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बच्चों को वॉकर से जबरदस्ती चलाना पड़ सकता है भारी, जानिए एक्सपर्ट की राय - baby walker harmful for children

माता-पिता बच्चे को जल्द से जल्द चलता देखने के लिए उसके लिए वॉकर ले आते हैं. लेकिन, एक्सपर्ट का कहना है कि वॉकर का इस्तेमाल बच्चे के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है.

बच्चों को वॉकर से जबरदस्ती चलाना पड़ सकता है भारी
बच्चों को वॉकर से जबरदस्ती चलाना पड़ सकता है भारी (Etv Bharat REPORTER)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 15, 2024, 8:34 PM IST

बच्चों को वॉकर से जबरदस्ती चलाना पड़ सकता है भारी (ETV BHARAT REPORTER)

नई दिल्ली/गाजियाबाद: जन्म के बाद से ही मां-बाप बच्चों का विशेष ख्याल रखते हैं. टीकाकरण से लेकर तमाम प्रकार की स्वास्थ्य जांच कराई जाती हैं. बच्चों की हड्डियों को मजबूत रखने के लिए तेल मालिश की जाती है. वहीं, बच्चा जल्द पैरों पर खड़ा होकर चल सके इसके लिए वॉकर का सहारा लिया जाता है. अधिकतर मां-बाप मानते हैं कि बच्चे वॉकर में बैठकर जल्दी चलना सीखते हैं. हालांकि, एक्सपर्ट्स के मुताबिक वॉकर बच्चों के लिए ठीक नहीं है. वह बच्चों के लिए परेशानियों का कारण बन सकता है.

गाजियाबाद के संयुक्त अस्पताल में स्थित जिला अर्ली इंटरवेंशन सेंटर में पीडियाट्रिशियन के पद पर तैनात डॉ आम्रपाली सिन्हा बताती हैं कि वॉकर बच्चों को इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. वॉकर से बच्चों के गिरने की भी कई मामले लगातार सामने आते रहे हैं. जो बच्चे वॉकर इस्तेमाल करते हैं उनमें हड्डियों के टेढ़े होने का खतरा बना रहता है. आमतौर पर मां-बाप चाहते हैं कि बच्चा जल्दी से अपने पैरों पर चलने लगे इसके लिए वॉकर का इस्तेमाल करते हैं. 6-7 महीने के बच्चे को वॉकर में डाला जाता है.

डॉ आम्रपाली बताती हैं कि चलना बच्चों के लिए एक सामान्य प्रक्रिया है. जो बच्चे खुद ही सीखते हैं. 6 महीने का बच्चा बैठना सीखता है फिर 9 महीने में घुटनों पर चलना. इसके बाद सहारे से खड़ा होना भी आ जाता है. इसके बाद बच्चा चलना शुरू करता है. हालांकि, इस बीच मां-बाप हाथ पकड़ कर बच्चों को चलना सीखा सकते हैं. आमतौर पर देखा गया है कि जब बच्चे वॉकर पर चलना सीखते हैं. लेकिन, वॉकर के हटाने के बाद सामान्य रूप से चल पाना उनके लिए मुश्किल होता है. आमतौर पर बच्चे पंजों के ऊपर चलते हैं.

जिला अर्ली इंटरवेंशन सेंटर में फिजियोथेरेपिस्ट के पद पर तैनात मीनाक्षी सिंह बताती हैं कि वह बच्चों को वॉकर में बिठाकर चलाने की सलाह नहीं देती हैं, क्योंकि यह बच्चों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. कई ऐसे मामले केंद्र में सामने आ चुके हैं.

Case 1: हाल ही में एक मामला सामने आया था जिसमें मां-बाप ने बच्चों को वॉकर पर चलना सिखाया. 7 महीने होने पर मां-बाप ने बच्चों को वॉकर में बैठाना शुरू किया. चार-पांच महीने के बाद जब वॉकर हटाया तो बच्चा पैरों पर ना चलकर पंजों पर चलने लगा. अगर लंबे समय तक बच्चा पंजों पर चलता है तो उसे हड्डियों को नुकसान पहुंचता है.

