प्रोफाइल रायबरेली सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. राहुल का मुकाबला बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह से है.

राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने ईटीवी भारत को बताया, 'रायबरेली में राहुल की उम्मीदवारी कांग्रेस की परंपरा के मुताबिक है. इस कदम से राज्य भर में कांग्रेस के अभियान को बढ़ावा मिलेगा.'

उन्होंने कहा कि 'I.N.D.I.A ब्लॉक का संयुक्त अभियान बहुत अच्छे से चल रहा है. अमरोहा की रैली काफी हिट रही और कन्नौज की रैली भी काफी हिट रहेगी.' गठबंधन के तहत कांग्रेस और सपा ने अमेठी सीट पर एक समन्वय बैठक की, जिसका राहुल ने 2004 से 2019 तक लोकसभा में प्रतिनिधित्व किया. इस बार गांधी परिवार के वफादार केएल शर्मा भाजपा की मौजूदा सांसद स्मृति ईरानी के खिलाफ अमेठी सीट से लड़ रहे हैं. अपनी ओर से सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस उम्मीदवारों का समर्थन करने का वादा किया है.

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