Case 2: मां बाप ने बच्चों को वॉकर के माध्यम से चलना सिखाया. बिना वॉकर के बच्चे को जब हाथ पकड़ कर चलाया गया तो बच्चा पंजों पर चल रहा था. इसके बाद मां-बाप ने बच्चों को अर्ली इंटरवेंशन सेंटर में दिखाया. बच्चों ने तकरीबन दो महीने तक वॉकर इस्तेमाल किया था. शुरुआत में ही मां-बाप ने जब बच्चे को पंजे पर चलता दिखा तो सेंटर मिलकर दिखाया. इसके बाद तकरीबन 1 महीने एक्सरसाइज करने के बाद बच्चा ठीक हो गया और सामान्य रूप से पैरों पर चलने लगा.

Disclaimer: ETV भारत की खबर एक्सपर्ट द्वारा दी गई जानकारी पर आधारित है. खबर में दी गई किसी भी स्वास्थ्य संबंधित जानकारी की ईटीवी भारत पुष्टि नहीं करता है. खबर चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं हो सकती है. इस तरह की किसी भी समस्या के लिए संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक है.

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गाजियाबाद के संयुक्त अस्पताल में स्थित जिला अर्ली इंटरवेंशन सेंटर में पीडियाट्रिशियन के पद पर तैनात डॉ आम्रपाली सिन्हा बताती हैं कि वॉकर बच्चों को इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. वॉकर से बच्चों के गिरने की भी कई मामले लगातार सामने आते रहे हैं. जो बच्चे वॉकर इस्तेमाल करते हैं उनमें हड्डियों के टेढ़े होने का खतरा बना रहता है. आमतौर पर मां-बाप चाहते हैं कि बच्चा जल्दी से अपने पैरों पर चलने लगे इसके लिए वॉकर का इस्तेमाल करते हैं. 6-7 महीने के बच्चे को वॉकर में डाला जाता है.

डॉ आम्रपाली बताती हैं कि चलना बच्चों के लिए एक सामान्य प्रक्रिया है. जो बच्चे खुद ही सीखते हैं. 6 महीने का बच्चा बैठना सीखता है फिर 9 महीने में घुटनों पर चलना. इसके बाद सहारे से खड़ा होना भी आ जाता है. इसके बाद बच्चा चलना शुरू करता है. हालांकि, इस बीच मां-बाप हाथ पकड़ कर बच्चों को चलना सीखा सकते हैं. आमतौर पर देखा गया है कि जब बच्चे वॉकर पर चलना सीखते हैं. लेकिन, वॉकर के हटाने के बाद सामान्य रूप से चल पाना उनके लिए मुश्किल होता है. आमतौर पर बच्चे पंजों के ऊपर चलते हैं.

जिला अर्ली इंटरवेंशन सेंटर में फिजियोथेरेपिस्ट के पद पर तैनात मीनाक्षी सिंह बताती हैं कि वह बच्चों को वॉकर में बिठाकर चलाने की सलाह नहीं देती हैं, क्योंकि यह बच्चों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. कई ऐसे मामले केंद्र में सामने आ चुके हैं.

Case 1: हाल ही में एक मामला सामने आया था जिसमें मां-बाप ने बच्चों को वॉकर पर चलना सिखाया. 7 महीने होने पर मां-बाप ने बच्चों को वॉकर में बैठाना शुरू किया. चार-पांच महीने के बाद जब वॉकर हटाया तो बच्चा पैरों पर ना चलकर पंजों पर चलने लगा. अगर लंबे समय तक बच्चा पंजों पर चलता है तो उसे हड्डियों को नुकसान पहुंचता है.

Case 2: मां बाप ने बच्चों को वॉकर के माध्यम से चलना सिखाया. बिना वॉकर के बच्चे को जब हाथ पकड़ कर चलाया गया तो बच्चा पंजों पर चल रहा था. इसके बाद मां-बाप ने बच्चों को अर्ली इंटरवेंशन सेंटर में दिखाया. बच्चों ने तकरीबन दो महीने तक वॉकर इस्तेमाल किया था. शुरुआत में ही मां-बाप ने जब बच्चे को पंजे पर चलता दिखा तो सेंटर मिलकर दिखाया. इसके बाद तकरीबन 1 महीने एक्सरसाइज करने के बाद बच्चा ठीक हो गया और सामान्य रूप से पैरों पर चलने लगा.

Disclaimer: ETV भारत की खबर एक्सपर्ट द्वारा दी गई जानकारी पर आधारित है. खबर में दी गई किसी भी स्वास्थ्य संबंधित जानकारी की ईटीवी भारत पुष्टि नहीं करता है. खबर चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं हो सकती है. इस तरह की किसी भी समस्या के लिए संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक है.

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